राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 अध्याय धाराएं व अनुसूचियां भाग 2
राजस्थान नगरपालिका अधिनियम भाग 2
भाग -1--राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 भाग 1
अध्याय 11 -नगरीय विकास और नगर योजना (धारा 159 से 199)
धारा 159- नागरिक सर्वेक्षण और मास्टर विकास योजना तथा अन्य योजनाएं तैयार करना
मास्टर विकास योजना 20 वर्ष के लिए निष्पादन योजना 5 वर्ष के लिए और वार्षिक नगरपालिका कार्य योजना 1 वर्ष के लिए होती है
धारा 160- योजना तैयार करने और उसकी मंजूरी के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया। सलाहकार समिति का गठन
धारा 161 -राज्य सरकार द्वारा योजना मंजूर किए जाने के तुरंत पश्चात उसे लोक नोटिस द्वारा उल्लेख करते हुए योजना का अनुमोदन किया जा चुका है और उस स्थान का नाम देते हुए जहां योजना की प्रति का समस्त कालांश में निरीक्षण किया जाएगा प्रकाशित किया जाएगा।
धारा 162- नगरपालिका योजना के परिवर्तन में आने के पश्चात किसी भी समय राज्य सरकार के पूर्व अनुमोदन से योजना में आवश्यक उपांतरण कर सकेगी।
धारा 163- किसी भी योजना के परिवर्तन के पश्चात नगर पालिका योजना के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कार्रवाई कर सकेगी
धारा 164- इस अधिनियम के पूर्व तैयार की गई योजनाएं इस अधिनियम के अधीन तैयार की गई समझी जाएंगे
धारा 165- नगरपालिका स्वप्रेरणा या राज्य सरकार के आदेश से किसी योजना परिवर्तन की तारीख से 10 वर्ष के भीतर उस योजना का पुनिरीक्षण कर सकेगी
धारा 166- नगर पालिका किसी भी योजना के राज्य सरकार के अनुमोदन तथा राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद नगर के किसी भी क्षेत्र को किस अधिनियम के लिए विकास क्षेत्र घोषित कर सकेगी
धारा 167 -अप्राधिकृत विकास या योजना से असंगत उद्योग के लिए शास्ति
धारा 168- अप्राधिकृत विकास करने पर नगरपालिका इस धारा के तहत स्वामी को नोटिस जारी करेगी
ऐसे किसी कार्य के लिए दोस्ती पर अधिकतम ₹5000 अथवा अपराध जारी रहने पर प्रति दिवस ₹200 तक का जुर्माने का प्रावधान है
धारा 169-धारा 167 के अनुसार किसी भूमि का विकास किया जा रहा हो तो अभी तक पूर्ण नहीं हुआ हो नगरपालिका नोटिस की तामील की तारीख से भूमि के विकास को रोकने की अपेक्षा करते हुए नोटिस तामिल करवा सकेंगी।
धारा 170- यदि किसी व्यक्ति द्वारा धारा 167 के तहत अस्थाई प्रकृति का अप्राधिकृत विकास किया गया है तो नगरपालिका ऐसे व्यक्ति को लिखित आदेश जारी कर आदेश जारी करने की दिनांक से 15 दिवस की अवधि में अस्थाई अप्राधिकृत विकास को हटाने या भूमि के उपयोग को रोकने का निर्देश जारी कर सकेगी।
धारा 171 -भूखंड के उपविभाजन, पुनर्गठन या निजी मार्ग बनाने के लिए मंजूरी।
धारा 172- नगर पालिका द्वारा धारा 168-169 170 171 के अधीन कोई व्यय हुआ है इस अधिनियम के अधीन नगरपालिका की रकम होगी और भू राजस्व की बकाया के रूप में भूस्वामी से वसूल की जाएगी।
धारा 173- नगर पालिका के योजना के प्रस्ताव को क्रियान्वयन करने के प्रयोजन से नगरिया उनके किसी भाग के विकास के लिए ऐसी परियोजनाएं और स्कीम बना सकेगी जैसी आवश्यक समझी जाए।
धारा 174- नगरपालिका कृषि विकास क्षेत्र में संकल्प द्वारा धारा 173 के अधीन किसी भी परियोजना स्कीम की तैयारी अपने आशय की घोषणा कर सकेगी
धारा 175 किसी भी क्षेत्र के भवन मरम्मत के अभाव या अस्वस्थ दशाओं के कारण मानव निवास अनुपयुक्त है तो उनके समाधान के लिए पुनर्विकास की स्कीम जारी कर सकेगी।
धारा 176- परियोजना और सकीम को अनुमोदन के लिए नगर पालिका को प्रस्तुत करना
धारा 177 -किसी स्कीम की घोषणा के पश्चात भूमि के उपयोग और विकास का निर्बंधन।
धारा 178- यदि किसी भी अनुमोदित स्कीम प्रकाशन की तारीख से 2 वर्ष के भीतर क्रियान्वित नहीं की जाती तो 2 वर्ष की काल अवधि की समाप्ति पर स्कीम को समाप्त माना जाएगा
धारा 179- नगर पालिका की राय में यदि किसी परियोजना को बंद किया जाना अथवा उस में कुछ बदलाव किया जाना आवश्यक हो तो वह आवश्यक जांच करवा कर राजपत्र में अधिसूचना द्वारा घोषणा कर सकेगी
धारा 180- नगर पालिका से स्कीम बनाने की अपेक्षा करने की राज्य सरकार की शक्ति
धारा 181- इस अधिनियम के किसी भी उपबंध में नगर पालिका को योजना के अंतर्गत नहीं लाने वाली किसी परियोजना का स्कीम को क्रियान्वयन करने की स्वतंत्रता होगी।
धारा 182 -भूमि के उपयोग के परिवर्तन और भूमि के उपयोग का परिवर्तन अनूज्ञात करने की राज्य सरकार की शक्ति।
धारा 183 -नगर पालिका अपने क्षेत्र में स्थित मार्ग के किसी भी एक छोर दोनों लाइन विहित करेगी तथा किसी भी मार्ग को चौड़ा करने पर नई लाइन विहित करेगी या किसी भाग के स्थान पर समय-समय पर नई लाइन विहित करेगी।
धारा 184- भूमिगत उपयोगिता के मार्ग का अधिकार
धारा 185 -भूमिगत उपयोगिता के लिए नक्शे
धारा 186- नगर पालिका क्षेत्र में राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग के संबंध में विशेष उपबंध
धारा 187- उत्सव के दौरान मार्गों पर अस्थाई परिनिर्माण
धारा 188 -मार्ग नालिया परिसरों के निर्माण व मरम्मत के दौरान पूर्व सावधानियां
धारा 179- कोई भी व्यक्ति बिना नगरपालिका की लिखित आज्ञा के मार्ग में न तो गड्ढा खोदेगा और न हीं काष्ट जमा करेगा पत्थर ईट आदि कोई समान भी जमा नहीं करेगा।
धारा 190 -नगर पालिका सार्वजनिक मार्ग के प्रत्येक तरफ फुटपाथों का विकास सुनिश्चित करेगी।
धारा 191 -नगर पालिका दोनों मार्गों के कोनों पर बनने वाले भवनों की ऊंचाई सीमा तक निर्धारित करेगी उसे गोलाकार या घुमावदार करवा सकेगी।
धारा 192 -यदि कोई भवन सार्वजनिक मार्ग पर नियमित लाइन से बाहर निकल गया है तो नगरपालिका लिखित नोटिस देकर उसे हटवा सकेगी
धारा 193- कोई भी व्यक्ति भवन ऐसी सतह से नीची स्तर पर भवन नहीं बनाएगा जिससे कि उस भवन के जल निकासी उस समय विद्यमान्य नगर पालिका द्वारा निकाली गई सार्वजनिक नाली के जल प्रवाह से नीचा हो।
धारा 194 -समस्त प्रकार के भवन निर्माण से संबंधित उपबंध
धारा 195 -निवासियों के संगम द्वारा अपार्टमेंट कॉन्प्लेक्स का रखरखाव
धारा 196 -नगर पालिका क्षेत्र के भीतर कोई भी निर्माण करने वाला व्यक्ति निर्माण आरंभ करने से पूर्व प्रस्तावित निर्माण से संबंधित भवन स्थल पर किसी प्रमुख बोर्ड 4*4 पर प्रदर्शित करेगा
धारा 197- मरम्मत कार्य के दौरान भी होर्डिग लगाना
धारा 198 -नगरपालिका किसी प्राधिकारी अभिकरण या व्यक्ति द्वारा किसी भी इस कॉलोनी के उपबंध करवाए सुख सुविधा के रूप रखाव का कोई उत्तरदायित्व तब तक नहीं लेगी जब तक की कमियों को सुधारने के लिए प्रभार नहीं ले।
धारा 199 -कोई भी नगरपालिका किसी भी कालोनी को तब तक ग्रहण नहीं कर लेगी जब तक कि उसकी योजनाएं नगर पालिका द्वारा अग्रिम तौर पर अनुमोदित न कर दी गई है।
अध्याय 12 -नगरपालिका शक्तियां और अपराध (धारा 206 297)
धारा 200 -नालियों आदि पर नगरपालिका का नियंत्रण
धारा 201- नालियां आदि बनाने की शक्तियां
धारा 202- भवन से प्रभावी जल निकासी की व्यवस्था
धारा 203 -भवन या भूमियों के स्वामियों का नगर पालिका की नालियों में उत्सारण करने का अधिकार
धारा 204 -मल मूत्र और वर्षा जल की नालियों का प्रथक प्रथक होना
धारा 205 -अन्य व्यक्ति की भूमि पर या उसके नाली ले जाने का अधिकार नगरपालिका कैसे व किन शर्तों पर प्राधिकृत किया जाएगा
धारा 206 -धारा 205 के अधीन कोई कार्य इस प्रकार निष्पादित किया जाएगा कि कम से कम नुकसान हो
धारा 207- जिन भूमि से नाली ले जाइ जाए उस पर भवन निर्माण संबंधी स्वामी का अधिकार होगा।
धारा 208- नगर पालिका क्षेत्र में शौचालयों की व्यवस्था करना
धारा 209- कारखानों विद्यालय और सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय मुत्रालयों का निर्माण
धारा 210- शौचालय आदि में परिवर्तन करने उसकी मरम्मत करने और उसे ठीक करने की दशा में ख़र्च कर
धारा 211- नगर पालिका क्षेत्र में प्राइवेट नालियों को बंद करने की शक्ति
धारा 212- अप्राधिकृत रीति से निर्मित जारी रखने वाली मल नालियों के संबंध में शक्ती
धारा 213 -नगरपालिका के नालियों आदि का अतिक्रमण
धारा 214- नालियों आदि का निरीक्षण
धारा 215- नगरपालिका अध्याय से संबंधित कार्य उस व्यक्ति को निष्पादित करता है जो खुद खर्चों के 10% की दर से प्रशासनिक और पर्यवेक्षण प्रभार सहित नगरपालिका निधि देता है
धारा 216- राज्य सरकार के जल प्रदाय विभाग नगर पालिका को नगर पालिका के भीतर या बाहर जलप्रणाली पाइपलाइन मरम्मत करने की शक्ति होगी
धारा 217- कोई भी व्यवसायिक परिसर से नगरपालिका के नाली में कोई बहिःस्राव का निस्तारण नहीं किया जाए
धारा 218- व्यवसायिक परिसर द्वारा नगरपालिका के नालियों में बहिःस्राव के लिए पर्याप्त उपाय किए जाएंगे
धारा 219 -जन प्रणाली या नगरपालिका की नालियों पर बिना आज्ञा के भवन रेलवे और प्राइवेट मार्ग विनिर्माण नहीं किया जाएगा
धारा 220- यदि नगरपालिका किसी भी रेलवे लाइन के आर पार कोई उपाय या नाली रखना या ले जाना चाहता है तो रेल प्रशासन को सूचित करना अनिवार्य होगा और इसका पूरा खर्चा नगरपालिका को देना होगा
धारा 221- नगर पालिका क्षेत्र के किसी परिसर में जल निकास का एकमात्र यह सर्वाधिक सुविधा पूर्ण माध्यम होने पर किसी व्यक्ति की भूमि से पाइप लाइन लगाने या नाली रखने की शक्ति
धारा 222 -यदि कोई व्यक्ति नगर पालिका क्षेत्र में जल निकासी से संबंधित किसी कार्य के लिए उत्तरदाई है और वह समय पर पूरा नहीं करता तो मुख्य नगरपालिका अधिकारी पर्याप्त अवसर देने के पश्चात ऐसे कार्य का समय निष्पादन करवाएगा
धारा 223- नगर पालिका राज्य द्वारा निर्धारित तकनीकी योग्यताओं या अनुभव रखने वाले व्यक्तियों को ही प्लंबर के रूप में कार्य करने की आज्ञा होगी
धारा 224- कुछ कार्यों का नगर पालिका क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति के लिए प्रतिबंधित होगा जैसे नगरपालिका के नाली में मल प्लास्टिक थैलियां या अवशिष्ट पदार्थ फेंकना ।जल स्रोतों को दूषित करना
धारा 225- प्रत्येक नगरपालिका राज्य सरकार के अनुमोदन के पश्चात अपने क्षेत्र में मल्हन कार्यों के रखरखाव के लिए कर लगाकर उनका संग्रहण करें प्राइवेट अभिकरण को सौंप सकेगी
धारा 226 -ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में नगर पालिका के कर्तव्यों।
धारा 227 -ठोस अपशिष्टों का प्रबंध वे बिल बनाने और प्रभारो के संग्रहण को सौंपा जाना
धारा 228- ठोस अपशिष्टों का नगरपालिका की संपत्ति होना
धारा 229- ठोस अपशिष्ट का व्यय व अंतिम व्यय स्थान नियत करना।
धारा 230 -परिश्रम के स्वामियों का ठोस अपशिष्टों से उत्पन्न होने वाले स्रोतों का भंडारण करने का कर्तव्य
धारा 231- सरकारी आवासन सोसाइटी अपार्टमेंट स्वामी संगम आदि के कर्तव्यों
धारा 232- नगर पालिका क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति और किसी भूमिया भवन का स्वामी सार्वजनिक स्थलों पर कचरा नहीं फैलाएगा मृत जानवरों को ऐसे स्थान पर जमा नहीं करेगा जो नियत नहीं किया गया हो।
धारा 233- मार्गों को गंदा करने वाला कोई ठोस अपशिष्ट जमा करने के लिए दंड
धारा 234 -जीव चिकित्सा अपशिष्ट
धारा 235 -पर्यावरण संकट अपशिष्ट
धारा 236-नगरपालिका यातायात की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक मार्गों के भवनों के स्वामियों के लिए खुले बरामदे बालकोनी व कमरे बनाने के लिए लिखित में आज्ञा लेनी जरूरी है
धारा 237- नगर पालिका क्षेत्र के प्रत्येक भवन स्वामी से यह है उपेक्षा की जाती है कि वह अपने भवन की छतभाग में जल संग्रहण या जल निकासी इस प्रकार करेगा कि वह मार्ग में आने वाले व्यक्ति पर न पड़े और मार्ग को नुकसान भी नहीं पहुंचाए इसका उल्लंघन करने पर ₹1000 से 2000 तक का जुर्माना लग सकता है
धारा 238 -प्रत्येक 300 वर्ग मीटर से अधिक के भूखंडों पर निर्मित भवन में निर्धारित तिथि के लिए वर्षा जल संग्रह की प्रणाली स्थापित करनी होगी
धारा239-मकानों पर ब्रेकेट इत्यादि लगाना
धारा 240- नगर पालिका क्षेत्र में मार्गों का नाम रखना व मकानों की संख्याकन करना
धारा 241 -नगर पालिका राज्य सरकार के पूर्व अनुमोदन के पश्चात अपने किसी मार्ग्य्या स्थान पर मूर्ति लगाने की अनुमति प्राप्त करना
धारा 242- झाड़ियों वृक्ष आदि को हटाना और उनकी काट छांट करना
धारा 243- यदि कोई भवन गिरने की हालत में है अथवा किसी प्रकार से पड़ोसियों या राहगीरों के लिए खतरनाक है तो नगरपालिका तुरंत उचित प्रकार की कार्रवाई करेगा
धारा 244 -यदि कोई व्यक्ति नगरपालिका की अनुमति के बिना किसी सार्वजनिक मार्ग पर पटरी नाली या अन्य प्रकार की तोड़फोड़ करता है तो उसे 2000 से लेकर 5000 तक जुर्माने से दंडित किया जा सकेगा
धारा 245- सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण या बाधा पहुंचाने पर 3 माह से लेकर 3 वर्ष तक का साधारण कारावास 30000 से लेकर 50000 तक के जुर्माने का प्रावधान है
धारा 246 -नगर पालिका क्षेत्र में किसी कान की खुदाई या किसी जमीन से पत्थर मिट्टी आदि से खुदाई से किसी पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति के लिए खतरनाक हो तो ऐसी स्थिति में खतरे को रोकने की उचित व्यवस्था की अपेक्षा की जाएगी
धारा 247 -नगर पालिका क्षेत्र में बिना अनुमति के पशु रखने या मुर्गी पालन के उपयोग में नहीं लिया जाएगा
धारा 248 -कोई पशु या पक्षी धारा 247 का उल्लंघन करता हुआ पाया गया यह सार्वजनिक स्थान पर रस्सी से बंधा हुआ पाया गया है जनता के लिए खतरा पैदा करता हुआ पाया गया तो नगरपालिका ऐसे पशु का अधिग्रहण करके उसे विक्रय या नीलामी कर सकेगी
धारा 249-नगर पालिका को संक्रमित कुत्तों या पशुओं पर कार्रवाई करने की शक्ति
धारा 250- परिसरों के भीतर पशुओं के न्युसेंस रोकने की शक्ति
धारा 251- कोई व्यक्ति नगरपालिका की आज्ञा के बिना व्यवसायिक प्रयोजन के लिए दुधारू पशु या दूध का भंडारण या क्रय-विक्रय नहीं कर सकता
धारा 252 -कुछ प्रकार के यातायात के लिए सार्वजनिक मार्गों को प्रतिषिद्ध करने की शक्ति
धारा 253 -सार्वजनिक स्थानों पर निजी वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था
धारा 254- किसी व्यक्ति द्वारा नगरपालिका की लिखित अनुमति के बिना नगर पालिका क्षेत्र की किसी भी भूमि का उपयोग जानवरों के ठहरने के लिए नहीं किया जा सकता
धारा 255- अग्नि की रोकथाम के लिए व्यवस्था करना
धारा 256 -अग्निशमन दल की स्थापना तथा उनका रखरखाव
धारा 257 +आग बुझाने के लिए अग्निशमन दल और उनके व्यक्तियों की शक्तियां
धारा 258- प्लास्टिक की थैलियों के निर्माण आदि को प्रतिबंधित या वर्जित करने की शक्ति
धारा 259- कनेक्शन नहीं लेना या मल्लादी बहाने पर व्यक्ति को कम से कम ₹5000 का जुर्माना लग सकता है
धारा 260- यदि किसी भूमि या भवन का स्वामी भूमि को गंदी रखता है और नगरपालिका की राय में पड़ोस में रहने वाले व्यक्तियों के लिए अच्छी नहीं है तो नगरपालिका उसे साफ करने के लिए लिखित में नोटिस दे सकती है।
धारा 261 -प्रत्येक नगरपालिका नहाने के लिए सार्वजनिक स्थान पर नियत कर निवासियों को नहाने की पर्याप्त संख्या में स्नानागार व जल प्रवाह की व्यवस्था करेगी
धारा 262- यदि कोई व्यक्ति धारा 261 या किसी अन्य विधि के तहत आदेश की आज्ञा का पालन नहीं करके जल को दूषित करता है तो उस पर 1000 से लेकर 2000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
धारा 263 -कुओं आदि से पैदा होने वाले न्यूसेंस का उपशमन
धारा 264- नगर पालिका क्षेत्र में की जाने वाली विशेष प्रकार की खेती जो जन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है उसे प्रतिबंध कर सकेगी
धारा 265- दुर्गंध पुर्ण खाद को उपयोग में लाने पर 1000 से अधिकतम ₹2000 तक का जुर्माना लगा सके।
धारा 266 यदि कोई व्यक्ति उपेक्षा पूर्ण काम करता है जैसे पतंग उड़ाना पटाखे चलाना इससे वहां से गुजरने वाले व्यक्तियों को खतरा पैदा हो तो उसमें ₹100 से लेकर ₹500 जुर्माना लगाया जा सकता है
धारा 267 -किसी सार्वजनिक मार्ग पर मल मूत्र विसर्जन नहीं करेगा बिना अनुमति के किसी स्थान पर कब्र, समाधिया, स्मारक या शव को नहीं जलाया जाएगा
धारा 268 -नगर पालिका अपने क्षेत्र में चलने वाली प्रत्येक भठी से निकलने वाली धुएं के संबंध में आदेश जारी कर सकती है
धारा 269- बाजार वधशालाओं और कतिपय कारोबार के लिए आज्ञा देना
धारा 270-बाजार और वधशालाओं का खुला जाना और बंद किया जाना तथा किराए पर दिया जाना।
धारा 271 -नगर पालिका के सीमा के बाहर वधशाला आदि
धारा 272 नई वधशाला खोलना
धारा 273- वे शक्तियां जिनका खतरनाक रोगों को रोकने के लिए प्रयोग किया जा सकेगा
धारा 274- राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित अति भीड़ वाले क्षेत्रों के संबंध में विशेष शक्तियां जो राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी
धारा 275-शव गाड़ना और कब्रिस्तान के लिए उत्तरदाई
धारा 276- कब्रिस्तान और श्मशान के संबंध में शक्ति
धारा 277 शव को ले जाने का विनियमन
धारा 278- शमशान भूमियों पर ईंधन की दुकानों के लिए आज्ञा देने की शक्ति
धारा 279 -शव को दफन करवाने या जलाने की शक्ति
धारा 280- नगर पालिका क्षेत्र में मृत पशुओं के शवों को हटवाया जाना
धारा 281- यदि कोई संक्रमित व्यक्ति किसी खाद्य पदार्थ को बेचता है या गंदे कपड़े धोने या ले जाने का कारोबार करता है तो उसको तो सीधी का जुर्माना ₹1000 से लेकर ₹2000 लगाया जा सकता है
धारा 282 -यदि किसी भवन या स्थान में मांस रक्त हड्डियां उबालने मछलियों को काटने रंगाई गाड़ियों को ठहरने के स्थान के रूप में काम में लेता है तो नगरपालिका जुर्माना लगा सकती है
धारा 283 -मजदूरों को बुलाने व उनकी छुट्टी करने के लिए सायरन का उपयोग
धारा 284 -व्यक्ति को संबोधित नोटिस को तामील कराने की शक्ति
धारा 285- यदि नियम के अधीन कोई व्यक्ति से उनकी किसी संपत्ति संबंधी किसी कार्य को निष्पादित करने के लिए नोटिस जारी किया जाता है तो और वह व्यक्ति उसका उल्लंघन करता है तो नगरपालिका उस व्यक्ति पर ₹2000 तक का जुर्माना लगा सकती है और लगातार लगातार जारी रहने पर प्रतिदिन ₹50 जुर्माना लगाया जाएगा।
धारा 286- यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक नोटिस आदेश की पालना करने में विफल रहता है तो उस पर 2000 से लेकर ₹5000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है
धारा 287- स्वामी द्वारा व्यतीकर्म करने पर नगरपालिका की ही कार्य को निष्पादित कर सकेगी और उनका वह भी वसूल कर सकेगी
धारा 288 -यदि किसी भूमी या भवन का स्वामी नगर पालिका द्वारा किसी कार्य को करने या करवाने में विफल रहता है तो उक्त कार्य नगरपालिका के अनुमोदन के साथ है निष्पादित करवा सकेगा लेकिन उनका करवाने का वह भूमि या भवन के स्वामी से लिया जाएगा
धारा 289 -यदि किसी भूमिया भवन का स्वामी किसी कार्य को करने से रोकता है या मना करता है तो ऐसे भूमिका स्वामी मजिस्ट्रेट के पास प्रयाप्त सबूतों के साथ आवेदन कर सकता है
धारा 290- नगर पालिका द्वारा नियोजित व्यक्तियों काम में बाधा डालने की शक्ति
धारा 291- अधिनियम नियम व उप नियमों को भंग करने की शक्ति
धारा 292- इसके तहत मुख्य नगरपालिका अधिकारी है उसके द्वारा नियुक्त अधिकारी किसी भी मकान भूमि में सूर्यद्वय से सूर्यास्त के मध्य अपने सहायकों के साथ प्रवेश कर सकेगा
धारा 293- यदि ऐसा विश्वास हो जाए कि नगरपालिका के प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है नगर पालिका ऐसे व्यक्ति को नोटिस के बिना ऐसे भवन का निरीक्षण कर सकेगी
धारा 294- प्रवेश करने की शक्ति दरवाजे फाटक को खोलने या खुलवाने का विधि पूर्ण शक्ति।
धारा 295- इस अधिनियम के तहत कर की रकम के संबंध में किसी भी प्रकार के वाद विवाद होने पर निदेशक स्थानीय निकाय द्वारा निर्धारित किया जाएगा
धारा 296- खर्च और व्यय को कैसे वसूल किया जाए इसके सम्बन्ध में।
धारा 297 राज्य नगरपालिका संघ गठन और उनके कार्य
अध्याय 13 -अभियोजन वाद विवाद ( धारा 298 से 308)
धारा 298 -ऐसा कोई जुर्माना जिसकी वसूली के लिए इस अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है को मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर धन का दावा किया जा सकेगा
धारा 299 -अपराधों के संबंध में शक्तियां
धारा 300 -नगर पालिका की संपत्ति के नुकसान की पूर्ति कैसे की जाए
धारा 301 -अपराधों का जमानतीए होना
धारा 302- प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण होने पर भी पक्षकार कोई त्रुटि अनियमितता के लिए अतिचारी नहीं माना जाए।
धारा 303- इसके अधीन वसूली की राशि में विफल रहने की स्थिति में नगरपालिका किसी भी न्यायालय में वह वाद ला सकती है
धारा 304- नगर पालिका या उनके अधिकारियों के विरुद्ध वाद
धारा 305- कतिपय मामलों में सिविल न्यायालय द्वारा अस्थाई निषेधाज्ञा का मंजूर नहीं किया जाना
धारा 306 -समझौता करने की शक्ति
धारा 307 -नगर पालिका अभिलेखों को साबित करने की विधि
धारा 308- दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए नगरपालिका के कर्मचारियों को सम्मान करने पर निर्बंधन
अध्याय 14- नियंत्रण (धारा 309 से 327)
धारा 309- निदेशक उपनिदेशक और सहायक निदेशक की नियुक्ति और शक्तियां
धारा 310 -निरीक्षण तथा पर्यवेक्षण की शक्तियां
धारा 311- नगर पालिका के कार्यालय का निरीक्षण करने की शक्ति
धारा 312- नगर पालिका के आदेश आदि के निष्पादन को निलंबित करने की शक्ति राज्य सरकार द्वारा निर्मित अधिकारी
धारा 313- आपातकाल की दशा में असाधारण शक्तियां
धारा 314- आपातकाल के समय नगर पालिका द्वारा कर्मचारियों के लिए सरकार की अध्यपेक्षा का अनुपालन करना
धारा 315- सार्वजनिक कार्यों के निष्पादन के लिए अभिकरण
धारा 316 -राज्य सरकार द्वारा निष्पादित कार्यों के संबंध में विशेष
धारा 317 -नगर पालिका मामलों की सरकार द्वारा जांच
धारा 318- कर्मचारी वर्ग के नियोजन में अपव्यय को रोकने की सरकार की शक्ति
धारा 319 -नगर पालिका द्वारा कर्तव्यों के पालन में व्यवस्था करने की सरकार की शक्ति
धारा 320- नगर पालिका की स्थापना होने तक शक्तियों का प्रयोग
धारा 321- उस व्यक्ति को जिस की अभिरक्षा में नगर पालिका निधि है सरकार द्वारा निर्देश देने की शक्ति
धारा 322 -क्षमता नही होने या दो तिहाई से कम निर्वाचित सदस्य होने की दशा में नगर पालिका को विघटित करने की सरकार की शक्ति
धारा 323- नगर पालिका या एक से अधिक स्थानीय पदाधिकारियों के बीच विवाद कलेक्टर निपटारा करेगा
धारा 324 -नगर पालिका व नगर सुधार न्यास नगर विकास प्राधिकरण या किसी अन्य बोर्ड के बीच विवाद का निपटारा राज्य सरकार का अंतिम होगा
धारा 325- सरकार की नगरपालिका की उप विधियों नियमों को रद्द करने की शक्ति
धारा 326 -सरकार द्वारा शक्तियों का प्रत्यायोजन
धारा 327 -राज्य सरकार द्वारा अभिलेख मंगवाने की शक्ति
अध्याय 15 कर्मचारी
धारा 328 से 336
अध्याय 16 नियम विनियम उपविधियां
धारा 337 से 341
अध्याय 17 प्रकीर्ण
धारा 342 से 344
भाग-1 के लिए यहां क्लिक करें:-राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 भाग 1
सर्वोच्च न्यायालय:-सर्वोच्च न्यायालय का संगठन
राजस्थान का बजट 2023 24 व आर्थिक समीक्षा 2022 23
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