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भारत में राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय पार्टी एवं कार्यप्रणाली

 Today's Topic: राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दल




राजनीतिक दल वे स्वैच्छिक संगठन होते हैं जो समान दृष्टिकोण रखते हैं तथा जो संविधान के प्रावधानों के अनुरूप राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक शक्ति प्राप्त करने की कोशिश करते हैं
निर्वाचन आयोग निर्वाचन के लिए राजनीतिक दलों को पंजीकृत करता है और उनके चुनाव निष्पादन  के आधार पर उन्हें राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दलों के रूप में मान्यता प्रदान करता है अन्य दलों को केवल पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दल घोषित किया जाता है।



👉🏻राष्ट्रीय स्तरीय दल 



🎯केंद्रीय चुनाव आयोग पिछले चुनावों के आधार पर राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय दल की घोषणा करता है। 
🎯यह घोषणा केंद्रीय चुनाव आयोग के नियम 1968 के तहत होता है।
🎯पंजीकृत दलों की कुल संख्या 2858 थी जिसमें 6 राष्ट्रीय दल, 57 राज्य दल और 2796 गैर मान्यता प्राप्त दल शामिल थे। 

👉🏻राष्ट्रीय स्तरीय दल हेतु तीन शर्तों में कोई एक पूरी करे:


🎯पार्टी कम से कम तीन अलग-अलग राज्यों से लोकसभा में 2% सीटें जीतती है।
🎯लोकसभा या विधान सभा के आम चुनाव में, पार्टी को किन्हीं चार या अधिक राज्यों में 6% वोट मिलते हैं और इसके अलावा यह चार लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करती है।
🎯पार्टी को चार राज्यों में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता मिलती है।

👉🏻राज्य स्तरीय दल हेतु पांच शर्तों में कोई एक पूरी करे: 


🎯एक पार्टी को राज्य विधान सभा के चुनाव में डाले गए वैध वोटों का कम से कम 6% सुरक्षित होना चाहिए और उस राज्य विधानसभा में कम से कम 2 सीटें जीतनी चाहिए।
🎯एक पार्टी को लोकसभा के चुनाव में डाले गए वैध वोटों का कम से कम 6% सुरक्षित होना चाहिए और लोकसभा में कम से कम 1 सीट जीतनी चाहिए।
🎯एक पार्टी को विधान सभा की कुल सीटों का कम से कम 3% या कम से कम तीन सीटें जीतनी चाहिए, जो भी अधिक हो।
🎯एक पार्टी को उस राज्य को आवंटित प्रत्येक 25 सीटों या उसके किसी अंश के लिए लोकसभा में कम से कम एक सीट जीतनी चाहिए।
🎯उदारीकृत मानदंडों के तहत, एक और खंड है कि यह राज्य पार्टी के रूप में मान्यता के लिए पात्र होगा यदि वह राज्य में डाले गए कुल वैध मतों का 8% या अधिक सुरक्षित करता है।




👉🏻राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय दल होने के लाभ:



चुनाव चिन्ह (election symbol)

🎯राज्‍य स्‍तरीय दल - सुरक्षित चुनाव चिन्ह आवंटित करने का विशेषाधिकार प्राप्त होता है।

🎯राष्‍ट्रीय दल - पूरे भारत में उम्‍मीदवारों के लिये सुरक्षित चुनाव चिन्‍ह आवंटित करने का अधिकार प्राप्‍त होता है।



मतदाता सूची (voter's list)
🎯आम चुनाव के दौरान उनके उम्‍मीदवारों को भी मतदाता सूची का एक सेट नि:शुल्क पाने का हक होता है।
🎯मतदाता सूचियों में संशोधन के वक्‍त मतदाता सूचियों के दो सेट नि:शुल्क पाने का अधिकार भी होता है।



प्रसारण की सुविधा 
🎯चुनाव के दौरान उन्‍हें निःशुल्क आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारण की सुविधा भी मिलती है।



प्रस्‍तावक (proposer)
🎯मान्‍यता प्राप्‍त राष्‍ट्रीय या राज्‍यस्‍तरीय उम्‍मीदवारों को नामांकन-पत्र दाखिल करते वक्‍त सिर्फ एक ही प्रस्‍तावक की ज़रूरत होती है।



स्‍टार-प्रचारक (Star Campaigner) 
🎯एक मान्‍यता प्राप्‍त राष्‍ट्रीय या राज्‍य स्‍तरीय दल- अधिकतम 40 स्‍टार-प्रचारक तथा 
गैर मान्‍यता प्राप्‍त पंजीकृत दल अधिकतम 20 स्‍टार-प्रचारक ही रख सकता है। 


🎯इन स्‍टार प्रचारकों की यात्रा का खर्च उस उम्‍मीदवार या दल के खर्च में नहीं जोड़ा जाता जिसके पक्ष में ये प्रचार करते हैं।भारत में अब 6 राष्ट्रीय राजनीतिक दल

👉 निर्वाचन आयोग ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्रदान कर दिया है
👉 इसके साथ ही टीएमसी, एनसीपी और सीपीआई से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया गया है।

कुल 6 राष्ट्रीय राजनीतिक दल

1. भारतीय जनता पार्टी


2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस


3. आम आदमी पार्टी


4. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी)


5. बहुजन समाज पार्टी


6. नेशनल पीपुल्स पार्टी 

क्षेत्रीय दल
यह विशेष राज्य क्षेत्र में सक्रिय होते हैं उनका चुनावी आधारित क्षेत्र तक सीमित रहता है
क्षेत्रीय हितों की बात करते हैं और विशेष सांस्कृतिक धार्मिक भाषा समूह एक साथ अपनी पहचान जोड़ते हैं प्राथमिक रूप से यह स्थानीय असंतोष का लाभ उठाते हैं तथा भाषा जाति समुदाय क्षेत्र आधारित विभिन्न प्रकार की मांगों का प्रश्न करते हैं।
यह स्थानीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर अपना स्थान केंद्रित कर राज्य स्तर पर राजनीतिक सत्ता पर काबिज होने के लक्ष्य सामने रखकर कार्य करते हैं
यह राष्ट्रीय हितों से ऊपर क्षेत्रीय हितों को रखते हैं राष्ट्रीय मुद्दे और समस्याओं के हल के प्रति अपने संकीर्ण दृष्टिकोण लेकर चलते हैं
क्षेत्रीय दलों के कारण क्षेत्रवाद जातिवाद भाषावाद संप्रदायवाद तथा जातिवाद को बढ़ावा मिलता है राष्ट्रीयता में रुकावट आती है
क्षेत्रीय दल लोकलुभावन मुद्दों पर अधिक ध्यान देते हैं ताकि वे अपना जनाधार बढ़ा सके मजबूत कर सके इसके चलते राज्य की अर्थव्यवस्था और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है
यह केंद्र में गठबंधन सरकार द्वारा निर्णय लेने वालों नीति निर्माण में क्षेत्रीय कार्यालय आते हैं वे केंद्रीय नेतृत्व को अपनी मांगों के लिए बाध्य करते हैं वे केंद्रीय नेतृत्व को अपनी मांगों पर झुकाने और उसे पूरा करने को भी बाध्य करते हैं

भारत के प्रथम आम लोकसभा चुनाव 1952 में 14 राष्ट्रीय दल व 39 राज्य स्तरीय दलों ने भाग लिया हालांकि दूसरे लोकसभा चुनाव 1957 में राष्ट्रीय दलों की संख्या घटकर सिर्फ 4 रह गई और राज्यस्तरीय दलों की संख्या भी घटकर 11  रह गयी। अतः यहां यह तथ्य उल्लेखित करना प्रासंगिक होगा कि भारत में प्रथम लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय दलों की संख्या सर्वाधिक थी और दूसरे लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय दलों की संख्या सबसे कम थी


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