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आतंकवाद की परिभाषा और स्वरूप व प्रमुख आतंकवादी संगठनDefinition and nature of terrorism and major terrorist organizations

 आतंकवाद: एक वैश्विक संकट


21वीं सदी में विश्व ने तकनीकी, वैज्ञानिक और आर्थिक दृष्टि से अपार प्रगति की है, लेकिन इन उपलब्धियों के साथ-साथ दुनिया को जिन गंभीर संकटों का सामना करना पड़ा है, उनमें आतंकवाद प्रमुख है। आतंकवाद न केवल एक राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देता है, बल्कि वैश्विक शांति और मानवीय मूल्यों के लिए भी गंभीर खतरा है। यह वह अपराध है जो निर्दोष लोगों की जान लेकर, समाज में डर और नफरत फैलाता है।



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Definition and nature of terrorism and major terrorist organizations

आतंकवाद की परिभाषा और स्वरूप:

आतंकवाद को एक ऐसी गतिविधि माना जाता है जिसमें किसी समूह या व्यक्ति द्वारा राजनीतिक, धार्मिक या वैचारिक उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु हिंसा, बम विस्फोट, अपहरण, हत्या या जनधन की क्षति की जाती है। इसका उद्देश्य समाज में भय का वातावरण उत्पन्न करना होता है। आतंकवाद कई स्वरूपों में सामने आता है, जैसे—धार्मिक आतंकवाद, राजनीतिक आतंकवाद, जातीय आतंकवाद, और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद।


1. धार्मिक आतंकवाद:

यह सबसे जटिल रूप है जिसमें आतंकवादी धार्मिक भावनाओं का उपयोग करके युवाओं को कट्टरपंथी बनाते हैं और हिंसा की ओर प्रेरित करते हैं। उदाहरणस्वरूप, अल-कायदा, आई.एस.आई.एस. जैसे संगठन धार्मिक विचारधाराओं को विकृत करके आतंक फैलाते हैं।


2. राजनीतिक आतंकवाद:

राजनीतिक आतंकवाद का उद्देश्य किसी विशेष शासन, नीति या राजनीतिक ढांचे को बदलने के लिए दबाव बनाना होता है। कई बार विद्रोही संगठन या अलगाववादी समूह इस तरह की रणनीति अपनाते हैं।


3. अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद:

आज के समय में जब दुनिया वैश्वीकरण के कारण एक-दूसरे से जुड़ी हुई है, तो आतंकवाद भी सीमाओं से परे फैल चुका है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सीरिया जैसे देशों में पनपने वाले आतंकी संगठनों के नेटवर्क यूरोप, अमेरिका, भारत समेत अनेक देशों में सक्रिय हैं।



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आतंकवाद के कारण:

आतंकवाद के कई कारण होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:


1. राजनीतिक अस्थिरता और भ्रष्ट शासन—जब लोगों को न्याय नहीं मिलता और प्रशासन असंवेदनशील होता है, तब विद्रोह और हिंसा की प्रवृत्ति पनपती है।



2. धार्मिक कट्टरता और ब्रेनवॉशिंग—कुछ समूह युवाओं को भ्रमित कर धर्म के नाम पर कट्टरपंथ के मार्ग पर ले जाते हैं।



3. आर्थिक असमानता और बेरोजगारी—गरीबी और बेरोजगारी से ग्रस्त युवा आतंकवाद की ओर आकर्षित हो सकते हैं, जब उन्हें ऐसा लगने लगे कि समाज में उनके लिए कोई स्थान नहीं है।



4. सीमापार समर्थन और प्रशिक्षण—कई देशों द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आतंकवादियों को धन, हथियार और प्रशिक्षण देना वैश्विक समस्या बन गया है।





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भारत में आतंकवाद की स्थिति:

भारत आतंकवाद से दशकों से पीड़ित रहा है। जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्वी राज्य, नक्सल प्रभावित क्षेत्र और मुम्बई जैसे महानगरों में हुए हमले इसकी भयानकता को दर्शाते हैं। भारत को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद, घरेलू उग्रवाद और वैचारिक आतंकवाद का सामना करना पड़ता है। 26/11 मुम्बई हमले, पुलवामा हमला और संसद पर हमला जैसे उदाहरण हमारे सामने हैं।



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आतंकवाद का प्रभाव:

आतंकवाद का प्रभाव केवल जान-माल की क्षति तक सीमित नहीं है। इसका असर समाज की मानसिकता, आपसी विश्वास और सांप्रदायिक सौहार्द पर पड़ता है। जब निर्दोष लोग आतंकवादी घटनाओं का शिकार होते हैं, तो समाज में डर, नफरत और अविश्वास का वातावरण पैदा होता है। पर्यटन, निवेश और आर्थिक विकास पर भी इसका सीधा असर पड़ता है।



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आतंकवाद से निपटने के उपाय:


1. कड़ी सुरक्षा और खुफिया तंत्र: आतंकवाद की रोकथाम के लिए खुफिया एजेंसियों को अत्याधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी से लैस करना आवश्यक है।



2. युवा वर्ग को जागरूक बनाना: युवाओं को कट्टरपंथ से दूर रखने के लिए शिक्षा, रोजगार और संवाद आवश्यक हैं।



3. अंतरराष्ट्रीय सहयोग: आतंकवाद अब सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, इसलिए देशों को मिलकर इसकी रोकथाम के लिए रणनीति बनानी चाहिए।



4. मानवाधिकारों का सम्मान: आतंकवाद विरोधी कार्रवाई करते समय यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि निर्दोष नागरिकों के अधिकारों का हनन न हो।



5. प्रचार तंत्र का मुकाबला: सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से आतंकवादी विचारधारा फैलती है। इसका जवाब सशक्त प्रचार, सकारात्मक संदेश और संवाद के माध्यम से दिया जाना चाहिए।


विश्व के प्रमुख आतंकवाद के संगठन

1. अल-कायदा (Al-Qaeda)


स्थापना: 1988 (ओसामा बिन लादेन द्वारा)


मुख्य क्षेत्र: अफगानिस्तान, पाकिस्तान, अरब देश


प्रमुख घटना: 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हमला (9/11)


लक्ष्य: इस्लामी शासन की स्थापना और पश्चिमी देशों के प्रभाव का विरोध




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2. इस्लामिक स्टेट (ISIS / ISIL / Daesh)


स्थापना: 2014 (अल-बगदादी द्वारा घोषित खिलाफत)


मुख्य क्षेत्र: इराक, सीरिया


प्रमुख घटना: यज़ीदी नरसंहार, पेरिस हमले, मासूमों की सार्वजनिक हत्या


लक्ष्य: कट्टरपंथी इस्लामी शासन की स्थापना और वैश्विक जिहाद




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3. तालिबान (Taliban)


स्थापना: 1994 (मुल्ला उमर द्वारा)


मुख्य क्षेत्र: अफगानिस्तान


प्रमुख घटना: महिलाओं के अधिकारों का हनन, शिक्षा पर प्रतिबंध, 2021 में अफगानिस्तान पर फिर से कब्ज़ा


लक्ष्य: शरीयत आधारित शासन स्थापित करना




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4. लश्कर-ए-तैयबा (LeT)


स्थापना: 1987 (हाफिज़ सईद द्वारा, पाकिस्तान)


मुख्य क्षेत्र: पाकिस्तान, भारत (विशेषकर जम्मू-कश्मीर)


प्रमुख घटना: 26/11 मुम्बई हमले (2008)


लक्ष्य: भारत में आतंक फैलाना और कश्मीर को भारत से अलग करना




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5. जैश-ए-मोहम्मद (JeM)


स्थापना: 2000 (मसूद अजहर द्वारा)


मुख्य क्षेत्र: पाकिस्तान, भारत


प्रमुख घटना: संसद हमला (2001), पुलवामा हमला (2019)


लक्ष्य: भारत के विरुद्ध जिहाद और कश्मीर को भारत से अलग करना




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6. बोको हराम (Boko Haram)


स्थापना: 2002 (नाइजीरिया में)


मुख्य क्षेत्र: नाइजीरिया, चाड, नाइजर, कैमरून


प्रमुख घटना: चिबोक में 276 स्कूली लड़कियों का अपहरण (2014)


लक्ष्य: पश्चिमी शिक्षा और सभ्यता का विरोध, शरीयत शासन लागू करना




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7. हिज़्बुल्लाह (Hezbollah)


स्थापना: 1985 (लेबनान में)


मुख्य क्षेत्र: लेबनान, सीरिया


समर्थन: ईरान द्वारा वित्तपोषित


लक्ष्य: इज़राइल का विरोध, शिया इस्लामी एजेंडा




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8. हमास (Hamas)


स्थापना: 1987 (फिलिस्तीन में)


मुख्य क्षेत्र: गाज़ा पट्टी


प्रमुख घटना: इज़राइल के विरुद्ध रॉकेट हमले


लक्ष्य: फिलिस्तीन की स्वतंत्रता और इज़राइल का विरोध




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9. अल-शबाब (Al-Shabaab)


स्थापना: 2006 (सोमालिया)


मुख्य क्षेत्र: सोमालिया, केन्या


प्रमुख घटना: वेस्टगेट मॉल हमला (केन्या, 2013)


लक्ष्य: इस्लामी कानून लागू करना




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10. कुर्दिश वर्कर्स पार्टी (PKK)


स्थापना: 1978 (तुर्की)


मुख्य क्षेत्र: तुर्की, सीरिया, इराक


प्रमुख मुद्दा: कुर्दों के लिए स्वतंत्र राष्ट्र की मांग


तुर्की द्वारा इसे आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है


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