बीकानेर महाराजा अनूप सिंह.( 1669 ई. -1698 ई.)
बीकानेर महाराजा अनूप सिंह.( 1669 ई. -1698 ई.) बीकानेर के शासक कर्ण सिंह की मृत्यु के बाद उनका पुत्र अनूप सिंह बीकानेर का शासक बना! मराठों के खिलाफ अभियान:- औरंगजेब ने अनूप सिंह को सन 1670 इस्वी को मराठों के विरुद्ध भेजा! . महाराजा व माही मारातिब:- अनूप सिंह की वीरता से प्रभावित होकर औरंगजेब ने इन्हें महाराजा व माही मारातिब की उपाधि दी. औरंगजेब का राजनीतिक सलाहकार अनूप सिंह ही था! बीजापुर व गोलकुंडा-.: 1685- 86 ईस्वी में बीजापुर में 1687 ईस्वी में गोलकुंडा के घेरे के समय मुगल सेना के साथ था अनूप सिंह का शासन काल बीकानेर चित्रकला का सर्वण काल कहा जाता है इसके समय बीकानेर चित्रकला शैली का पर दक्षिण चित्रकला का प्रभाव दिखाई देता है. उस्ता कला.-: महाराजा अनूप सिंह अपने शासनकाल में उस्ता कला के कलाकारों को लाहौर से बीकानेर लाए थे! . 33 करोड़ देवी देवताओं का मंदिर:-. अनूप सिंह ने औरंगजेब के लिए दक्षिण अभियान में रहते हुए दक्षिण भारत से अनेक मूर्तियों का संग्रह कर बीकानेर भिजवाई थी इन मूर्तियों को बीकानेर के 33 करोड़ देवताओं के मंदिर में रखवाया!. इन्होंने संस्कृत और राजस्थानी ग्रंथों का संग्रह कर उन्हें अनूप संस्कृत पुस्तकालय में रखवाया. अनूप सिंह को विद्वानो का जन्मदाता कहा जाता है भाव भट्ट ,मणिराम, वैद्यनाथ अनंग भट्ट आदि विद्वानों के दरबारी कवि थे. अनूप सिंह के समय के समकालीन विद्वान आनंदा राम ने गीता का सर्वप्रथम मारवाड़ी गद्य व पद्य में अनुवाद किया बेताल पच्चीसी की कथाओं का कविता मिश्रित मारवाड़ी गद्य में अनुवाद किया अनूप सिंह की प्रमुख रचनाएं अनूप संगीत विनोद, अनूप विवेक, काम प्रबोध, श्राद्ध प्रयोग, चिंतामणि और गीत गोविंद की अनुपोदयध! पंडित भाव भट्ट:- अनूप सिंह का दरबारी कवि संगीतकार व संगीत आचार्य जनार्दन भट्ट का पुत्र था जिसने भाव मंजरी ,मंजरी टिक्का, अनूप संगीत रत्नाकर, अनुराग सागर, अनुपाकुशं, अनूप संगीत वर्तमान, अनूप राग माला आदि ग्रंथों की रचना की! उनके दरबारी कवि मणीराम ने अनूप व्यवहार सागर व अनूप विलास की रचना की. ! आनंद भट्ट ने तीर्थ रत्नाकर की रचना की!. वैद्यनाथ ने ज्योत्पति सार की रचना की! इन्होंने 1678 इस्वी में अनूपगढ़ की स्थापना की!. वनमाली दास:- अनूप सिंह का दासी पुत्र भाई था इसने धर्म परिवर्तन कर औरगजेब से बीकानेर का आधा राज्य लिखवा लिया !वनमाली दास जब बीकानेर आया तो अनूप सिंह ने उनका स्वागत किया वनमाली दास ने बीकानेर आकर लक्ष्मीनाथ मंदिर के पास जीव हत्या करवाई अनूप सिंह ने छल से वनमाली दास को मरवा दिया वनमाली की शादी एक दासी की पुत्री से करवा दी उस स्त्री ने वनमाली दास को शराब में संखिया मिलाकर पिला दिया.! अनूप सिंह अपने समय का एक महान योद्धा महान कवि था. यहां यह तथ्य उल्लेखित करना प्रासंगिक होगा कि. अनूप सिंह के बाद उनका पुत्र स्वरूप सिंह मात्र 9 वर्ष की उम्र में बीकानेर का शासक बना. उसके समय में राज्य का शासन उनकी मां संभालती थी इस दोैरान राज्य के सामन्तों और मंत्रियों में कई गुट बन गए थे.
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