ब्रह्म समाज स्थापना कार्य व शिक्षा
भारतीय ब्रह्म समाज 1856 में केशव चंद्र सेन इसके अध्यक्ष बने लेकिन देवेंद्र नाथ टैगोर के साथ मतभेद हो जाने के कारण 1865 में इनके द्वारा भारतीय ब्रह्म समाज या नवीन ब्रह्म समाज की स्थापना की जिनके उद्देश्य – स्त्रियों की मुक्ति, विद्या का प्रसार, सस्ते दाम में साहित्य बांटना, मद्य निषेध की माँग की
वही देवेंद्र नाथ टैगोर के नेतृत्व में आदि ब्रह्म समाज चलता रहा
ब्रह्म समाज ने सती प्रथा, बहुविवाह, अनमेल विवाह, स्त्री, शिक्षा, नशाखोरी आदि का विरोध किया और विधवा विवाह एवं स्त्री शिक्षा का इसने समर्थन किया।
नेटिव मैरिज एक्ट यह इस तथ्य को उल्लेखित करना प्रासंगिक होगा कि केशव चंद्र सेन इंडियन मिरर नामक समाचार पत्र का संपादन भी किया था भारतीय ब्रह्म समाज व अन्य सुधारकों के दबाव में बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिये वर्ष 1872 में नेटिव मैरिज एक्ट पारित किया गया। जिसमें 14वर्ष से कम आयु की लड़कियो की शादी पर रोक लगाई! केशव चंद्र सेन ने 1878 में अपनी 13 वर्षीय कन्या का विवाह कुच बिहार के राजा के साथ कर दिया था हालांकि ये कन्या बाल विवाह की विरोधी थे राजेश कुमार राजनीतिक विश्लेषक&कंटेंट लेखक
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