राजनीति विज्ञान का अर्थ परिभाषा स्वरूप और दृष्टिकोण
राजनीति विज्ञान का अर्थ परिभाषा स्वरूप और दृष्टिकोण (बीए पार्ट प्रथम)
राजनीतिक विज्ञान के जनक अरस्तु को माना जाता है राजनीति विज्ञान का जन्म यूनान में हुआ और राजनीति विज्ञान का विकास यूरोप में हुआ
राजनीति का अंग्रेजी शब्द पॉलिटिक्स(politics) है पॉलिटिक्स की उत्पत्ति यूनानी भाषा के पोलीस(polis) शब्द से हुआ। जिसका अर्थ है नगर राज्य।
राजनीति विज्ञान का अध्ययन हम तीन भागों में बांट कर कर सकते हैं
1.राज्य के अध्ययन के रूप में
2=सरकार के अध्ययन के रूप में
3 सरकार व राज्य दोनों के अध्ययन के रूप में
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राज्य के अध्ययन के रूप में
गार्नर-राजनीतिक विज्ञान का प्रारंभ व अन्त राज्य के साथ होता है।
ब्लंटशली- इसके अनुसार राज्य के आधारभूत तत्व राज्य की प्रकृति कैसी है इन बातों का अध्ययन किया जा सकता है।
जेम्स-राजनीतिक शास्त्र राज्य का विज्ञान है
गुडनाॅव/गुडरोव-राजनीतिक विज्ञान में राज्य की वर्तमान एवं विकासात्मक दशाओं का अध्ययन किया जाता है।
सरकार के अध्ययन के रूप में
राज्य का अमूर्त संस्था है सीले व लीकाॅक ने राजनीति विज्ञान को सरकार का अध्ययन कहा है।
लीकाॅक-राजनीतिक विज्ञान सरकार से संबंधित अध्ययन करता है
सीले-जिस प्रकार जीव विज्ञान में जीव का अर्थशास्त्र में अर्थ संपत्ति का बीजगणित में अंको का तथा रेखा गणित में स्थान और दूरी का अध्ययन किया जाता है उसी प्रकार राजनीतिक शास्त्र में सरकार का अध्ययन किया जाता है ।
राजनीतिक विज्ञान सरकार और राज्य दोनों के अध्ययन के रूप में
पाॅल जैनेट-राजनीतिक विज्ञान समाज विज्ञान का वह अंग है जिसमें राज्य का आधार और सरकार के सिद्धांत पर विचार किया जाता है
गिलक्राईस्ट- राजनीति विज्ञान में राज्य व सरकार की समस्याओं का अध्ययन किया जाता है।
डिमाॅक-राजनीतिक शास्त्र का संबंध राज्य से तथा उनके साधन सरकार से हैं
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि राजनीतिक शास्त्र वह विज्ञान है जो मानव के राजनीतिक और सामाजिक प्राणी होने के नाते उससे संबंधित राज्य व सरकार दोनों संस्थाओं का अध्ययन किया जाता है।
राजनीतिक विज्ञान के परंपरागत और आधुनिक दृष्टिकोण
राजनीतिक विज्ञान का परंपरागत दृष्टिकोण
1-राजनीति विज्ञान का परंपरागत दृष्टिकोण मूल्य नैतिकता बदल देता है जैसे न्याय स्वतंत्रता गांधीगिरी लोकतंत्र धर्मनिरपेक्षता आदि पर बल देता है
2-राजनीतिक विज्ञान का परंपरागत दृष्टिकोण समष्टिवादी है यह अध्ययन की व्यापक बड़ी इकाइयों पर बल देता है
3-राजनीति विज्ञान का परंपरागत दृष्टिकोण द्वितीयक आंकड़ों पर बल देता है
4-राजनीतिक विज्ञान का परंपरागत दृष्टिकोण अच्छे या बुरे नैतिक मूल्य पर बल देता है
5-राजनीतिक विज्ञान का परंपरागत दृष्टिकोण में संविधान का अध्ययन, राज्य और सरकार का अध्ययन ,सरकार के अंगो का अध्ययन, 2 देशों की संस्थाओं का तुलनात्मक अध्ययन, राजनीतिक दल ,अंतरराष्ट्रीय संस्था आदि का अध्ययन किया जाता है।
राजनीतिक विज्ञान का आधुनिक दृष्टिकोण
1-राजनीतिक विज्ञान का आधुनिक दृष्टिकोण तथ्यों पर बल देता है यह मनोवैज्ञानिक और व्यवहारवादी है
राजनीतिक विज्ञान का आधुनिक दृष्टिकोण व्यष्टिवादी है और अध्ययन की छोटी-छोटी इकाइयों पर बल देता है।
2-राजनीतिक विज्ञान का आधुनिक दृष्टिकोण दबाव समूह राजनीतिक प्रक्रिया आंतकवाद नक्सलवाद हित समूह आदि का अध्ययन करता है
3-राजनीतिक विज्ञान का आधुनिक दृष्टिकोण प्राथमिक आंकड़ों पर बल देता है जो अनुभव पर आधारित होते हैं जैसे एग्जिट पोल ,ओपिनियन पोल
4-राजनीतिक विज्ञान का आधुनिक दृष्टिकोण व्यवहारवादी है और यह वर्तमान की ही बातें करता है
5-राजनीति विज्ञान का आधुनिक दृष्टिकोण सत्य असत्य पर आधारित न होकर yes/No पर आधारित है
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