राजनीतिक विचारक थॉमस हॉब्स (1588-1679)
आज हम पश्चिम राजनीतिक विचारक थॉमस हॉब्स की चर्चा करेंगे थॉमस हॉब्स का जन्म इंग्लैंड के मेल्सबरी में हुआ इनका जन्म 1588 इस्वी में आर्मेडा के वर्ष में हुआ इनके जन्म के समय इंग्लैंड में तरफ राजा और संसद के मध्य ग्रह युद्ध और दूसरी ओर स्पेन ने इंग्लैंड पर आक्रमण कर दिया था इसीलिए थॉमस हॉब्स का प्रसिद्ध कथन है मेरी मां ने एक साथ 2 बच्चों को जन्म दिया मुझे और भय को! थॉमस हॉब्स युद्ध की अवस्था को प्राकृतिक अवस्था की संज्ञा देता है थॉमस हॉब्स गृह युद्ध की मुक्ति के लिए निरंकुश राजतंत्र का समर्थन करता है इसने निरंकुश राजतंत्र के समर्थन में लेवियाथन नामक पुस्तक अज्ञात नाम से लिखी लेकिन 1650 इसी में इंग्लैंड में क्रॉमवेल के नेतृत्व में संसदीय लोकतंत्र की स्थापना होते ही थॉमस हॉब्स की गिरफ्तारी के आदेश दे दिए गए इसलिए थॉमस हॉब्स इंग्लैंड छोड़कर फ्रांस चला गया इसीलिए थॉमस हॉब्स आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है जीवन बचाने के लिए भागने का समर्थन करता है थॉमस हॉब्स उसको फ्रांस में चार्ल्स द्वितीय राजकुमार को पढ़ाने का अवसर मिला उसने चार्ल्स द्वितीय को रेखा गणित पढ़ाई और रेखा गणित के माध्यम से व्यावहारिक राजनीति का ज्ञान करवाया इसी संदर्भ में थॉमस हॉब्स का प्रसिद्ध कथन है त्रिभुज के तीनों कोणों का मान चतुर्भुज के दो कोणों के बराबर होता है रेखा गणित का यह नियम व्यावहारिक राजनीति में लागू नहीं होता है व्यवहारिक राजनीति में त्रिभुज को ही स्वीकार किया जाता है इस प्रकार प्लेटों की भांति थॉमस हॉब्स रेखा गणित का समर्थन करता है थॉमस हॉब्स के अंतिम दिन सुख से बीते क्योंकि उनका शिष्य चार्ल्स द्वितीय 1660 इ. में इंग्लैंड का सम्राट होना और उसने थॉमस हॉब्स को सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गुरू शिष्य में मजाक होता रहता था चार्ल्स द्वितीय कहता था कि यहां एक ऐसा भालू आता है जो छेड़ने पर डांस दिखाता है थॉमस हॉब्स की रचनाएं निम्नलिखित हैं 1. डी सी वे 1642 ईस्वी 2. द एलिमेंट ऑफ़ ला 1650 ईस्वी 3. लेवियाथन 1651 ईस्वी 4. डि कोरे फॉर पॉलीटोको 1655 ईस्वी 5. डी होमिनी 1659 ईस्वी 6. मैन एंड सिटीजन 1675 ईस्वी 7. Batholoms1680 ईस्वी लेवियाथन यह पुस्तक 1651 इसी में लिखी गई यह पुस्तक फ्रांसीसी गोल्डाफिन को समर्पित है लेवियाथन के मुख्य चार भाग गए जो निम्न है:- 1.ऑफ मैन 2.ऑफ काॕमनवेल्थ 3.ऑफ क्रिटिसिज्म 4.ऑफ़ किंगडम लेवियाथन पुस्तक को कलेरण्डन ने जलाया और कहा कि यह विश्वास घातों से भरी हुई है! लेवियाथन पुस्तक को वाइट हॉल ने:- 1.विद्रोही की प्रश्नोत्तरी 2.पोप लीला का षड्यंत्र 3.सांप के जहर से भी जहरीली बताया लेवियाथन पुस्तक के बारे में ब्रेमहिल ने कहा कि 1.कुत्तों का तमाशा है 2.नील नदी भी इतना कूड़ा करकट लेकर नहीं आती जितना लेवियाथन लेकर आया है 3.सूअर जिस तरह हरे भरे खेत को नष्ट करता है उसी तरह लेवियाथन अपने समाज को नष्ट करता है सी. इ. वाहन :- लेवियाथन ने राजनीति को निष्फल बना दिया राॕस -: लेवियाथन निरंकुश राजतंत्र का समर्थन करता है माइकल ऑकशाट:- यह अंग्रेजी का सबसे बड़ा ग्रंथ है थॉमस हॉब्स के बारे में कथन काउले:- थॉमस हॉब्स मेल्सबरी का शैतान था! विली:- थॉमस हॉब्स झगड़ालू प्रकृति का शिष्य था ब्रिटेन में 2 दल थे 1.कंजरवेटिव दल या अनुदारवादी दल :-यह राजतंत्र, चर्च, लाॕर्ड सभा का समर्थन करता था थॉमस हॉब्स इसी दल से संबंधित है इन का प्राचीन नाम टोरी दल था 2.उदारवादी दल:- संसद ,लोकतंत्र का समर्थन करता था जाॕन लाॕक इससे संबंधित था प्राचीन नाम व्हिग दल था थॉमस हॉब्स के प्रमुख विचार - वैज्ञानिक भौतिकवाद:- थॉमस हॉब्स कहता था कि सृष्टि का मूल तत्व कण या पदार्थ है मानव भी कणो से निर्मित भौतिक गुण मात्र है मानव के अगं भी कणो की भांति गतिशील है परंतु मानव के हृदय की गति बाहय वातावरण से प्रभावित होती है और उस बाहय गतिविधियों का समर्थन करती है जो उसको बनाए रखती है और उन बाहय गतिविधियों का विरोध करती है जो हृदय की गति को रोकने का प्रयास करते हैं अतः मानव का मूल प्रवृत्ति आत्म संरक्षण है इसी आधार पर थॉमस हॉब्स कहता कि मनुष्य असामाजिक व अनैतिक प्राणी है थॉमस हॉब्स के मानव प्रकृति संबंधी विचार :-थॉमस हॉब्स मानव प्रकृति विचार वैज्ञानिक भौतिकवाद पर आधारित है थॉमस हॉब्स का कहना है कि मानव प्रकृति में असामाजिक, अनैतिक, स्वार्थी प्राणी है उसे अपनी पुस्तक लेवियाथन में मानव प्रकृति के तीन तत्व बताता है एकांकी ,दिनहीन, पापी मानव प्रकृति के आधार पर ही थॉमस हॉब्स निरंकुश राजतंत्र का समर्थन करता है मानव प्रकृति के संबंध में थॉमस हॉब्स के दो कथन है 1. स्वयं को पढ़ो 2. मानव प्रकृति वैसी है जैसी मैं बताता हूं थॉमस हॉब्स के प्राकृतिक अवस्था संबंधी विचार:- प्राकृतिक अवस्था प्राक सामाजिक प्राक राजनीतिक थी अर्थात ना समाज था और ना ही राज्य था इस अवस्था में प्रत्येक मानव दूसरे मानव के साथ संघर्षरत था! संघर्ष के तीन कारण थे 1. प्रतिस्पर्धा 2. यश 3.भयं न्याय और नैतिकता का भाव था सभी मानव समान थे थॉमस हॉब्स 19 प्रकार के प्राकृतिक कानून प्रचलित बताता है यही प्राकृतिक कानून मनुष्य को सामाजिक समझौते के माध्यम से शक्तिशाली राजतंत्र की स्थापना करने की प्रेरणा देते हैं सामाजिक समझौता संबंधी विचार सामाजिक समझौते का सिद्धांत :- 1.मानव प्रकृति वैज्ञानिक भौतिकवाद और प्राकृतिक अवस्था पर आधारित है 2.थॉमस हॉब्स के अनुसार सामाजिक समझौते का कारण है भय और प्राकृतिक कानून की प्रेरणा थॉमस हॉब्स सामाजिक समझौते की प्रक्रिया पर चर्चा करता है कि सभी मनुष्य एक स्थान पर एकत्रित हुए होते हैं उसमें से मनुष्य खड़े होकर कहता है कि मैं अपने सारे अधिकार व शक्तियां इस व्यक्ति को सोैपता हूं शर्त यह है कि आप भी अपने सभी अधिकार व शक्तियां इस व्यक्ति को सौंप दें इसी संदर्भ में तो उसका प्रसिद्ध कथन है कि तलवार के अभाव में समझौते मात्र शब्द होते हैं थॉमस हॉब्स के सामाजिक समझौते की विशेषताएं :- 1.थॉमस हॉब्स का सामाजिक समझौता स्थाई है क्योंकि समझौते तोड़ने का तात्पर्य है पुन: प्राकृतिक अवस्था में लौटना 2.थॉमस हॉब्स निरंकुश राजतंत्र की स्थापना करता है 3.थॉमस हॉब्स कानूनी संप्रभुता की स्थापना करता है 4.थॉमस हॉब्स आदमी को आत्मरक्षा का अधिकार देता है 5.थॉमस हॉब्स में व्यक्तिवाद व निरंकुशवाद दोनों के तत्व दिखाई देते है! थॉमस हॉब्स के प्रभुसत्ता संबंधी विचार :- 1.थॉमस हॉब्स कानूनी संप्रभुता का समर्थक था यह बोंदा के विचारों को और आगे बढ़ाता है जैसा की सेबाइन लिखता है कि उसने शासकों को बोंदा के प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया 2.थॉमस हॉब्स संप्रभुता की परिभाषा न देकर संप्रभु की परिभाषा देता है कहता है कि संप्रभु वह है जो समझौते का भाग नहीं है बल्कि परिणाम है 3.थॉमस हॉब्स संप्रभुता को सर्वोच्च ,निरंकुश, अदेय और समस्त शक्तियों का स्रोत बताता है इसी संदर्भ में थॉमस हॉब्स का प्रसिद्ध कथन है त्रिभुज के तीनों कोणों का मान चतुर्भुज के दो कोणों के बराबर होता है लेकिन राजनीति में त्रिभुज को ही स्वीकार किया जाता है वाहन:- थॉमस हॉब्स लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ही लोकतंत्र को नष्ट कर देता है सेबाइन:- थॉमस हॉब्स को प्रथम व्यक्ति वादी कहता है जबकि थॉमस हॉब्स प्रथम व्यक्तिवादी नहीं लॉक प्रथम व्यक्तिवादी है थॉमस हॉब्स कहता है कि राज्य अपने कामों के लिए सिर्फ परमात्मा के प्रति जिम्मेवार है वेस्टरफील्ड ने 2009 में लेवियाथन को पुन: लिखा था कोलिंगवुड ने न्यू लेवियाथन की रचना की
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