राजनीतिक का जादूगर श्री अशोक गहलोत
अशोक गहलोत एक भारतीय राजनेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री के हैं राजनीतिक गलियारों में जादूगर के नाम से फेमस राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तीसरी बार तीसरी बार सीएम हैं. उनका जन्म 3 मई 1951 को जोधपुर (राजस्थान) में हुआ।
- गहलोत ने विज्ञान और कानून में ग्रेजुएशन किया। फिर उन्होंने अर्थशास्त्र विषय में पीजी किया। सूबे की तीसरी बार कमान संभाल रहे गहलोत राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं बल्कि अक्सर उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता से हर किसी को हैरान किया है. राजस्थान से लेकर दिल्ली तक के सियासी गलियारों में गहलोत की राजनीतिक 'जादूगरी' के कई किस्से मशहूर है. जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से गहलोत ने 8वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा में सांसद का चुनाव जीता। वे कांग्रेस के दिग्गजों इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पी.वी.नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में केन्द्रीय मंत्री के रूप में काम कर चुके
हैं। गहलोत के बारे में कहा जाता है कि उन्हें अपने विरोधियों को राजनीति से ठिकाने लगाने में महारथ हासिल है. वहीं गहलोत को कांग्रेस (congress) में अनुभवी और कुशल रणनीतिकारों की पहली पंक्ति के नेताओं में गिना जाता है - सूबे के मुखिया बेहद लो प्रोफाइल राजनेता हैं।
कहा जाता है कि वे अपनी टीम में भी लो प्रोफाइल अफसरों को रखना पसंद करते हैं। श्री अशोक गहलोत 1971 बांग्लादेशी शरणार्थी शिविर में सहायता के लिए गए थे उसी समय उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मुलाकात की श्री अशोक गहलोत को एनएसयूआई का पहला राजस्थान अध्यक्ष 1974 से 1979 बनाया गया इसके बादस वो जोधपुर शहर अध्यक्ष बने! पहली बार 1 दिसबंर 1998 में और दूसरी बार 2008 में मुख्यमंत्री बनकर पांच साल सरकार चलाई। . गहलोत कांग्रेस में राजस्थान से लेकर दिल्ली दरबार तक की राजनीति में बराबर साझेदारी रखते हैं. राजनीतिक जीवन में कांग्रेस में रहते हुए ऐसे कई मौके आए जब हाईकमान के कहने पर गहलोत (ashok gehlot birthday) ने दी हुई जिम्मेदारी को कुशलतापूर्वक निभाते हुए संकटमोचक और कुशल रणनीतिकार का परिचय दिया. उनकी पारदर्शी कार्यशैली और प्रत्येक विषय को गहराई से जानने के समर्पण के कारण। श्रीमती इंदिरा गांधी और श्री राजीव गांधी जैसे दिवंगत नेताओं ने उनकी प्रशंसा की। प्रदेश के मुख्यमंत्री गहलोत के पूर्वजों का पेशा जादूगरी था।
— उनके पिता स्व. लक्ष्मण सिंह गहलोत खुद एक जादूगर थे।
— सीएम गहलोत ने अपने पिता से ही जादू सीखा था और कुछ दिन जादूगरी भी की।
- कम लोग ही जानते हैं कि वे अपनी गाड़ी में हमेशा पारले-जी बिस्किट रखकर चलते हैं।
- चाय के शौकीन गहलोत तलब होने पर सड़क किनारे भी चाय पी लिया करते हैं।
- विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में गहलोत की रुचि हो गई थी।
— तभी से वे समाज सेवा भी करने लगे थे।
—
— गहलोत 1980 में पहली बार जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए।
-
-
— दो बार केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं।
- दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं और इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद राजस्थान के तीसरी बार सीएम बने हैं।
-
-
- राजस्थान के सीएम गहलोत की शादी 27 नवंबर 1977 को सुनीता गहलोत के साथ हुआ। जो एक गृहणी है! इनके एक बेटी व एक बेटा है
— गहलोत के बेटे वैभव लोकसभा चुनाव 2019 में जोधपुर से कांग्रेस के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ रहे है !यहां यह तथ्य उल्लेखित करना आवश्यक है कि वैभव गहलोत वर्तमान में राजस्थान क्रिकेट एकेडमी के अध्यक्ष है
उपलब्धियां
- गहलोत ने विज्ञान और कानून में ग्रेजुएशन किया। फिर उन्होंने अर्थशास्त्र विषय में पीजी किया। सूबे की तीसरी बार कमान संभाल रहे गहलोत राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं बल्कि अक्सर उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता से हर किसी को हैरान किया है. राजस्थान से लेकर दिल्ली तक के सियासी गलियारों में गहलोत की राजनीतिक 'जादूगरी' के कई किस्से मशहूर है. जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से गहलोत ने 8वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा में सांसद का चुनाव जीता। वे कांग्रेस के दिग्गजों इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पी.वी.नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में केन्द्रीय मंत्री के रूप में काम कर चुके
हैं। गहलोत के बारे में कहा जाता है कि उन्हें अपने विरोधियों को राजनीति से ठिकाने लगाने में महारथ हासिल है. वहीं गहलोत को कांग्रेस (congress) में अनुभवी और कुशल रणनीतिकारों की पहली पंक्ति के नेताओं में गिना जाता है - सूबे के मुखिया बेहद लो प्रोफाइल राजनेता हैं।
कहा जाता है कि वे अपनी टीम में भी लो प्रोफाइल अफसरों को रखना पसंद करते हैं। श्री अशोक गहलोत 1971 बांग्लादेशी शरणार्थी शिविर में सहायता के लिए गए थे उसी समय उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मुलाकात की श्री अशोक गहलोत को एनएसयूआई का पहला राजस्थान अध्यक्ष 1974 से 1979 बनाया गया इसके बादस वो जोधपुर शहर अध्यक्ष बने! पहली बार 1 दिसबंर 1998 में और दूसरी बार 2008 में मुख्यमंत्री बनकर पांच साल सरकार चलाई। . गहलोत कांग्रेस में राजस्थान से लेकर दिल्ली दरबार तक की राजनीति में बराबर साझेदारी रखते हैं. राजनीतिक जीवन में कांग्रेस में रहते हुए ऐसे कई मौके आए जब हाईकमान के कहने पर गहलोत (ashok gehlot birthday) ने दी हुई जिम्मेदारी को कुशलतापूर्वक निभाते हुए संकटमोचक और कुशल रणनीतिकार का परिचय दिया. उनकी पारदर्शी कार्यशैली और प्रत्येक विषय को गहराई से जानने के समर्पण के कारण। श्रीमती इंदिरा गांधी और श्री राजीव गांधी जैसे दिवंगत नेताओं ने उनकी प्रशंसा की। प्रदेश के मुख्यमंत्री गहलोत के पूर्वजों का पेशा जादूगरी था।
— उनके पिता स्व. लक्ष्मण सिंह गहलोत खुद एक जादूगर थे।
— सीएम गहलोत ने अपने पिता से ही जादू सीखा था और कुछ दिन जादूगरी भी की।
- कम लोग ही जानते हैं कि वे अपनी गाड़ी में हमेशा पारले-जी बिस्किट रखकर चलते हैं।
- चाय के शौकीन गहलोत तलब होने पर सड़क किनारे भी चाय पी लिया करते हैं।
- विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में गहलोत की रुचि हो गई थी।
— तभी से वे समाज सेवा भी करने लगे थे।
—
— गहलोत 1980 में पहली बार जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए।
-
-
— दो बार केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं।
- दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं और इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद राजस्थान के तीसरी बार सीएम बने हैं।
-
-
- राजस्थान के सीएम गहलोत की शादी 27 नवंबर 1977 को सुनीता गहलोत के साथ हुआ। जो एक गृहणी है! इनके एक बेटी व एक बेटा है
— गहलोत के बेटे वैभव लोकसभा चुनाव 2019 में जोधपुर से कांग्रेस के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ रहे है !यहां यह तथ्य उल्लेखित करना आवश्यक है कि वैभव गहलोत वर्तमान में राजस्थान क्रिकेट एकेडमी के अध्यक्ष है
उपलब्धियां
अशोक गहलोत भारत सेवा संस्थान के संस्थापक हैं, जिसका उद्देश्य राजीव गांधी मेमोरियल बुक बैंक के माध्यम से एम्बुलेंस सेवाओं और पुस्तकों को मुफ्त में प्रस्तुत करना है।
Post a Comment