सचिन तेंदुलकर नाम निर्देशन को चुनौती
रामगोपाल सिंह सिसोदिया बनाम भारत संघ सचिन तेंदुलकर का नाम निर्देशन राज्यसभा में हुआ तो उसे लेकर 19 दिसंबर 2012 को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका रामगोपाल सिंह सिसोदिया बनाम भारत संघ व अन्य ने लगाई! क्रिकेटर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा सदस्य के रूप में नाम निर्देशित करने की चुनौती दी गई थी कि सचिन तेंदुलकर का मनोनयन उचित 80(3 )के विषयों के अंतर्गत नहीं आता ! साहित्य विज्ञान कला व समाज सेवा के अंतर्गत नहीं आता इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय का मत था कि संविधान के अनुच्छेद 80(3) में ऐसे विषयों के संबंध में "इन रिस्पेक्ट ऑफ सच मैटर "शब्दों का प्रयोग यह दर्शाता है कि इन शब्दों के पश्चात जो विषय अर्थात साहित्य, विज्ञान कला और समाज सेवा उल्लेखित है यह उदाहरण है संपूर्ण नहीं ! याचिका खारिज करते हुए न्यायालय ने मत अभिव्यक्त किया कि भारतीय संविधान निर्माताओं ने राज्यसभा में नाम निर्देशन के सिद्धांत को स्वीकार कर यह सुनिश्चित किया कि राष्ट्र को अपने-अपने क्षेत्र में विशिष्टता प्राप्त देश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की सेवाएं प्राप्त हो सके! इस तरह उच्च न्यायालय ने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा में नामनिर्देशन को एकदम सही माना और उसे अनुच्छेद 80 (3) के अंतर्गत सही माना यहां यह तथ्य उल्लेखित करना प्रासंगिक है कि वर्तमान में राज्यसभा में कुल संख्या 245 है जिसमें से 233 सदस्य राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नाम निर्देशित होते है राज्यसभा में पहली नाम निर्देशित महिला सदस्या रुकमणी देवी अरुण्डेल थी व पृथ्वीराज कपूर पहले अभिनेता थे जो राज्यसभा के लिए नाम निर्देशित किए गए! #polityrajasthan365
Post a Comment