अंतरराष्ट्रीय राजनीति में निर्णय निर्माण सिद्धांत विनिश्चय सिद्धांत Decision making theory
अंतरराष्ट्रीय राजनीति में निर्णय निर्माण सिद्धांत/ विनिश्चय सिद्धांत/ डिसीजन मेकिंग थ्योरी
अंतरराष्ट्रीय राजनीति में डिसीजन मेकिंग थ्योरी व्यवहारवादी क्रांति और अन्त: शास्त्रीय उपागम की देन है निर्णय निर्माण सिद्धांत इस बात पर अध्ययन करता है कि विदेश नीति संबंधी निर्णय किस प्रकार लिए जाते हैं
जेम्स रोबिनसंस-
कहता है कि निर्णय निर्माण एक सामाजिक प्रक्रिया है इसमें किसी समस्या के समाधान के लिए अनेक विकल्प छाटे जाते हैं और अंत में सर्वोत्तम विकल्प का चयन किया जाता है|
निर्णय निर्माण सिद्धांत की 3 शाखाएं हैं
व्यक्तित्व कारक
पर्यावरण शाखा
प्रक्रिया
1-व्यक्तित्व कारक शाखा
इस शाखा के अनुसार राष्ट्र के नेता विदेश नीति का निर्माण व निर्णय लेते हैं जैसे भारतीय विदेश नीति का निर्माण व निर्णय जवाहरलाल नेहरू ने चीन की विदेश नीति माओ ने तथा पुतिन ने रूस की विदेश नीति का निर्माण किया।
व्यक्तित्व कार्य शाखा के समर्थक एलेग्जेंडर जॉर्ज व जूलिएट जार्ज है इन दोनों ने वुडरो विल्सन के व्यक्तित्व का अध्ययन किया और इसे परिवर्धन मूलक तकनीकी का नाम दिया।
2-पर्यावरण शाखा
इस शाखा के अनुसार पर्यावरण विदेश नीति के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इस शाखा के समर्थक स्प्राउट और स्प्राउट है
यह दो प्रकार के पर्यावरण की चर्चा करते हैं
अ-आंतरिक पर्यावरण( घरेलू परिस्थितियां)
ब-बाहय पर्यावरण ( वैश्विक वातावरण)
नोट- लॉरेंस कोसलो भी पर्यावरण की महत्वपूर्ण भूमिका मानता है लेकिन कोसलो ने निर्माण के चार तत्व बताता है
१-आंतरिक पर्यावरण
२-बाहय पर्यावरण
३-विदेश पर्यावरण
५-प्रक्रिया
प्रक्रिया
प्रक्रिया निर्णय निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है रिचर्ड स्नाइडर (Richard Synder), ब्रुक (Bruck) तथा स्पाइन (Sapin) प्रक्रिया पर सर्वाधिक बल देते हैं
यह अपनी पुस्तक डिसीजन मेकिंग एज एन अप्रोच टू द स्टडी ऑफ इंटरनेशनल पालिटिक्स 1969 में लिखते हैं कि निर्णय निर्माण में व्यक्तित्व कारक ,पर्यावरण तथा प्रक्रिया तीनों की भूमिका होती है परंतु सबसे महत्वपूर्ण भूमिका प्रक्रिया की होती है।
रिचर्ड स्नाइडर (Richard Synder), ब्रुक (Bruck) तथा स्पाइन (Sapin) प्रक्रिया के तीन तत्व बताते हैं
क्षमता(competence)
अभिप्रेरणा(innovation)
सूचना(information)
जेम्स बर्टन प्रक्रिया के तीन तत्व बताता है
प्रत्यक्षण (perception)
प्रत्याशा(expection)
सूचना(information)
जोसेफ फ्रेकले भी प्रक्रिया के तीन तत्व बताता है
सूचना (information)
प्रत्यक्षण(perception)
मूल्य (value)
हैराल्ड लासवेल
लासवेल अपनी पुस्तक सेवन इंडिकेटर 1972 में निर्णय निर्माण प्रक्रिया के निम्न सात तत्व बताता है
अभिप्रेरणा
सिफारिश
प्रत्यक्षण
सूचना
अनुप्रयोग
मूल्यांकन
अवसान
हर्बट साइमन
यह अपनी पुस्तक एडमिनिस्ट्रेटिव बिहेवियर 1946 में लिखता है कि अगर तार्किकता के आधार पर देखें तो निर्णय निर्माण के तीन तत्व मिलते हैं
1-बौद्धिक गतिविधि (इंटेलिजेंस एक्टिविटी)
इसका तात्पर्य है कि हमें समस्या के सभी पक्षों का अध्ययन करना चाहिए
2-संरूपण गतिविधि( डिजाइन एक्टिविटी)
इसका तात्पर्य समस्या समाधान के लिए अनेक विकल्पों का तलाशने से है
3-चयन प्रक्रिया (चॉइस एक्टिविटी)
इसके तहत सबसे बेहतर विकल्प का चयन किया जाता है
आगे साइमन लिखता है कि निर्णय न तो पूर्णता तार्किकता पर आधारित होता है और ना ही मूल्य पर| इसमें दोनों का समावेश होता है परंतु अंतिम मूल्य पर आधारित होता है इस आधार पर साइमन सीमित तार्किकता मॉडल देता है जिसे प्रशासनिक मानव मॉडल भी कहते हैं और इसमें यह आठ चरण बताता है।
रोजर हिल्स मैन
इसके अनुसार निर्णय निर्माण में विधायिका और कार्यपालिका दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
जेम्स रोबिन्संन
कार्यपालिका की तुलना में विधायिका की निर्णय निर्माण में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
मूल्यांकन -यह भी एक आंशिक सिद्धांत है क्योंकि यह केवल विदेश नीति का अध्ययन करता है संपूर्ण अंतरराष्ट्रीय राजनीति का अध्ययन नहीं करता परंतु विदेश नीति के अध्ययन में यह अत्यधिक उपयोगी है
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