राजस्थान की झीले:सांभर झील
राजस्थान की झीले:सांभर झील झील -वे भी जल राशियां जो स्थल पर बने किसी भूखंड या बेसिन को घेरे रहती हैं झील कहलाती है राजस्थान में प्राकृतिक व कृत्रिम दोनों प्रकार की झीलें पाई जाती है राजस्थान में वर्षा जल संग्रहण की बहुत प्राचीन परंपरा रही है यह झीलें पेयजल के साथ-साथ सिंचाई के साधन के रूप में भी काम में आती हैं राजस्थान में झीलों का निर्माण यहां के शासकों के साथ-साथ सेठ साहूकारों द्वारा भी करवाया गया झीलो के प्रकार- बाॕलसन झील -पहाड़ियों से घिरे अभिकेंद्रीय अपवाह वाले विस्तृत समतल गर्त को बाॕलसन झील कहते हैं जैसे -सांभर झील प्लाया झील -मरुस्थल क्षेत्र के चोैरस सतह व अंनप्रवाहित द्रोणी वाली खारे पानी की छोटी झीलों को प्लाया झील कहते हैं इसमें वर्षा का पानी जमा होता है परंतु जल्दी ही भाप बनकर उड़ जाता है राजस्थान के पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश में प्लाया झील पाई जाती हैं उदाहरण के लिए डीडवाना झील विवर्तनिका झील- पृथ्वी के में होने वाले आंतरिक हलचलों के कारण बनी झील उदाहरण के लिए नक्की झील, वूलर झील, कैस्पियन सागर कालाडेरा झील- ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा के प्रवाह से बनी झील उदाहरण पुष्कर झील, लोनार झील महाराष्ट्र !राजस्थान में दो प्रकार की झीले पाई जाती हैं खारे पानी की झील व मीठे पानी की झील! राजस्थान में सर्वाधिक खारे पानी की झीले पाई जाती हैं सांभर झील फुलेरा तहसील जयपुर सांभर झील जयपुर से 70 किलोमीटर दूर है इसका विस्तार जयपुर नागौर अजमेर तीनों जिलों में है यह भारत की सबसे प्राचीन खारे पानी की झील है यह भारत की खारे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झील है भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील चिल्का झील उड़ीसा है जो एक तटीय झील है सांभर झील भारत की अंन्त:प्रवाह की सबसे बड़ी झील है सांभर झील क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान की सबसे बड़ी झील है सांभर झील का अपवाह क्षेत्र 500 वर्ग किलोमीटर का आकार आयताकार है इसकी लंबाई 32 किलोमीटर व चौड़ाई 3 से 15 किलोमीटर तक है सांभर झील में गिरने वाली 4 नदियां हैं 1-मेंन्था/मेढा़- उत्तर दिशा से 2-रूपनगढ़ -दक्षिण दिशा से 3-खारी- नागौर की तरफ से 4-खंडेला -सीकर की तरफ से इन नदियों में सर्वाधिक नमक बहाकर लाने वाली नदी मेंन्था नदी है! देश के कुल उत्पादन का लगभग 8 . 70% नमक सांभर झील से प्राप्त होता है सांभर झील से नमक उत्पादन का कार्य सांभर साल्ट लिमिटेड द्वारा किया जाता है जो हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड की सहायक कंपनी है इसमें केंद्र की 60% और राज्य की 40 % हिस्सेदारी है इसकी स्थापना 30 सितंबर 1964 में की गई थी! क्यार- यह वाष्पोत्सर्जन पद्वति द्वारा क्यारी बनाकर तैयार किया गया नमक! सांभर झील को अंग्रेजों द्वारा 1869 में जयपुर और जोधपुर से लीज पर ले लिया था सांभर में साल्ट म्यूजियम है जो 1870 ई. में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था यह राजस्थान का एकमात्र साल्ट मीडियम है बिजोलिया शिलालेख 1170 ई. के अनुसार सांभर झील का निर्माण चौहान शासक वासुदेव ने कराया था लेकिन भौगोलिक दृष्टि से सांभर झील मूलत: प्राकृतिक झील है गुजरात राज्य का राज्य पक्षी राजहंस व विरह का प्रतीक कुंरजा पक्षी यहां वितरण करने आते हैं जयपुर फुलेरा नागौर रेल मार्ग इसी झील से गुजरता है देश की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी - सांभर झील में नवंबर 2019 में सांभर झील में हजारों पक्षियों की "एवियन बोटूलिज्म" नामक बीमारी से मौत हो गई इस कारण सांभर झील काफी चर्चा में रही! सांभर लेक मैनेजमेंट प्रोजेक्ट- सांभर के प्रबंधन, विकास एवं संरक्षण के लिए सांभर लेक मैनेजमेंट प्रोजेक्ट का गठन बजट 2022 में किया गया है रामसर साईट -सांभर लेक को 23 मार्च 1990 को रामसर साईट में शामिल किया है राजस्थान की दूसरी रामसर साईट है रामसर अभिसमय स्थल- 2 फरवरी 1971 को ईरान के रामसर शहर में कैस्पियन सागर के तट पर एक विश्व सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसके तहत विश्व की आर्द्र भूमियों को प्राकृतिक जैव विविधता स्थल मानते हुए उन्हें रामसर अभिसमय स्थल के रूप में सरंक्षित करने का निर्णय लिया गया यह समझौता 21 दिसंबर 1975 को अस्तित्व में आया जिसने भारत 1 फरवरी 1982 को शामिल हुआ वर्तमान में इसमें 171 सदस्य हैं वह स्थल जो हमेशा जल से डूबा हुआ रहे आर्द्र भूमि कहलाता है विश्व आर्द्र भूमि दिवस 2 फरवरी को मनाया जाता है भारत में सर्वाधिक आर्द्र भूमि क्षेत्रफल वाला राज्य गुजरात है अप्रैल 2022 तक भारत में कुल 64 रामसर अभिसमय स्थल है जिसमें दो अभिसमय स्थल राजस्थान में है 1.केवलादेव घना पक्षी विहार -1 अक्टूबर 1981 को इस को शामिल किया गया! 2. सांभर झील -23 मार्च 1990 को रामसर अभिसमय स्थल में शामिल किया गया राजस्थान स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी- 10 अप्रैल 2018 को गठित की गई इसकी अध्यक्षता राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री व 20 सदस्यों वाले इस प्राधिकरण का गठन किया गया इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में वेटलैंड व झीलों को संरक्षण देना है सांभर झील सबसे प्रसिद्ध झील है इसके अनेंक कारण है- 1.ययाति की साम्राज्य स्थली- शुक्राचार्य की पुत्री देवयानी का विवाह नरेश ययाति के साथ सांभर में हुआ था लोक तीर्थ देवयानी झील (तीर्थो की नानी ) खारे पानी की झील कहां पर स्थित है 2.बिजोलिया शिलालेख 1170 ईस्वी - श्याम पार्श्वनाथ मंदिर मंदिर पर बिजोलिया शिलालेख लगा हुआ है जैन श्रावक लोलक ने इसे बनवाया इसमें चौहान वंश की वंशावली दी गई है चौहानों को वत्स गौत्र ब्राह्मण बताया गया था इसके अनुसार सांभर झील का निर्माण वासुदेव ने करवाया था 3.चौहानों की राजधानी- सांभर चौहानों का मूल स्थान है वासुदेव चौहान ने 551 ईस्वी में सांभर के आसपास चौहान राज्य की स्थापना की थी इसकी राजधानी अहिच्छत्रपुर थी 4. अकबर के विवाह स्थली- 6 फरवरी 1562 को हरकाबाई का विवाह अकबर के साथ सांभर में हुआ जो आमेर के शासक भारमल की पुत्री थी एवं मरियम उज़्ज़मानी के नाम से प्रसिद्ध थी! इन्ही का पुत्र जहांगीर था 5.नालीसर मस्जिद - सांभर झील के पास ही है मस्जिद में गुप्तकालीन सिक्के मिले हैं संत दादू दयाल ने अपने प्रथम उपदेश सांभर में ही दिए थे सांभर ख्वाजा इसामुद्दीन चिश्ती की पुण्यभूमि भी है सांभर झील के किनारे शाकंभरी माता का मंदिर स्थित है नोट- 1709 ई. तक इस झील पर मुगल सम्राट बहादुरशाह द्वारा नियुक्त नवाब का अधिकार था 1709 ई. में मारवाड़ व जयपुर की सेना ने मिलकर सांभर पर हमला कर झील पर अपना कब्जा कर लिया 1709 से 1949 ई. तक सांभर झील जयपुर मारवाड़ की संयुक्त अधिकार में रही! झील की आमदनी दोनों रियासतों में आधी आधी बांटी जाती थी यहां यह तथ्य उल्लेखित करना प्रासंगिक होगा कि पी.के .फिल्म की शूटिंग भी सांभर झील के किनारे हुई थी!इस प्रकार सांभर झील भारत की एक प्रसिद्व झील है!
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