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बाल मनोविज्ञान शैशवावस्था बाल्यावस्था किशोरावस्था की प्रमुख विशेषताएं


बाल मनोविज्ञान शैशवावस्था बाल्यावस्था किशोरावस्था की प्रमुख विशेषताएं

मनुष्य के शरीर का निर्माण गर्भावस्था से आरंभ होता है इसके अंतर्गत शरीर की लंबाई वजन तथा शरीर के विभिन्न अंगों का विकास होता है शारीरिक विकास बालक के अन्य सभी  विकास को प्रभावित करता है

गैसल-विकास अभिवृत्ति के संप्रत्यय की अपेक्षा अधिक व्यापक है इसका अवलोकन मूल्यांकन तथा कुछ सीमा तक तीनों रूपों शरीर रचनात्मक शरीर क्रिया ,विज्ञानात्मक एवं व्यवहारात्मक में मापन किया जा सकता है व्यवहारात्मक संकेत ही विकास के सर्वाधिक व्यापक परिचायक होते हैं

रेबर-किसी प्राणी के पूर्ण जीवन विस्तार में होने वाले परिवर्तनों के क्रम को विकास कहते हैं

जे ई एंडरसन-विकास का अर्थ केवल अपनी ऊंचाई पर डालना या योग्यता में सुधार लाना नहीं है विकास बहुत सी संरचनाओं और कार्यप्रणाली को एकीकृत करने की जटिल प्रक्रिया है

ई बी हरलोक-विकास का अर्थ है परिवर्तनों की प्रगतिशील श्रंखला जो परिपक्वता और अनुभव के परिणाम स्वरूप सुव्यवस्थित और सुसंगत ढंग से घटित होती है




विकास के विभिन्न सोपानों की प्रमुख विशेषताएं

शैशवावस्था (जन्म से 5 वर्ष) की प्रमुख विशेषताएं

शैशवावस्था की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है

सामाजिक मुस्कान की अवस्था

सीखने का आदर्श काल

भावी जीवन की आधारशिला

जीवन का सबसे महत्वपूर्ण काल

अनुकरण द्वारा सीखने की अवस्था

तीव्रता से शारीरिक विकास की अवस्था

क्षणिक संवेग की अवस्था

समुचित सांवेगिक  विकास की दृष्टि से स्वर्ण काल

खिलौनों की आयु ( पूर्व बाल्यावस्था )-ब्रूनर

कुछ ना कुछ बोलने की अवस्था ब्रूनर

खतरनाक काल या अपीली काल हरलाऀक

आत्म गौरव की प्रवृत्ति स्वयं को बढ़ा चढ़ा कर पेश करना

अब तुम प्रेम की प्रवृत्ति अपने आप से प्रेम करना

कल्पना की सजीवता

मूल प्रवृत्तियों पर आधारित व्यवहार जैसे भूख लगने पर पत्थर को मुंह में रख लेना

स्वार्थी व आत्म केंद्रित
जिज्ञासा की प्रवृत्ति हर वस्तु को जानना

एकांत में वैशाख खेलने की प्रवृत्ति 2 वर्ष तक अकेला 3 वर्ष में दूसरों के साथ

काम प्रवृत्ति अंगूठा चूसना स्तनपान करना

नकारात्मक व्यवहार

रटने पर आधारित स्मृति

प्रतिर्वत वह सहज क्रिया जैसे चूसना निगलना करतल करना आदि

उद्देश्य पूर्ण क्रिया

प्राक स्कूली अवस्था

उत्सुकता व अन्वेषण की अवस्था



बाल्यावस्था ( 6 से 12 वर्ष )की प्रमुख विशेषताएं

वैचारिक क्रिया अवस्था

टोली दल समूह की आयु

मिथ्या परिपक्वता का काल

अनोखा काल

खेल की आयु

प्रतिद्वंद्वात्मक समाजीकरण का काल

मूर्त चिंतन की अवस्था

तीव्र शारीरिक क्रियाशीलता के अभिवृद्धि का काल

नये कौशलो एवं क्षमताओं के विकास की वृद्धि में स्वर्णिम काल

8 से 12 वर्ष का समय अद्वितीय समय है स्टैंनले हाल

उत्पात्ति अवस्था उत्तर बाल्यावस्था

चुस्ती की आयु उत्तर बाल्यावस्था

गंदी आयु पूर्व बाल्यावस्था



किशोरावस्था ( 13 से 18 वर्ष) की प्रमुख विशेषताएं

सामाजिक रुप से परिपक्वता का काल

देशभक्ति वीरता का काल

अमूर्त चिंतन की अवस्था

दल भक्ति की अवस्था

जीवन का सबसे कठिन काल

अटपटी व उलझन की अवस्था

समस्याओं की अवस्था

द्रुत व तीव्र विकास की अवस्था

स्वर्ण  काल

बसंत ऋतु

सामाजिक स्वीकृति के अवस्था

व्यक्तिगत एवं घनिष्ट मित्रता की अवस्था

प्रबल दबाव व तनाव की अवस्था

संवेगात्मक परिवर्तन की अवस्था

आत्मसम्मान व आत्म स्वीकृति की अवस्था

तार्किक चिंतन की अवस्था

संघर्ष और तूफान की अवस्था

उथल-पुथल की अवस्था

संक्रमण काल की अवस्था सक्रांति काल

टीन एज

एज ऑफ ब्यूटी

सुनहरी अवस्था


स्टैनले हॉल-किशोरावस्था एक नया जन्म है क्योंकि इसी में उच्चतर और श्रेष्ठतम मानव विशेषताओं के दर्शन होते हैं



माध्यमिक शिक्षा आयोग_  हमारे माध्यमिक विद्यालयों को छात्रों की विभिन्न प्रवृत्तियों रुचियों और योग्यता को पूर्ण करने के लिए विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों की व्यवस्था करनी चाहिए



वैलेंटाइन- किशोरावस्था अपराध प्रवृति के विकास का नाजुक समय है पक्के अपराधियों की एक विशाल संख्या किशोरावस्था में ही अपने व्यवसायिक जीवन को गंभीरता पूर्वक आरंभ करती है


कोलेसनिक- किशोर प्रोढ़ो को अपने मार्ग की बाधा समझता है जो उसे अपनी स्वतंत्रता का लक्ष्य प्राप्त करने से रोक दें

राऀस _शिशु के समान किशोर को अपने वातावरण से समायोजन करने का कार्य प्रारंभ करना पड़ता है

बीएन झा -हमारे सब के संवेगात्मक व्यवहार में कुछ विरोध होता है पर किशोरावस्था में यह  व्यवहार विशेष रूप से स्पष्ट होता है

स्किनर- किशोर के व्यवहार का अंतिम और महत्वपूर्ण स्वरूप व्यक्तित्व प्रोढ़ता की दिशा में बढ़ने में लक्षित होना है

जरशील्ड- किशोरावस्था वह समय है जिसमें विचारशील व्यक्ति बाल्यावस्था  से परिपक्व अवस्था की और संक्रमण करते हैं

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन डब्ल्यूएचओ के अनुसार किशोरावस्था की आयु स् 10 से 19 वर्ष तक की आयु के मध्य होती है तथा यूथ 15 से 24 तक की आयु के मध्य होता है इस प्रकार युवा व्यक्ति 10 से 24 वर्ष तक की आयु के मध्य गिना जाता है।





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