राजस्थान लोकायुक्त एवं लोकायुक्त अधिनियम(Rajasthan Lokayukta and Uplokayukt act)
▪️राजस्थान लोकायुक्त
( Rajasthan Lokayukta )
देश में सबसे पहले 1970 में उड़ीसा राज्य द्वारा लोकायुक्त की स्थापना हेतु अधिनियम पारित किया गया लेकिन वहां लोकायुक्त की स्थापना 1983 में जाकर हुई इससे पहले महाराष्ट्र में 1971 में लोकायुक्त अधिनियम पारित कर लोकायुक्त की नियुक्ति की गई। इस प्रकार देश में सर्वप्रथम महाराष्ट्र में लोकायुक्त की नियुक्ति की गई।
▪️राजस्थान लोकायुक्त(Rajasthan lokayukta) की स्थापना-
राजस्थान प्रशासनिक सुधार समिति 1963 की सिफारिश पर राजस्थान में 28 अगस्त 1973 को प्रथम लोकायुक्त श्री आई डी दुआ की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की गई जो कि सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश थे तथा श्री के पी यू मेनन को 5 जून 1973 को प्रथम उपलोकायुक्त बनाया गया।
▪️राजस्थान लोकायुक्त एवं लोकायुक्त अधिनियम(Rajasthan Lokayukta and Uplokayukt act)-
1973 पारित किया गया जो 3 फरवरी 1973 से प्रभावी हुआ एवं 26 मार्च 1973 को राष्ट्रपति द्वारा इसे स्वीकृति प्रदान की गई। इस अधिनियम के अंतर्गत मंत्रियों तथा लोक सेवकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार और बेईमानी पूर्व कार्यवाही करने से संबंधित आरोप का अन्वेषण करने के लिए लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है।लोकायुक्त सरकार को सिफारिश कर सकता है वह स्वयं कोई दंड देने की शक्ति नहीं रखता।
▪️नियुक्ति-
राज्य में लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा निम्न के परामर्श से की जाती है-
लोकायुक्त की नियुक्ति राज्य उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता के परामर्श से।
उप-लोकायुक्त की नियुक्ति लोकायुक्त के परामर्श से की जाती है।
उप-लोकायुक्त,लोकायुक्त के नियंत्रण में कार्य करेगा।
▪️योग्यता-
न्यायिक पृष्ठभूमि से हो (उच्चतम न्यायालय का सेवानिवृत्त न्यायाधीश उच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश हो)
कोई भी लाभ का पद धारण न करता हो।
संसद में विधानमंडल का सदस्य ना हो।
किसी भी राजनीतिक दल से ना जुड़ा हो।
▪️शपथ-
लोकायुक्त या उपलोकायुक्त के रूप में नियुक्त प्रत्येक व्यक्ति अपना पद ग्रहण करने से पूर्व राज्यपाल या उनके द्वारा नामित व्यक्ति के समक्ष शपथ लेगा।
▪️कार्यकाल-
लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त का कार्यकाल पद ग्रहण की तिथि से 5 वर्ष होता है।
राज्य में भाजपा सरकार ने वर्ष 2018 में लोकायुक्त का कार्यकाल बढ़ाकर 8 वर्ष कर दिया था जिसे कांग्रेस सरकार ने 7 मार्च 2019 को कम करके वापस 5 वर्ष कर दिया।
लोकायुक्त उप लोकायुक्त अपना कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप सकता है।
▪️वेतन एवं भत्ते-
लोकायुक्त के वेतन,भत्ता,पेंशन आदि राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समान होंगे तथा लोकायुक्त के वेतन,भत्ते एवं पेंशन राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान होंगे।
लोकायुक्त के वेतन,भत्ते,पेंशन एवं सेवा शर्तों में कार्यकाल के दौरान कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
▪️पद से हटाना-
राजस्थान लोकायुक्त को राज्यपाल संविधान के अनुच्छेद 311 के अनुसार कदाचार या कार्य करने में अक्षमता के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वर्तमान या सेवानिवृत्त) या राज्य उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से करवाई गई जांच में दोषी साबित होने पर पद से हटा सकता है।
उप-लोकायुक्त को हटाने हेतु जांच सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश या राज्य उच्च न्यायालय के वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाई जाएगी।
लोकायुक्त/उप-लोकायुक्त के विरुद्ध प्राप्त इस जांच रिपोर्ट को राज्यपाल विधानमंडल के समक्ष रखवाएगा तथा राज्य विधान मंडल द्वारा उपस्थित एवं मतदान करने वाले कम से कम 2/3 सदस्यों द्वारा एक ही सत्र में लोकायुक्त या उपलोकायुक्त को हटाने का प्रस्ताव पारित किए जाने पर राज्यपाल इनको पद से मुक्त करेगा।
▪️लोकायुक्त का क्षेत्राधिकार से बाहर-
राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री
न्यायाधीश न्यायिक सेवा के अधिकारी समस्त न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी एवं कर्मचारी
महालेखाकार राजस्थान
राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य
निर्वाचन आयुक्त एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी
विधानसभा सचिवालय के अधिकारी एवं कर्मचारी
सांसद विधायक सरपंच एवं पंच
सेवानिवृत्त लोक सेवक
लोकायुक्त ऐसी शिकायतों की जांच नहीं कर सकेगा जिनको घटित हुए 5 वर्ष हो गए हो।
▪️लोकायुक्त के क्षेत्राधिकार में आने वाले-
राज्य के मंत्री सचिव विभागाध्यक्ष एवं लोक सेवक।
जिला परिषद के प्रमुख एवं उप प्रमुख पंचायत समिति के प्रधान एवं उप प्रधान जिला परिषद व पंचायत समितियों की स्थाई समितियों के अध्यक्ष नगर निगम के महापौर एवं उप महापौर थाने प्राधिकरण नगर परिषद नगर पालिका व नगर विकास न्यास के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष।
राजकीय कंपनियों व निगमों के अध्यक्ष अधिकारी व कर्मचारी।
( Rajasthan Lokayukta )
देश में सबसे पहले 1970 में उड़ीसा राज्य द्वारा लोकायुक्त की स्थापना हेतु अधिनियम पारित किया गया लेकिन वहां लोकायुक्त की स्थापना 1983 में जाकर हुई इससे पहले महाराष्ट्र में 1971 में लोकायुक्त अधिनियम पारित कर लोकायुक्त की नियुक्ति की गई। इस प्रकार देश में सर्वप्रथम महाराष्ट्र में लोकायुक्त की नियुक्ति की गई।
▪️राजस्थान लोकायुक्त(Rajasthan lokayukta) की स्थापना-
राजस्थान प्रशासनिक सुधार समिति 1963 की सिफारिश पर राजस्थान में 28 अगस्त 1973 को प्रथम लोकायुक्त श्री आई डी दुआ की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की गई जो कि सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश थे तथा श्री के पी यू मेनन को 5 जून 1973 को प्रथम उपलोकायुक्त बनाया गया।
▪️राजस्थान लोकायुक्त एवं लोकायुक्त अधिनियम(Rajasthan Lokayukta and Uplokayukt act)-
1973 पारित किया गया जो 3 फरवरी 1973 से प्रभावी हुआ एवं 26 मार्च 1973 को राष्ट्रपति द्वारा इसे स्वीकृति प्रदान की गई। इस अधिनियम के अंतर्गत मंत्रियों तथा लोक सेवकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार और बेईमानी पूर्व कार्यवाही करने से संबंधित आरोप का अन्वेषण करने के लिए लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है।लोकायुक्त सरकार को सिफारिश कर सकता है वह स्वयं कोई दंड देने की शक्ति नहीं रखता।
▪️नियुक्ति-
राज्य में लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा निम्न के परामर्श से की जाती है-
लोकायुक्त की नियुक्ति राज्य उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता के परामर्श से।
उप-लोकायुक्त की नियुक्ति लोकायुक्त के परामर्श से की जाती है।
उप-लोकायुक्त,लोकायुक्त के नियंत्रण में कार्य करेगा।
▪️योग्यता-
न्यायिक पृष्ठभूमि से हो (उच्चतम न्यायालय का सेवानिवृत्त न्यायाधीश उच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश हो)
कोई भी लाभ का पद धारण न करता हो।
संसद में विधानमंडल का सदस्य ना हो।
किसी भी राजनीतिक दल से ना जुड़ा हो।
▪️शपथ-
लोकायुक्त या उपलोकायुक्त के रूप में नियुक्त प्रत्येक व्यक्ति अपना पद ग्रहण करने से पूर्व राज्यपाल या उनके द्वारा नामित व्यक्ति के समक्ष शपथ लेगा।
▪️कार्यकाल-
लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त का कार्यकाल पद ग्रहण की तिथि से 5 वर्ष होता है।
राज्य में भाजपा सरकार ने वर्ष 2018 में लोकायुक्त का कार्यकाल बढ़ाकर 8 वर्ष कर दिया था जिसे कांग्रेस सरकार ने 7 मार्च 2019 को कम करके वापस 5 वर्ष कर दिया।
लोकायुक्त उप लोकायुक्त अपना कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप सकता है।
▪️वेतन एवं भत्ते-
लोकायुक्त के वेतन,भत्ता,पेंशन आदि राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समान होंगे तथा लोकायुक्त के वेतन,भत्ते एवं पेंशन राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान होंगे।
लोकायुक्त के वेतन,भत्ते,पेंशन एवं सेवा शर्तों में कार्यकाल के दौरान कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
▪️पद से हटाना-
राजस्थान लोकायुक्त को राज्यपाल संविधान के अनुच्छेद 311 के अनुसार कदाचार या कार्य करने में अक्षमता के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वर्तमान या सेवानिवृत्त) या राज्य उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से करवाई गई जांच में दोषी साबित होने पर पद से हटा सकता है।
उप-लोकायुक्त को हटाने हेतु जांच सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश या राज्य उच्च न्यायालय के वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाई जाएगी।
लोकायुक्त/उप-लोकायुक्त के विरुद्ध प्राप्त इस जांच रिपोर्ट को राज्यपाल विधानमंडल के समक्ष रखवाएगा तथा राज्य विधान मंडल द्वारा उपस्थित एवं मतदान करने वाले कम से कम 2/3 सदस्यों द्वारा एक ही सत्र में लोकायुक्त या उपलोकायुक्त को हटाने का प्रस्ताव पारित किए जाने पर राज्यपाल इनको पद से मुक्त करेगा।
▪️लोकायुक्त का क्षेत्राधिकार से बाहर-
राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री
न्यायाधीश न्यायिक सेवा के अधिकारी समस्त न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी एवं कर्मचारी
महालेखाकार राजस्थान
राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य
निर्वाचन आयुक्त एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी
विधानसभा सचिवालय के अधिकारी एवं कर्मचारी
सांसद विधायक सरपंच एवं पंच
सेवानिवृत्त लोक सेवक
लोकायुक्त ऐसी शिकायतों की जांच नहीं कर सकेगा जिनको घटित हुए 5 वर्ष हो गए हो।
▪️लोकायुक्त के क्षेत्राधिकार में आने वाले-
राज्य के मंत्री सचिव विभागाध्यक्ष एवं लोक सेवक।
जिला परिषद के प्रमुख एवं उप प्रमुख पंचायत समिति के प्रधान एवं उप प्रधान जिला परिषद व पंचायत समितियों की स्थाई समितियों के अध्यक्ष नगर निगम के महापौर एवं उप महापौर थाने प्राधिकरण नगर परिषद नगर पालिका व नगर विकास न्यास के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष।
राजकीय कंपनियों व निगमों के अध्यक्ष अधिकारी व कर्मचारी।
▪️प्रतिवेदन-
लोकायुक्त अपना प्रतिवेदन राज्यपाल को प्रस्तुत करता है, जिसे राज्यपाल विधानमंडल के समक्ष रखवाता है।
राजस्थान लोकायुक्त की लिस्ट-
▪️क्र.स. नाम पूर्व पद अवधि
1. श्री आई.डी.दुआ पूर्व न्यायाधीश,उच्चतम न्यायालय 28.08.1973 – 27.08.1978
2. श्री डी.पी.गुप्ता पूर्व मुख्य न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 28.08.1978 – 05.08.1979
3. श्री एम.एल.जोशी पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 06.08.1979 – 07.08.1982
4. श्री के.एस.सिद्धू न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 04.04.1984 – 03.01.1985
5. श्री एम.एल.श्रीमाल पूर्व मुख्य न्यायाधीश,सिक्किम उच्च न्यायालय 04.01.1985 – 03.01.1990
6. श्री पी.डी.कुदाल पूर्व न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 16.01.1990 – 06.03.1990
7. श्री एम.बी.शर्मा न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 10.08.1990 – 30.09.1993
8. श्री वी.एस.दवे न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 21.01.1994 – 16.02.1994
9. श्री एम.बी.शर्मा पूर्व न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 06.07.1994 – 06.07.1999
10. श्री मिलाप चंद जैन पूर्व मुख्य न्यायाधीश,दिल्ली उच्च न्यायालय 26.11.1999 – 26.11.2004
11. श्री जी.एल.गुप्ता पूर्व न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय ०1.05.2007 – 30.04.2012
12. श्री एस.एस.कोठारी पूर्व न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 25.03.2013 – 07.03.2019
13. श्री प्रताप कृष्ण लोहरा पूर्व न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 09.03.2021 से लगातार
▪️राजस्थान के उप-लोकायुक्त-
1. श्री के.पी.यू.मेनन आई.ए.एस.,पूर्व मुख्य सचिव 05.06.1973 – 25.06.1974
लोकायुक्त अपना प्रतिवेदन राज्यपाल को प्रस्तुत करता है, जिसे राज्यपाल विधानमंडल के समक्ष रखवाता है।
राजस्थान लोकायुक्त की लिस्ट-
▪️क्र.स. नाम पूर्व पद अवधि
1. श्री आई.डी.दुआ पूर्व न्यायाधीश,उच्चतम न्यायालय 28.08.1973 – 27.08.1978
2. श्री डी.पी.गुप्ता पूर्व मुख्य न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 28.08.1978 – 05.08.1979
3. श्री एम.एल.जोशी पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 06.08.1979 – 07.08.1982
4. श्री के.एस.सिद्धू न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 04.04.1984 – 03.01.1985
5. श्री एम.एल.श्रीमाल पूर्व मुख्य न्यायाधीश,सिक्किम उच्च न्यायालय 04.01.1985 – 03.01.1990
6. श्री पी.डी.कुदाल पूर्व न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 16.01.1990 – 06.03.1990
7. श्री एम.बी.शर्मा न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 10.08.1990 – 30.09.1993
8. श्री वी.एस.दवे न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 21.01.1994 – 16.02.1994
9. श्री एम.बी.शर्मा पूर्व न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 06.07.1994 – 06.07.1999
10. श्री मिलाप चंद जैन पूर्व मुख्य न्यायाधीश,दिल्ली उच्च न्यायालय 26.11.1999 – 26.11.2004
11. श्री जी.एल.गुप्ता पूर्व न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय ०1.05.2007 – 30.04.2012
12. श्री एस.एस.कोठारी पूर्व न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 25.03.2013 – 07.03.2019
13. श्री प्रताप कृष्ण लोहरा पूर्व न्यायाधीश,राजस्थान उच्च न्यायालय 09.03.2021 से लगातार
▪️राजस्थान के उप-लोकायुक्त-
1. श्री के.पी.यू.मेनन आई.ए.एस.,पूर्व मुख्य सचिव 05.06.1973 – 25.06.1974
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▪️अन्य महत्वपूर्ण तथ्य –
राजस्थान लोकायुक्त राज्यपाल के समक्ष शपथ लेते है।
राजस्थान लोकायुक्त के रूप में सर्वाधिक लम्बा कार्यकाल एम.बी.शर्मा का रहा है।
सबसे छोटा कार्यकाल वी.एस.दवे का रहा है।
डी.पी.गुप्ता (राजस्थान), एम.एल.श्रीमाल (सिक्किम), मिलाप चंद जैन(दिल्ली) विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश रहे है।
श्री एम.एल.जोशी (कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश,राजस्थान ) रहे है।
के.पी.यू.मेनन एकमात्र उप-लोकायुक्त रहे है।
Que.- राजस्थान के वर्तमान लोकायुक्त कोन है ?
Ans.- श्री प्रताप कृष्ण लोहरा (पूर्व न्यायाधीश-राजस्थान उच्च न्यायालय)
Que.- राजस्थान लोकायुक्त अधिनियम कब लागु हुआ ?
Ans.- 1973 में।
Que.- राजस्थान का प्रथम लोकायुक्त कौन था ?
Ans.- श्री आई. डी. दुआ (पूर्व न्यायाधीश, उच्त्तम न्यायालय)
Que.- राजस्थान के लोकायुक्त को शपथ कोन दिलाता है ?
Ans.- राज्यपाल या उनके द्वारा नामित कोई व्यक्ति।
Que.- राजस्थान में लोकायुक्त का कार्यकाल कितना होता है ?
Ans.- पदग्रहण की तिथि से 5 वर्ष तक।
Que.- राजस्थान के एकमात्र उप-लोकायुक्त कौन थे ?
Ans.- श्री के.पी.यू. मेनन (आई.ए.एस.)
Que.- राजस्थान में लोकायुक्त के रूप में सर्वाधिक लम्बा कार्यकाल किसका रहा है ?
Ans.- श्री एम.बी.शर्मा
▪️अन्य महत्वपूर्ण तथ्य –
राजस्थान लोकायुक्त राज्यपाल के समक्ष शपथ लेते है।
राजस्थान लोकायुक्त के रूप में सर्वाधिक लम्बा कार्यकाल एम.बी.शर्मा का रहा है।
सबसे छोटा कार्यकाल वी.एस.दवे का रहा है।
डी.पी.गुप्ता (राजस्थान), एम.एल.श्रीमाल (सिक्किम), मिलाप चंद जैन(दिल्ली) विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश रहे है।
श्री एम.एल.जोशी (कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश,राजस्थान ) रहे है।
के.पी.यू.मेनन एकमात्र उप-लोकायुक्त रहे है।
Que.- राजस्थान के वर्तमान लोकायुक्त कोन है ?
Ans.- श्री प्रताप कृष्ण लोहरा (पूर्व न्यायाधीश-राजस्थान उच्च न्यायालय)
Que.- राजस्थान लोकायुक्त अधिनियम कब लागु हुआ ?
Ans.- 1973 में।
Que.- राजस्थान का प्रथम लोकायुक्त कौन था ?
Ans.- श्री आई. डी. दुआ (पूर्व न्यायाधीश, उच्त्तम न्यायालय)
Que.- राजस्थान के लोकायुक्त को शपथ कोन दिलाता है ?
Ans.- राज्यपाल या उनके द्वारा नामित कोई व्यक्ति।
Que.- राजस्थान में लोकायुक्त का कार्यकाल कितना होता है ?
Ans.- पदग्रहण की तिथि से 5 वर्ष तक।
Que.- राजस्थान के एकमात्र उप-लोकायुक्त कौन थे ?
Ans.- श्री के.पी.यू. मेनन (आई.ए.एस.)
Que.- राजस्थान में लोकायुक्त के रूप में सर्वाधिक लम्बा कार्यकाल किसका रहा है ?
Ans.- श्री एम.बी.शर्मा
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