जयप्रकाश नारायण का जीवन परिचय जयप्रकाश नारायण का जन्म बिहार के सारण जिले में अक्टूबर 1902 में हुआ! जयप्रकाश नारायण ने केलिफोर्निया विश्वविद्यालय में 1930 तक शोध कार्य किया ! मार्क्स तथा एंगल्स व एम एन राय की पुस्तकों का अध्ययन किया! स्वराज आंदोलन में 1932 में गिरफ्तार कर नासिक जेल भेज दिया 1934 में आचार्य नरेंद्र देव अशोक मेहता एम आर मसानी के साथ मिलकर कांग्रेस के अंदर कांग्रेस समाजवादी पार्टी की स्थापना की 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान हजारीबाग जेल में बंद किए गए 1948 में कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया भारतीय समाजवादी पार्टी 1948 में भारतीय समाजवादी पार्टी की स्थापना की बाद में प्रजा समाजवादी आंदोलन चलाया 1977 में बिहार के मुजफ्फरपुर में नक्सल को खत्म करने का प्रयास किया 1972 में चंबल घाटी के 400 डाकू ने आत्मसमर्पण किया समग्र क्रांति 5 जून 1974 को पटना के गांधी मैदान में समग्र क्रांति की घोषणा की 8 अक्टूबर 1979 को उनका देहांत हो गया जयप्रकाश नारायण का राजनीतिक चिंतन यह भारत में एक नवीन लोकतंत्र की स्थापना करना चाहते थे जयप्रकाश नारायण का राजनीतिक चिंतन लोकतंत्र एक शासन प्रणाली में होकर एक जीवन पद्धति है भारतीय राजव्यवस्था सामुदायिक समाज व विकेंद्रीकरण पर आधारित हो जयप्रकाश नारायण ने आम चुनाव का विरोध किया क्योंकि यह बहुत खर्चीला होता है और विधानसभा स्थाई सदन होना चाहिए जयप्रकाश नारायण ने विनोबा भावे की तरह राजनीतिक दल को समाज के लिए षड्यंत्र के रूप में माना और दलविहीन लोकतंत्र की स्थापना पर बल दिया जिससे लोगों में सहभागी लोकतंत्र का इस व्यवस्था में पहली इकाई ग्राम सभा होगी जिसमें सभी लोग पर्ची डालकर कार्यकारिणी का चुनाव करेंगे इसे हम ग्राम पंचायत करेंगे एक बार चुने गए व्यक्ति फिर चुनाव नहीं लड़ सकेंगे दूसरा स्तर पंचायत समिति होगी ग्राम पंचायतों को मिलाकर ,जो निर्दलीय होगे तीसरी इकाई जिला परिषद होगी जिन का चुनाव पंचायत समिति द्वारा किया जाएगा चौथा विधानसभा पाँचवे स्तर पर लोकसभा होगी विधानसभा व लोकसभा का चुनाव निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाएगा निर्वाचक मंडल मे प्रत्येक ग्राम सभा 2 सदस्य भेजने का अधिकारी होगा निर्वाचक मंडल का चुनाव हाथ उठाकर किया जाएगा आर्थिक विकेंद्रीकरण की अवधारणा जयप्रकाश नारायण की आर्थिक विकेंद्रीकरण की अवधारणा व्यक्ति को जितनी आवश्यकता हो उतना अर्जन करने की अवधारणा !घरेलू कुटीर, छोटे उद्योग स्थापित किए जाए बड़े कल कारखानों का जेपी नारायण ने विरोध किया लोकतांत्रिक समाजवाद ऐसे सर्वोदय समाज की स्थापना की जाए जिसमें राज्य का हस्तक्षेप कम हो लोकतांत्रिक समाजवाद की शक्ति संसाधन ग्राम सभा के पास हो! सभी सवावलंम्बी हो जयप्रकाश नारायण ने समन्वित राष्ट्रवाद का सिद्वान्त दिया जयप्रकाश नारायण की पुस्तके निम्नलिखित हैं 1- why सोशलिज्म 1936 2- टूवार्ड स्ट्रगल 1946 3- डोमेक्टिक सोशलिज्म :आॕवर आइडिया व मेथड 1949 4- टूवार्ड ए न्यू सोसायटी 1958 5- समाजवाद सर्वोदय व लोकतंत्रिक 1964 6- टूवार्ड टोटल क्रांति 1977 7- सोशलिज्म टू सर्वोदय 1959 #polityrajasthan365
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