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भारत व राजस्थान में शिक्षा विभाग की योजनाएं शिक्षा में नवाचार

 

शिक्षा विभाग की योजनाएं

शिक्षा में नवाचार




#polityworld360



दीक्षा राईज (DIKSHA-RISE)

मानव संसाधन और विकास मंत्रालय (MHRD) ने 5 सितम्बर,2017 को शिक्षको के लिए राष्ट्रीय डिजिटल माध्यम दीक्षा पोर्टल की शुरुआत की। दीक्षा स्कूल शिक्षा के लिए एक राष्ट्रीय मंच है जो NCERT की एक पहल है।
दीक्षा पोर्टल पर CBSE, CISCE, IGOT-Health, NIOS तथा विभिन्न SCERT के ई कंटेट उपलब्ध है।

DIKSHA

Digital Infrastructure for knowledge Sharing.



राईज (RISE)

RISE- Rajasthan Interface for School Educators

प्रदेश के शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) के साथ मिलकर स्कूल शिक्षा के लिए राजस्थान इंटरफेस का निर्माण किया।

राजस्थान सरकार द्वारा दीक्षा राईज पोर्टल का प्रारम्भ 2018-19 में किया गया।

दिक्षा पोर्टल पर शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए विषय वस्तु से संबंधित ऑनलाइन Teaching & Learning कंटेट उपलब्ध है।



पीएम श्री योजना

• 5 सितम्बर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM-SHREE) योजना के तहत देश भर में 14500 से अधिक स्कूलों के विकास और उन्नयन की घोषणा की।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 7 सितम्बर, 2022 को पीएम श्री योजना को मंजूरी प्रदान की।
इस योजना के माध्यम से अपग्रेड किए गए स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने का आधुनिक परिवर्तनकारी और समग्र तरीका लाया जाए‌गा।
इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी घटको एवं विशेषताओं का समावेश होगा और यह आदर्श स्कूलों के रूप में काम करेंगे। इस योजना की लागत ₹27,360 करोड़ होगी।
योजना के तहत आनन्ददायी बातावरण में विद्यार्थियों हेतु यखेल आधारित, पूछताछ, खोज उन्मुख एवं विद्यार्थी केन्द्रित समग्र एवं एकीकृत शिक्षण विधियों का प्रयोग करके 21वीं सदी के प्रमुख कौशलों से सुसज्जित समग्र व सर्वांगीण व्यक्तियों का निर्माण करना हैं।
पीएमश्री विद्यालय पर्यावरण अनुकूल गतिविधियां सौर पैनल, एलईडी लाइटिंग, प्राकृतिक खेती के साथ पोषण उद्यान, अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक मुक्त वातावरण तथा जल संरक्षण व संचयन को शामिल करते हुए हरित विद्यालय के रूप में स्थापित किये जायेंगे।
योजना के अंतर्गत राज्य के प्रत्येक ब्लॉक यूएलबी से दो विद्यालयों (एक माध्यमिक शिक्षा व एक प्रारम्भिक शिक्षा से) का चयन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से करने का प्रावधान किया गया। योजना के प्रथम चरण में राजस्थान से 402 विद्यालयों का चयन किया गया। इनमें लगभग 2 लाख 9 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। प्रथम चरण के 402 पीएम श्री विद्यालयों में प्रारंभिक शिक्षा के 43, माध्यमिक शिक्षा के 358 . 01 संस्कृत शिक्षा के विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में 41 विद्यालय महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय हैं।
एकीकृत शाला दर्पण
शाला दर्पण स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्थान का एक लाइव डेटाबेस प्रबंधन पोर्टल है, जहां सभी सरकारी स्कूलों और शिक्षा कार्यालयों की जानकारी ऑनलाइन रखी जाती है और नियमित रूप से अपडेट की जाती है।
वर्तमान में शाला दर्पण पर 45.684 प्राथमिक/उच्च प्राथमिक (प्रारम्भिक शिक्षा), 19,740 माध्यमिक/उच्च्च माध्यमिक (माध्यमिक शिक्षा) एवं 7,384 अन्य विद्यालयों तथा माध्यमिक शिक्षा के 54.88 लाख छात्रों एवं प्रारम्भिक शिक्षा के 26.63 लाख छात्रों का डेटा संकलित किया जाता है
समग्र शिक्षा अभियान

समग्र शिक्षा समयबद्ध तरीके से प्रारम्भिक और माध्यमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण की उपलब्धि के लिए भारत सरकार का फ्लैगशिप कार्यक्रम है। यह अभियान 2018 में शुरू किया गया।

योजना के मुख्य उद्देश्य-

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और छात्रों के सीखने के परिणामों को बढ़ाना।
स्कूल शिक्षा में सामाजिक और लैंगिक अन्तर को कम करना।
स्कूल शिक्षा के सभी स्तरों पर समानता और समावेशन सुनिश्चित करना।
स्कूली शिक्षा में न्यूनतम मानक सुनिश्चित करना। शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिकता को बढ़ावा देना।
बच्चों के निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आर.टी.ई.) अधिनियम 2009 के कार्यान्वयन में राज्य को सहयोग करना।• शिक्षक प्रशिक्षण के लिए नोडल एजेन्सियों के रूप में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एस.सी.ई.आर. टी) राज्य शिक्षा संस्थान और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डी. आई.ई.टी.) का सुदृढ़ीकरण और उन्नयन।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के माध्यम से एकल राज्य क्रियान्वयन समिति (एस.आई.एस.) के रूप में राज्य में समग्र शिक्षा लागू की जा रही है। योजना में केन्द्र व राज्य की वित्त सहभागिता 60:40 है।

निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE), 2009

• निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 राज्य में 1 अप्रैल, 2010 से लागू किया गया है।
इस अधिनियम के अन्तर्गत निजी विद्यालयों में कमजोर वर्ग और वंचित वर्ग के बालकों/बालिकाओं के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित है। राज्य सरकार ने निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत निःशुल्क प्रवेश
वित्तीय वर्ष 2020-21 में आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 12 (सी) के अंतर्गत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों के प्रवेश के लिए आप सीमा ₹1.00 लाख से बढ़ाकर ₹2.50 लाख की गई है।




स्टार्स परियोजना

राज्य कार्यक्रमों के लिए शिक्षण अधिगम और परिणाम की सुद्धता (STARS) की शुरुआत वर्ष 2020-21 से 'समग्र शिक्षा' के माध्यम से की गई।
स्टार्स परियोजना 23 फरवरी, 2021 को पांच वर्ष की अवधि (2024- 25) के लिए प्रभावी हो गई थी।

STARS-Strengthening Teaching-Learning and Results for States.
इसका उद्देश्य भारत के छह राज्यों (यथा हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र,राजस्थान, ओडिशा, मध्य प्रदेश और केरल) में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता एवं शासन में सुधार लाना है।
योजना में केन्द्र एवं राज्य की वित्त सहभागिता अनुपात 60:40 है। विश्व बैंक द्वारा इस योजना अंतर्गत भारत सरकार को वितीय सहयोग दिया जा रहा है।
विश्व बैंक के मुताबिक इस परियोजना से भारत के स्कूलों में मूल्यांकन प्रणाली को बेहतर बनाया जा सकता है।

मॉडल विद्यालय

• राज्य के 186 शैक्षिक रूप से पिछडे ब्लॉकों में से 27 जिलों के 134 ब्लॉकों में 134 स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल विद्यालय संचालित है।
ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को CBSE बोर्ड के जरिये पढ़ाई करवाने के लिए सत्र 2014-15 में इन मॉडल स्कूलों को खोला गया था। वर्ष 2023-24 में मॉडल विद्यालयों में 51,548 विद्यार्थी नामांकित हैं।
इन मॉडल विद्यालय में एनईसीआरटी का पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है।
नव विकसित पैटर्न का मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों की अधिकतम लाभ देना है, विशेषकर लड़कियों पर ध्यान केंद्रित करना है। इस संबंध में न्यूनतम 55 प्रतिशत सीटों पर अनिवार्य रूप से प्रवेश देकर बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा रहा है।




पीएम पोषण योजना (मिड-डे-मील योजना)

मिड-डे-मील (मध्याह्न भोजन कार्यक्रम को एक केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में 15 अगस्त, 1995 को शुरू किया गया था।2004 से इस कार्यक्रम में परिवर्तन करते हुए पक्के हुए भोजन देने की शुरूआत की गई।
सितम्बर, 2021 में मीड-डे-मील योजना का नाम बदलकर पीएम- पोषण योजना कर दिया गया।
पीएम पोषण योजना (पूर्व में मिड-डे-मील योजना) का मूल उद्देश्य सरकारी विद्यालयों (संस्कृत विद्यालय सहित), विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों एवं मदरसों में कक्षा-प्री प्राईमरी से 8 तक अध्ययनरत विद्यार्थियों की पोषण स्थिति में सुधार करना है। यह योजना नामांकन बढ़ाने, विद्यार्थियों को नियमित रूप से विद्यालय आने के लिए प्रोत्साहित करने तथा बच्चों को पोषण संबंधी सहायता प्राप्त करने में सहायक रही हैं।
मिड-डे-मील कार्यक्रम 68,371 सरकारी विद्यालयों और संस्थानों में लागू है। इसमें कक्षा-प्री प्राईमरी से 8 तक पढ़ने वाले लगभग 62.64 लाख (कक्षा प्री प्राईमरी से 5 में 38.78 लाख और कक्षा 6 से 8 में 23.86 लाख) विद्यार्थी शामिल हैं।
योजना के तहत, कक्षा प्री प्राइमरी से 5 के लिए प्रति विद्यार्थी 100 ग्राम प्रतिदिन और कक्षा 6 से 8 के लिए प्रति विद्यार्थी 150 ग्राम प्रतिदिन खाद्यान (गेहूँ। चावल) प्रदान किया जा रहा है।



महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल

• राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर 19 जून 2019 को राजकीय विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम में अध्ययन की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए, राज्य सरकार ने सत्र 2019-20 से राजकीय विद्यालयों को महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) कक्षा 1 से 12 में परिवर्तित करने का निर्णय लिया था।
वर्ष 2022-23 में बजट घोषणा अनुसार 5,000 से अधिक आबादी वाले गांवों और कस्बों में आगामी 2 वर्षों में 2000 राजकीय विद्यालयों को महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों (अंग्रेजी माध्यम) में परिवर्तित करने का प्रस्ताव किया गया हैं। वर्तमान में राज्य में कुल 3737 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित है।




मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना एवं मुख्यमंत्री निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण

राज्य के सरकारी विद्यालयों में कक्षा से 8 तक के विद्यार्थियों के

लिए मुख्यमंत्री निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण एवं मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री द्वारा 29 नवम्बर, 2022 को जयपुर से किया गया।

बाल गोपाल योजना के अन्तर्गत राजकीय वि‌द्यालयों मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो दिन (मंगलवार व शुक्रवार) को पाउडर मिल्क से तैयार दूध वितरित

किया जाएगा।

नोटः 1 जुलाई 2023 से प्रतिदिन दूध उपलब्ध करवाया जा रहा है।

कक्षा 1-5 तक के विद्यार्थियों को 150 मिली दूध एवं कक्षा 6-8 तक के विद्यार्थियों को 200 मिली, दूध चीनी मिलाकर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना के अन्तर्गत कक्षा 1

से 8 अध्ययनरत समस्त विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म के 2 सेट निःशुल्क दिए जायेंगे तथा सिलाई हेतु 200 रूपये विद्यार्थी के खाते में जमा किये जाएंगे। (इस योजना में केन्द्र व राज्य का हिस्सा 60: 40



बाल वाटिका

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में राजकीय विद्यालयों में बालबाटिका एवं पूर्व प्राथमिक कक्षाएं प्रारम्भ किये जाने के संबंध में प्रावधान किये गये हैं।

प्रारंम्भिक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी साक्षरता एवं संख्याज्ञान की नींव को मजबूत करने के लिये बालवाटिका का संचालन एक सकारात्मक पहल है।

बालवाटिका योजना के अन्तर्गत 04 से 06 वर्ष की आयु के ऐसे बच्चे जो पूर्व प्राथमिक शिक्षा से वंचित रहे हैं, उन्हें एक वर्षीय बालवाटिका में अध्ययन करवाकर कक्षा 1 हेतु तैयार करने के लिये चरणबद्ध प्रयास किये जाने प्रस्तावित हैं।

प्रथम चरण में जहाँ बाल वाटिका प्रारम्भ करने के लिये प्राथमिक शिक्षा के कुल 1,090 सरकारी विद्यालयों का चयन किया गया है,

जहां आंगनबाड़ियों का समन्वय नहीं है।

बालिका शिक्षा

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय

शिक्षा से वंचित बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने और उनके ठहराव हेतु केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2004 में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय योजना (KGBV) शुरू की गई।
इस योजना के तहत कक्षा 1 से 8 तक निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान की जाती है

मेवात बालिका आवासीय विद्यालय

राज्य में 10 मेवात बालिका आवासीय विद्यालय संचालित हैं। ये आवासीय विद्यालय मेवात क्षेत्र में बालिकाओं के लिए स्थापित किए गए हैं, जो शैक्षिक रूप से अत्यधिक पिछड़े हैं।
कक्षा 6 से 8 तक आवासीय विद्यालय।

काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना

यह योजना 1 अप्रैल, 2020 से शुरू हुई थी योजना के तहत जनजाति छात्राओं को मेरिट के आधार पर स्कूटी दी जाती है।
इस योजना के अंतर्गत राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) द्वारा आयोजित उच्व माध्यमिक परीक्षा में न्यूनतम 65 प्रतिशत या केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) में न्यूनतम 75 प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण वे छात्राऐं पात्र हैं, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख तक है।
इस योजना हेतु आवेदन करने के लिए छात्राओं को राजस्थान के किसी भी महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री (तकनीकी/गैर-तकनीकी) में नियमित छात्रा होना चाहिए। बाजट 2023-24 में इलैक्ट्रिक स्कूटी विकल्प दिया जाना प्रस्तावित है।

देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना

वर्ष 2011-12 में शुरू की गई इस योजना के तहत MBC की छात्राओं को 12वीं के अंकों के आधार पर कॉलेज में प्रवेश लेने पर निःशुल्क स्कूटी दी जाती है। राजस्थान के अति पिछड़े वर्ग (MBC) को ये छात्राएँ योग्य है, जिन्होंने RBSE/CBSE द्वारा आयोजित उच्च माध्यमिक परीक्षा 50 प्रतिशत या अधिक अंकों के साथ उत्तीर्ण की है तथा जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 2.5 लाख तक है।
इस योजना में आवेदन करने के लिए, छात्राओं को राजस्थान के किसी भी राजकीय महाविद्यालय, राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में स्नातक को डिग्री के प्रथम वर्ष में एक नियमित छात्रा होना आवश्यक है। उन्य माध्यमिक परीक्षा की वरीयता के आधार पर आवेदकों को प्रति वर्ष 1,500 स्कूटी निःशुल्क वितरित की जा रही है। शेष आवेदक जो स्कूटी प्राप्त नहीं कर सके उन्हें निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार प्रोत्साहन राशि दी जाती है। (50 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले) स्नातक के तीन वर्षों तक ₹ 10000 वार्षिक एवं स्नातकोत्तर के दो वर्षों तक ₹ 20000 वार्षिक प्रोत्साहन राशि दी जाती है।



लाडो प्रोत्साहन योजना (मुख्यमंत्री राजश्री योजना)

राज्य में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने और राज्य में बालिकाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए मुख्यमंत्री राजश्री योजना 1 जून, 2016 से शुरू की गई।
लाडो प्रोत्साहन योजना 1 अगस्त, 2024 से सम्पूर्ण राज्य में लागू हो गई है।
नोट: राज श्री योजना को 1 अगस्त, 2024 से शुरू हुई लाडो प्रोत्साहन योजना में समाहित कर दिया।
इस योजना के तहत बालिकाओं को उनके जन्म से लेकर सम्पूर्ण पढ़ाई (स्नातक स्तर) तक कुल । लाख रूपये विभिन्न 7 किस्तों में दिए जाएंगे।
यह एक प्रमुख योजना है, जो राज्य में महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता लाने की अपेक्षा करती है।
इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक पात्र बालिका के अभिभावक संरक्षक को 6 किश्तों में कुल 50,000 की राशि प्रदान की जाती है।
स्नातक  परीक्षा उत्तीर्ण करने एवं 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर लाडो प्रोत्साहन योजना की आखिरी 7वीं किश्त (50 हजार) लाभार्थी कन्या के बैंक खाते में जमा की जायेगी। गार्गी पुरस्कार गार्गी पुरस्कार योजना 1998 से प्रारम्भ की गई।
इस योजना के अन्तर्गत 10वीं परीक्षा में 75 प्रतिशत व इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली बालिका को कक्षा 11 व 12 में नियमित अध्ययनरत रहने पर रूपये 3000 एवं प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया जाता है। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष बसंत पंचमी के अवसर पर प्रदान किया जाता है।



ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना


योजना प्रारम्भ 2017
इस योजना के तहत स्कूली विद्यार्थियों को सरकार की तरफ से स्कूल आने जाने का भत्ता (किराया) दिया जाता है। कक्षा 1 से 8 के वि‌द्यार्थियों एवं 9 से 12 की बालिकाओं को ट्रांसपोर्ट बाउचर योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।

कक्षा 1 से 5 10 रूपये (1 किमी से अधिक) कक्षा 6 से 815 रूपये (2 किमी से अधिक) कक्षा 9 से 12-20 रूपये (5 किमी से अधिक)



इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार

इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना वर्ष 2019 20 से प्रारम्भ की गई।जिले में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को यह पुरस्कार दिया जाता है। जबकि संस्कृत शिक्षा विभाग में राज्य में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को यह पुरस्कार दिया जाता है।पुरस्कार स्वरूप कक्षा 8 की बालिका को 40 हजार, कक्षा 10 की बालिका को 75 हजार व कक्षा 12 की बालिका को 1 लाख रूपये व स्कूटी प्रदान की जाती है।
वर्ष 2023-24 में माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा-8 10 एवं 12 (कला, वाणिज्य एवं विज्ञान) की परीक्षा में प्रत्येक जिले में प्रथम स्थान तथा संस्कृत शिक्षा विभाग की कक्षा-8, प्रवेशिका एवं वरिष्ठ उपाध्याय की बोर्ड परीक्षा में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली 1,250 बालिकाओं को पुरस्कृत किया गया है।

बालिका प्रोत्साहन योजना

यह योजना वर्ष 2008-09 में प्रारम्भ की गई।
इस योजना के तहत 12 कक्षा में 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को 5000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है।

आपकी बेटी योजना •
यह योजना वर्ष 2004-05 से प्रारम्भ की गई।
इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की राजकीय वि‌द्यालय में कक्षा से 12 से अध्ययनरत ऐसी बालिकाएँ जिनके माता-पिता दोनों अथवा एक का निधन हो गया हो, उनको लाभान्वित किया जाता है।
कक्षा 1 से 8 की बालिकाओं को 2100 रूपये प्रतिवर्ष जबकि 9 से 12 की बालिकाओं को 2500 रूपये प्रतिवर्ष आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

शैक्षणिक किशोरी मेला

विज्ञान और गणित पर विशेष ध्यान देने के लिए बब्बों में शैक्षणिक वातावरण का निर्माण करने एवं रचनात्मक शिक्षण दृष्टिकोण विकसित करने के लिए शैक्षणिक किशोरी मेलों का आयोजन किया गया। प्रत्येक मेले में गणित और विज्ञान पर आधारित विभित्र खेलों के 25-30 शैक्षणिक स्टॉल लगाए गए हैं।

मीना-राजू एवं गार्गी मंच

समाज में सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता पैदा करना यथा बाल विवाह, दहेज प्रथा तथा बीच में पढ़ाई चोड़ चुकी, अनियमित एवं अनामांकित छात्राओं के माता-पिता को अपनी बेटियों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करने हेतु। 19,451 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मीना राजू मंच का गठन किया गया है। इसमें कक्षा 6 से 8 में पढ़ने वाली बालिकाओं को शामिल किया गया है।
कक्षा 9 से 12 में पढ़ने वाली बालिकाओं को शामिल करके 15,539माध्यमिक विद्यालयों में गार्गी मंच का गठन किया गया है।
किशोरी शैक्षिक उत्सव आयोजन के संबंध में मीना राजू एवं गार्गी मंच का गठन एवं संचालन, जेण्डर संवेदीकरण पर विषय आधारित एवं गतिविधि आधारित विभिन्न सत्रों के माध्यम से जिला स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके हैं।

बालिका शिक्षा हेतु नवाचार

• रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण "सक्षम" (लड़कियों के लिए आत्म- रक्षात्मक प्रशिक्षण), योजना बालिकाओं के नामांकन, ठहराव एवं सीखने की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई है।

राजस्थान पुलिस अकादमी के सहयोग से 344 की रिसोर्स पर्सन (के.आर.पी.) को आत्मरक्षा प्रशिक्षण से प्रशिक्षित किया जा चुका है। किशोरी बालिका योजना 14-18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं के आत्म-विकास के लिये सहयोगात्मक वातावरण तैयार करते हुए किशोरी बालिकाओं को शिक्षित, सशक्त, आत्मनिर्भर एवं जागरूक नागरिक बनाने के उद्देश्य से राज्य के 5 आकांक्षी जिलों (बांरा, करौली, जैसलमेर, धौलपुर व सिरोही) में 1 अप्रैल, 2022 से योजना की शुरुआत की गई।

मुख्यमंत्री हमारी बेटियाँ योजना

• वर्ष 2015-16 से प्रारम्भ।

राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 10वीं क्लास में जिले में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाएं व एक अनाथ बालिका एवं एक बीपीएल श्रेणी (न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक इस योजना के लिए पात्र है।)
इस योजना के तहत कक्षा 11 व 12 में नियमित अध्ययन करने वाली बालिकाओं को अधिकतम लाख 15 हजार जबकि सातक स्तर पर अधिकतम 2.50 लाख की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

विदेश अध्ययन शिक्षा योजना
यह योजना वर्ष 2010-11 से प्रारम्भ हुई।
राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 10वीं की मैरिट में प्रथम 3 स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को विदेश में खातक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाता है।
अध्ययन का सम्पूर्ण व्यय बालिका शिक्षा फाउंडेशन द्वारा वहन कियाजाता है। (अधिकतम 25 लाख सालाना 4 वर्ष तक)

निष्ठा (NISHTA) योजना

दीक्षा पोर्टल के माध्यम से देश भर के शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को निष्ठा का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

निष्ठा प्रशिक्षण एक केन्द्र सरकार का मुफ्त शिक्षक प्रशिक्षण प्रोग्राम है। यह प्रशिक्षण निष्ठा योजना 2020 के नाम से जाता है।

NISHTA- National Initiative for school Heads and Teachers Holistic Advancement.

निपुण भारत मिशन

नई शिक्षा नीति 2020 के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए 5 जुलाई 2021 को 'निपुण भारत कार्यक्रम की शुरूआत की गई। निपुण भारत का उद्देश्य 3 से 4 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को सीखने की जरूरतों की पुरा करना है तथा वर्ष 2026-27 तक मूलभूत साक्षरता को सार्वभौमिक प्राप्ति को सुनिश्चित करना है।

NIPUN- National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy (संख्यात्मक ज्ञान के साथ, पठन में निपुणता के लिए राष्ट्रीय पहल)

SMILE कार्यक्रम

SMILE कार्यक्रम 13 अप्रैल, 2020 को प्रारम्भ किया गया।
इसका उद्देश्य विद्याथियों को घर बैठे-कंटेट उपलब्ध करवाना।
SMILE Social Media Interface for Learning Engagement

SMILE-2.0 ( आओ पर से सीखें)

SMILE 20 नवम्बर, 2020 में आरम्भ किया गया।
कोविड-19 के दौरान शिक्षण प्रक्रिया को नियमित रखने के उद्देश्य से'आओ घर से सीखे' प्रोग्राम के तहत SMILE-2.0 प्रारम्भ किया।

SMILE-3.0 (आओ घर से सीखे 2.0)

21 जून, 2021 को प्रारम्भ किया गया।
सोशल मीडिया के माध्यम से अधिगम सक्रियता बनाए रखने के लिए।

शिक्षा दर्शन

शिक्षा दर्शन कार्यक्रम की शुरुआत जून 2020 को की गई।
ध्येय वाक्य बच्चों देखो ज्ञान बढ़ाओ पढ़ते जाओ, पढ़ते जाओ।इसका प्रसारण डीडी राजस्थान पर निःशुल्क किया गया।सप्ताह में दो दिन प्रसारण सोमवार व शनिवार (195 मिनट 3.15 घंटा)

शिक्षा वाणी

शिक्षा वाणी कार्यकम की शुरुआत 11 मई 2020 को की गई।
ध्येय वाक्य प्यारे बच्चों कान लगाओ पढ़ते जाओ बढ़ते जाओ'।सोमवार से शनिवार 55 मिनट का आकाशवाणी के ऑल इंडिया रेडियो पर राजस्थान के 25 रेडियो स्टेशन पर निःशुल्क प्रसारण।
नोट: शिक्षा वाणी एवं शिक्षा दर्शन कार्यक्रम का उद्‌देश्य कोरोना काल में घर बैठे अध्ययन की नियमितता बनाए रखना था।

CLICK योजना

सत्र 2017-18 से प्रारम्भ।
इस योजना के तहत RKCL के माध्यम से राजकीय विद्यालयों के कक्षा 6 से 10 तक के बच्चों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जाता है।

CLICK Computer Literacy Initiative for comprehensive knowledge

अन्य महत्त्वपूर्ण योजनाएं/कार्यक्रम

NMMS (नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप)

यह स्कॉलरशिप कार्यक्रम 2008 में शुरु हुआ था।
NMMS परीक्षा का जायोजन NCERT के नेतृत्व में RSCERT द्वारा करवाया जाता है।राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा-8 के विद्यार्थी जिनके माता- पिता की आय 1.50 लाख से अधिक ना हो।योजना के तहत कक्षा 9 से 12 तक 12 हजार रूपये प्रतिवर्ष छात्रवृति प्रदान की जाती है।
उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्तियां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक पिछड़ा वर्ग और विशेष पिछड़ा वर्ग के ऐसे छात्रों को उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्तियां प्रदान की जा रही हैं।जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय ₹2.5 लाख तक और मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आम ₹5लाख तक है। विशेष योग्यजन छात्रवृत्ति योजना इस योजना के अन्तर्गत राजकीय अथवा राज्य केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में नियमित अध्ययनरत पात्र विशेष योग्यजन विद्यार्थियों, जिनके परिवार की बार्षिक आय ₹२ लाख से अधिक न हो, को छात्रवृत्ति की सुविधा दी जा रही है। कक्षा 1 से 4 तक के विद्यार्थियों को ₹500 प्रतिमाह तथा कक्षा-5 तक के विद्यार्थियों को ₹600 प्रतिमाह देय है।

मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना

अनाथ बच्बों के लिए कोरोना महामारी से माता-पिता दोनों की या एकल जीवित की मृत्यु होने के कारण अनाथ हुए बच्चों को 'मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना' में केन्द्र सरकार की योजना के अलावा लाभ अनाथ बालक  बालिका को तत्काल 1 लाख रुपये।
18 वर्ष की आयु तक प्रति माह 2,500 रुपये।
18 वर्ष पूरे होने पर 5 लाख रुपये। • 12वीं तक आवासीय विद्यालय या छात्रावास से निःशुल्क शिक्षा।

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