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विदेश नीति की परिभाषाएँ व निर्धारक तत्वDefinitions and determinants of foreign policy

 विदेश नीति की परिभाषाएँ:

विदेश नीति वह नीति है जिसके माध्यम से एक देश दूसरे देशों के साथ राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक संबंध बनाता है ताकि अपने राष्ट्रीय हितों की पूर्ति कर सके।


1. प्रो. हेनरी किसिंजर के अनुसार:


> "विदेश नीति वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कोई राष्ट्र अपने राष्ट्रीय हितों की पूर्ति हेतु अन्य देशों के साथ संबंध स्थापित करता है।"





2. चार्ल्स पी. शेरमन के अनुसार:


> "विदेश नीति वह योजना है जो किसी राष्ट्र की सरकार अंतरराष्ट्रीय मामलों में अपनाती है।"





3. पाल सेबर के अनुसार:


> "विदेश नीति उन सिद्धांतों और क्रियाओं का समुच्चय है जिसके द्वारा कोई राष्ट्र दूसरे देशों के साथ अपने व्यवहार को नियंत्रित करता है।"


विदेश नीति के निर्धारक तत्व वे मुख्य कारक होते हैं जो किसी देश की विदेश नीति के निर्माण और क्रियान्वयन को प्रभावित करते हैं। ये तत्व देश की आंतरिक स्थिति, वैश्विक परिवेश और राष्ट्रीय हितों से संबंधित होते हैं।


विदेश नीति के प्रमुख निर्धारक तत्व:


1. भौगोलिक स्थिति (Geographical Location):


किसी देश की स्थलाकृतिक स्थिति, समुद्र तट, पड़ोसी देशों की प्रकृति आदि विदेश नीति को प्रभावित करते हैं।


जैसे भारत की विदेश नीति में चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।




2. आर्थिक शक्ति (Economic Power):


किसी देश की आर्थिक स्थिति, व्यापारिक आवश्यकताएं, संसाधनों की उपलब्धता आदि विदेश नीति को तय करने में मदद करती हैं।


आर्थिक रूप से मजबूत देश अधिक स्वतंत्र और प्रभावशाली नीति बना सकते हैं।




3. सैन्य शक्ति (Military Strength):


देश की रक्षा क्षमता, हथियारों की तकनीक, और सैन्य गठबंधन विदेश नीति को मजबूती प्रदान करते हैं।




4. राजनीतिक विचारधारा और शासन प्रणाली (Political Ideology and System):


लोकतांत्रिक, तानाशाही, या साम्यवादी शासन प्रणाली के अनुसार विदेश नीति का दृष्टिकोण बदलता है।


जैसे, भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था उसकी नीति को शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक बनाती है।




5. राष्ट्रीय हित (National Interests):


देश की सुरक्षा, संप्रभुता, आर्थिक प्रगति, सांस्कृतिक प्रसार आदि को सुरक्षित रखना विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य होता है।




6. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारक (Historical and Cultural Factors):


इतिहास में अन्य देशों से संबंध, उपनिवेशवाद का अनुभव, और सांस्कृतिक जुड़ाव विदेश नीति को प्रभावित करते हैं।




7. अंतरराष्ट्रीय वातावरण (International Environment):


विश्व में चल रहे राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य घटनाक्रम, जैसे युद्ध, शांति समझौते, गठबंधन आदि।




8. नेतृत्व और कूटनीति (Leadership and Diplomacy):


देश के नेताओं की दृष्टि, निर्णय लेने की क्षमता और विदेश नीति में उनकी रुचि बहुत प्रभाव डालती है।


जैसे जवाहरलाल नेहरू की गुटनिरपेक्ष नीति।




9. जनमत और मीडिया (Public Opinion and Media):


नागरिकों की भावना और मीडिया का प्रभाव भी विदेश नीति निर्धारण में भूमिका निभाता है।

10. प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources):


तेल, गैस, कोयला, जल, खनिज आदि की उपलब्धता या कमी किसी देश की विदेश नीति को अन्य देशों की ओर झुका सकती है।


जैसे पश्चिमी देशों की मध्य पूर्व के प्रति नीति तेल आधारित है।



11. वैश्विक संगठन और संधियाँ (International Organizations and Treaties):


संयुक्त राष्ट्र (UN), विश्व व्यापार संगठन (WTO), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसे संगठनों की सदस्यता और संधियाँ विदेश नीति को सीमित या मार्गदर्शित कर सकती हैं।



12. प्रवासी समुदाय (Diaspora):


विदेशों में बसे अपने नागरिकों की सुरक्षा और हितों को ध्यान में रखकर भी विदेश नीति बनाई जाती है।


जैसे भारत की नीति में खाड़ी देशों में बसे भारतीयों की भूमिका अहम है।



13. वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति (Scientific and Technological Advancement):


उच्च तकनीक और विज्ञान में प्रगति से देश का वैश्विक प्रभाव बढ़ता है और सहयोग या प्रतिस्पर्धा की नीति बनती है।



14. प्राकृतिक आपदाएँ और जलवायु परिवर्तन (Disasters and Climate Change):


पर्यावरणीय मुद्दों पर वैश्विक सहयोग और सहायता की जरूरत भी विदेश नीति को दिशा देती है।


भारत की विदेश नीति में विभिन्न निर्धारक तत्वों के कुछ प्रमुख उदाहरण दिए गए हैं, जो यह स्पष्ट करते हैं कि ये तत्व किस प्रकार नीति को प्रभावित करते हैं:


1. भौगोलिक स्थिति का उदाहरण:


भारत–चीन सीमा विवाद (डोकलाम 2017, गलवान 2020) ने भारत की विदेश नीति को चीन के प्रति अधिक सतर्क और सामरिक बना दिया।


नेपाल, भूटान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं और नदियों के मुद्दों पर नीति निर्धारण होता 


2. आर्थिक शक्ति का उदाहरण:


भारत ने "एक्ट ईस्ट पॉलिसी" अपनाई ताकि वह पूर्वी एशियाई देशों के साथ व्यापार और निवेश संबंध मजबूत कर सके।


भारत की विदेश नीति में FDI (विदेशी निवेश) बढ़ाने के लिए अमेरिका, यूरोप, जापान के साथ व्यापार समझौते पर ध्यान दिया जाता हैं

3. सैन्य शक्ति का उदाहरण:


भारत ने QUAD (Quadrilateral Security Dialogue) में भाग लेकर समुद्री सुरक्षा को लेकर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया से सहयोग बढ़ाया।


राफेल लड़ाकू विमान सौदा फ्रांस से हुआ जो भारत की रक्षा नीति और कूटनीति का हिस्सा है।



4. राष्ट्रीय हित का उदाहरण:


परमाणु नीति: भारत की "No First Use" नीति इसके राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर आधारित है।


गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM): शीत युद्ध के समय भारत ने किसी गुट का हिस्सा न बनकर अपने स्वतंत्र राष्ट्रीय हितों की रक्षा

5. प्रवासी भारतीयों का उदाहरण:


खाड़ी देशों में बसे 1 करोड़ से अधिक भारतीय कामगारों की सुरक्षा और भलाई को ध्यान में रखते हुए भारत की खाड़ी नीति बनती है।


"भारत को जानो" कार्यक्रम और "प्रवासी भारतीय दिवस" इसी प्रवासी कूटनीति का हिस्सा 

6. जलवायु परिवर्तन का उदाहरण:


भारत ने पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किए और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की स्थापना की, जिससे वैश्विक नेतृत्व दिखा।


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