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दबाव समूह का अर्थ प्रकार महत्व दोष Pressure Groups

 

दबाव समूह का अर्थ प्रकार महत्व दोष


दबाव समूह, व्यक्तियों का एक संगठित समूह होता है जो किसी विशेष हित या मुद्दे को बढ़ावा देने के लिए सरकार या सार्वजनिक नीति को प्रभावित करने का प्रयास करता है, लेकिन वे सीधे चुनाव में भाग नहीं लेते हैं या सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश नहीं करते हैं.


परिभाषा:
ब्रिटानिका:
Britannica के अनुसार, दबाव समूह ऐसे लोगों का समूह है जो एक ही हित, चिंता या विचारों का समूह साझा करते हैं और जो राजनीति या सरकार, व्यापार आदि की नीतियों को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं. 


दबाव समूहों को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे कि संरचनात्मक (Institutional) और गैर-संरचनात्मक (Non-Institutional) दबाव समूह, औपचारिक (Formal) और अनौपचारिक (Informal) दबाव समूह, और हितों के आधार पर (जैसे व्यावसायिक, श्रमिक, किसान, छात्र, आदि)। 


1. संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक दबाव समूह:
संरचनात्मक दबाव समूह:
ये वे समूह होते हैं जो औपचारिक रूप से स्थापित होते हैं और सरकार या राजनीतिक व्यवस्था के भीतर काम करते हैं। उदाहरण के लिए, नौकरशाही, राजनीतिक दल, और सरकार के विभिन्न अंग। 
गैर-संरचनात्मक दबाव समूह:
ये वे समूह होते हैं जो अनौपचारिक रूप से संगठित होते हैं और सरकार के बाहर काम करते हैं। ये समूह अक्सर सामाजिक आंदोलनों या विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से अपनी बात रखते हैं। उदाहरण के लिए, छात्र संगठन, श्रमिक संघ, और सामाजिक कार्यकर्ता समूह। 
2. औपचारिक और अनौपचारिक दबाव समूह:
औपचारिक दबाव समूह:
ये वे समूह होते हैं जिनके पास स्पष्ट संरचना, सदस्य, और नियम होते हैं। ये समूह आमतौर पर सरकार या राजनीतिक व्यवस्था को प्रभावित करने के लिए औपचारिक तरीकों का उपयोग करते हैं, जैसे कि लॉबिंग, पैरवी, और जनसंपर्क। 
अनौपचारिक दबाव समूह:
ये वे समूह होते हैं जिनके पास औपचारिक संरचना या नियम नहीं होते हैं। ये समूह अक्सर सामाजिक आंदोलनों या विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से अपनी बात रखते हैं। उदाहरण के लिए, छात्र आंदोलन, श्रमिक हड़ताल, और सामाजिक कार्यकर्ता आंदोलन। 


3. हितों के आधार पर दबाव समूह:
व्यावसायिक समूह:
ये वे समूह होते हैं जो किसी विशेष व्यवसाय या उद्योग के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि फिक्की, एसोचैम, और CII। 
श्रमिक संघ:
ये वे समूह होते हैं जो श्रमिकों के अधिकारों और हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि INTUC, AITUC, और HMS। 
किसान संघ:
ये वे समूह होते हैं जो किसानों के अधिकारों और हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि अखिल भारतीय किसान सभा, और भारतीय किसान संघ। 
छात्र संगठन:
ये वे समूह होते हैं जो छात्रों के अधिकारों और हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि ABVP, NSUI, और AISF। 
पेशेवर संघ:
ये वे समूह होते हैं जो विभिन्न व्यवसायों के पेशेवरों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया, और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन। 
धार्मिक और जातीय समूह:
ये वे समूह होते हैं जो धार्मिक या जातीय समुदायों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि विश्व हिंदू परिषद, और मुस्लिम लीग। 

विशेषताएं:
दबाव समूह की विशेषताएं:


सदस्यों के हितों की रक्षा:
दबाव समूह अपने सदस्यों के विशिष्ट हितों की रक्षा करने के लिए काम करते हैं. 

राजनीतिक दलों से अलग:
वे राजनीतिक दलों की तरह चुनाव नहीं लड़ते और सत्ता में आने की कोशिश नहीं करते. 
। 

सरकार पर प्रभाव:
दबाव समूह सरकार की नीतियों को प्रभावित करने के लिए लॉबिंग, प्रचार, और अन्य तरीकों का उपयोग करते हैं. 

सीमित उद्देश्य:
दबाव समूहों का उद्देश्य अपने सदस्यों के हितों को बढ़ावा देना होता है, और वे व्यापक राजनीतिक या सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित नहीं करते. 

गैर-लाभकारी संगठन:
अधिकांश दबाव समूह गैर-लाभकारी संगठन होते हैं और वे अपने सदस्यों के योगदान से चलते हैं. 

विभिन्न प्रकार के समूह:
दबाव समूह विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, जैसे कि व्यापार संघ, श्रमिक संघ, पेशेवर संघ, धार्मिक और जातीय समूह. 

लोकतंत्र का हिस्सा:
दबाव समूह लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो सरकार को जनता की राय और हितों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाते हैं. 

संगठित:
दबाव समूह एक संगठित तरीके से काम करते हैं, जिसका अर्थ है कि उनके पास एक संरचना, नेता और सदस्य होते हैं.

हित-आधारित:
दबाव समूह किसी विशेष हित या मुद्दे को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं, जैसे कि व्यापार, श्रम, पर्यावरण, या मानवाधिकार.

नीति-प्रभाव:
दबाव समूह सरकार की नीतियों और कार्यों को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं, लेकिन वे सीधे चुनाव में भाग नहीं लेते हैं.
विभिन्न तरीके:
दबाव समूह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं, जैसे कि लॉबिंग, अभियान, विरोध प्रदर्शन, और जनमत को प्रभावित करना.



महत्व:
दबाव समूह लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे सरकार को विभिन्न दृष्टिकोणों और हितों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं. वे नागरिकों को अपनी आवाज उठाने और सार्वजनिक नीति को प्रभावित करने का एक मंच भी प्रदान करते हैं.

दबाव समूहों के दोष या आलोचना ( Pressure GroupsDisadvantages-Demerits in Hindi )
दबाव समूहों के दोष या आलोचना निम्नलिखित आधारों पर की जाती हैं –
1 अप्रजातांत्रिक Undemocratic
अप्रजातांत्रिक Undemocratic-आलोचकों का अनुसार , प्रजातांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक शक्ति का प्रयोग करने वाले व्यक्ति जनता के प्रति उत्तरदायी होते हैं लेकिन दबाव -समूह राजनीतिक प्रभाव और शक्ति का प्रयोग तो करते हैं किंतु इस स्थिति के लिए किसी के भी प्रति उत्तरदायी नहीं होते हैं । अनुत्तरदायी रूप से राजनीतिक प्रभाव और शक्ति का प्रयोग किये जाने के कारण ही इन्हें अप्रजातांत्रिक कहा जाता हैं ।

2 साधारण जनता के हितों की उपेक्षा Over -Looking of public interest
साधारण जनता के हितों की उपेक्षा Over -Looking of public interest-दबाव -समूहों का दृष्टिकोण बहुत संकुचित होता हैं । वे केवल अपने हितों को पूरा करने के लिए प्रयासरत रहते हैं और ऐसा करते समय जनता के हितों की उन्हें कोई चिंता नहीं होती । अतः इससे साधारण जनता के हितों को नुकसान पहुँचता हैं ।
3 भ्रष्ट आचरण Corrupt Condut
भ्रष्ट आचरण Corrupt Conduit-आलोचकों के अनुसार, दबाव -समूह भ्रष्ट आचरण के केंद्र हैं । दबाव -समूह विधायकों को रिश्वत देने तथा अनुचित व अनैतिक आचरण के कार्य भी करते हैं जिनका सार्वजनिक जीवन पर बहुत अधिक बुरा प्रभाव पड़ता है ।
4 राष्ट्रीय हित को खतरा Endangers National Interest
राष्ट्रीय हित को खतरा Endangers National Interest-विभिन्न दबाव समूहों के बीच हितों का एक निरंतर संघर्ष चलता रहता है । समूह या वर्ग के हितों के कारण कई बार सामान्य या राष्ट्रीय हितों को खतरा पैदा हो जाता हैं ।

5 अन्तर्राष्ट्रीयता में बाधक Interruptor in Internationality
अन्तर्राष्ट्रीयता में बाधक Interruptor in Internationality-दबाव -समूह अनेक बार अंतरराष्ट्रीय हितों को हानि पहुँचाने का आधार बन जाते हैं जैसे पश्चिमी देशों में शस्त्रों के निर्माण और उनके क्रय -विक्रय को प्रोत्साहित करने वाले ऐसे कुछ दबाव -समूह हैं जो अपने लाभ के लिए तनाव की स्थिति और युद्ध के वातावरण को बनाये रखने का प्रयत्न करते हैं ।
समूहों के दोषों की जानकारी दी हैं । दबाव -समूह के कुछ दोष अवश्य है परंतु इसके बिना जनता और शासन के बीच संपर्क सूत्रों का अभाव हो जाएगा तथा यह स्थिति लोकतांत्रिक संस्कृति तथा राष्ट्रीय हित व एकता के लिए घातक होगी । राजनीतिक दलों के साथ -साथ इनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण बनती जा रही हैं ।#politworld360

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