राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य क्रियान्वयन राजस्थान के परिप्रेक्ष्य मेंNational Education Policy 2020
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 राजस्थान के परिप्रेक्ष्य में
आज के आर्टिकल में हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को विस्तार से पढेंगे ,आप इसे अच्छे से पढ़ें
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 21वीं शताब्दी की पहली शिक्षा नीति है इससे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968 में,व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 बनी थी अपनी पिछली शिक्षा नीति तीन दशक(34वर्ष) पहले आई थी इसलिए वर्ष 2014 में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए वर्ष 2015 में पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में 5 सदस्य समिति का गठन किया था उसने नई शिक्षा नीति का मसौदा पेश किया लेकिन किसी कारण उसे अनुकूल नहीं पाया और वर्ष 2016 में अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंजन की अध्यक्षता में एक नई समिति के गठन किया गया वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मसौदा पूर्व इसरो प्रमुख कृष्णा स्वामी कस्तूरी रंजन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा तैयार किया गया भारत द्वारा 2015 में अपनाया गए सतत विकास एजेंडा 2030 के लक्ष्य 4 में परिलक्षित वैश्विक शिक्षा एजेंडा के अनुसार विश्व में 2030 तक सभी के लिए समावेशी व समान गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करने और जीवन पर्यंत शिक्षा के अवसरों को बढ़ावा देने का लक्ष्य है
नई शिक्षा नीति का मसौदा डॉक्टर कस्तूरी रंजन की अध्यक्षता में गठित समिति ने 31 मई 2019 को तैयार कर केंद्र सरकार को सौंप दिया यह है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 29 जुलाई 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित की गई
नई शिक्षा नीति में 2020 के पांच स्तंभ होंगे
1.access-सब तक पहुंच
2.equity-भागीदारी
3 quality -गुणवत्ता
4.affordability- किफायती
5.accountability-जवाबदेही
नीति 2020 के मूलभूत सिद्धांत
शिक्षण प्रणाली का उद्देश्य अच्छे इंसान का विकास करना है जो तर्कसंगत विचार और कार्य करने में सक्षम हो। शिशु में करुणा और सहानुभूति साहस और लचीलापन वैज्ञानिक चिंतन और रचनात्मक कल्पना शक्ति नैतिक मूल्य और आधार हो ।इसका उद्देश्य ऐसे उत्पादक लोगों को तैयार करना है जो कि अपने संविधान द्वारा परिकल्पित समावेशी और बहुलवादी समाज के निर्माण में बेहतर तरीके से योगदान करें।
मूलभूत सिद्धांत जो बड़े स्तर पर शिक्षा प्रणाली और साथ ही व्यक्तिगत संस्थानों दोनों का मार्गदर्शन करेंगे जो निम्न प्रकार हैं
1-हर बच्चे की विशिष्ट क्षमता की स्वीकृति पहचान और उनके विकास हेतु प्रयास करना
2-कक्षा तीन तक के सभी बच्चों साक्षरता व संख्याज्ञान जैसे मूलभूत कौशलों को हासिल कर सके इसके लिए बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान को सर्वाधिक प्राथमिकता देना
3-शिक्षार्थी सीखने के तौर तरीके और अपनी रूचि के अनुसार जीवन में रास्ता चुन सके इसके लिए लचीलापन होना
4-रटत पद्धति और केवल परीक्षा के लिए पढ़ाई की बजाय अवधारणा तक समझ पर जोर देना
5-बहुभाषिक और अध्ययन अध्यापन के कार्य में भाषा की शक्ति को प्रोत्साहन
6-स्कूली शिक्षा से उच्चतर शिक्षा तक सभी क्षेत्रों में शिक्षा पाठ्यक्रम में तालमेल प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल तथा शिक्षा।
इस नीति का विजन
इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विजन भारतीय मूल्यों से विकसित शिक्षा प्रणाली है जो सभी को उच्चतर गुणवत्ता शिक्षा उपलब्ध कराएं और भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाकर भारत को एक जीवन और न्याय संगत ज्ञान समाज में बदलने के लिए प्रत्यक्ष रूप से योगदान करेगी नीति में परिकल्पित है कि हमारे संस्थानों की पाठ्यचर्या और शिक्षा विधि छात्रों में अपने मौलिक दायित्व और संवैधानिक मूल्यों देश के साथ जुड़ाव और बदलते विश्व में नागरिकों की भूमिका और उत्तरदायित्व की जागरूकता उत्पन्न करें नीति का वर्णन छात्रों में भारतीय होने का गर्व न केवल विचार में बल्कि वह व्यवहार बुद्धि और कार्यों में भी और साथ ही ज्ञान कौशल मूल्य और सोचने भी होना चाहिए जो मानवाधिकार स्थाई विकास और जीवन यापन तथा वैश्विक कल्याण के लिए प्रतिबद्धता की सही मायने में विश्व नागरिक बन सकें
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मसौदे का अध्याय विभाजन निम्न प्रकार है
भाग-1 स्कूल शिक्षा (अध्याय 1 से 8)
भाग दो उच्चतर शिक्षा (अध्याय 9 से19)
भाग तीन अन्य केंद्रीय मुद्दे (अध्याय 20 से 24)
भाग 4 क्रियान्वयन की रणनीति ( अध्याय 25 से 27)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की विशेषताएं
वर्तमान की 10 + 2 स्कूली शिक्षा को 3 से 18 वर्ष के सभी बच्चों के लिए प्रत्येक पाठ्यचर्या व शिक्षण शास्त्री आधार पर 5 + 3 + 3 + 4 की नई व्यवस्था को पुनर्गठित करने की बात की गई
फाउंडेशन स्टेज
5 वर्ष की शिक्षा
कक्षा पूर्व प्राथमिक से कक्षा दो तक
आयु वर्ग 3 से 8 वर्ष तक
शिक्षण गतिविधियां आधारित
प्राथमिक स्टेज
3 वर्ष की शिक्षा
कक्षा 3 से 5 तक
आयु वर्ग 8 से 11 वर्ष
शिक्षण -प्रयोगों के जरिए विज्ञान गणित कला की पढ़ाई कराई जाएगी
मिडिल स्टेज
तीन वर्ष की शिक्षा
कक्षा 6 से 8 तक
आयु वर्ग 11 से 14 वर्ष
शिक्षण -विषय आधारित पाठ्यक्रम तथा कक्षा 6 से कौशल विकास के कोर्स भी शुरू किए जाएंगे
सेकेंडरी स्टेज
4 वर्ष की शिक्षा
कक्षा 9 से 12 तक
आयुइवर्ग
शिक्षण
पढ़ाई दो चरणों में होगी इसमें विषयों का गहन अध्ययन कराया जाएगा छात्रों को इच्छानुसार विषय चुनने की आजादी होगी जैसे विज्ञान और गणित के फैशन डिजाइनिंग का व इतिहास भी पढ़ सकेंगे छात्र स्कूल से कौशल लेकर निकलेगा
जहां तक संभव हो कक्षा 5 तक की शिक्षा का माध्यम मातृभाषा /क्षेत्रीय भाषा होगी इसे कक्षा आठ या उससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है
न्यूरोसाइंस के अनुसार बालक के मस्तिष्क का 85 विकास 6 वर्ष की उम्र से पहले ही विकसित हो जाता है
नई शिक्षा नीति में पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए पूर्व बाल्यावस्था की देखभाल एवं शिक्षा को एक मजबूत बुनियादी के रूप में शामिल किया गया है
इस नीति में यह प्रावधान किया गया है कि 3 से 9 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की 2026- 2027 तक की मूलभूत एवं संख्या ज्ञान दक्षता को पूर्ण करना
प्रत्येक स्कूल में विद्यार्थी शिक्षक अनुपात 30: 1 से कम हो सामाजिक आर्थिक रूप से वंचित बच्चों की अधिकता वाले स्कूलों में विद्यार्थी शिक्षक अनुपात 25: 1 से कम हो
मध्यमिक शिक्षा के दौरान वैकल्पिक भाषा के रूप में विदेशी भाषाएं रुचि और आकांक्षा के अनुसार उपलब्ध हो
कक्षा 6 से ही व्यवसायिक कौशल सीखने का विकल्प होगा
कक्षा 3,5,8 में संबंधित अथॉरिटी द्वारा परीक्षा का आयोजन किया जाएगा कक्षा 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा पहले की तरह जारी रहेंगे
परीक्षा प्रणाली को लचीला बनाया जाएगा
राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र परख स्थापित करने का प्रस्ताव है
वर्ष 2030 तक संपूर्ण स्कूली शिक्षा के लिए 100% सकल नामांकन अनुपात प्राप्त करने का लक्ष्य लिया गया है
शिक्षा का अधिकार कानून का दायरा बढ़ाया जाए
नई शिक्षा नीति में शिक्षा का अधिकार कानून के दायरे को व्यापक बनाया गया है इस से अब तक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षा को ही शामिल किया गया था जो 6 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को इस कानून के दायरे में लाने के उपाय बातें करती थी नई शिक्षा नीति में प्राथमिक पूर्व शिक्षा के महत्व को स्वीकार करते हुए इस कानून का दायरा प्राथमिक पूर्व शिक्षा से 12वीं कक्षा तक आयु वर्ग 3 से 18 वर्ष तक की शिक्षा के लिए लागू करने की सिफारिश की गई है
राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण गठित किया जाएगा
राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी
परख-
छात्रों की प्रगति के मूल्यांकन के लिए मानक निर्धारण निकाय के रूप में परख नामक एक राष्ट्रीय आकलन केंद्र की स्थापना की जाएगी
अध्यापक शिक्षा
वर्ष 2030 तक स्कूली शिक्षा के लिए बहू विषय प्रशिक्षण संस्था द्वारा प्रत्येक 4 वर्षीय b.ed कार्यक्रम स्कूल अध्यापक शिक्षा के लिए न्यूनतम डिग्री होगी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के केंद्र व राज्य सरकारों के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में देश की जीडीपी का 6% निवेश का लक्ष्य रखा गया है
वर्ष 2026 -27 तक कक्षा 3 से प्रत्येक बच्चे के लिए बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान का लक्ष्य रखा गया है
कक्षा एक के विद्यार्थियों के लिए शुरुआत के 3 महीनों का विद्या प्रवेश कार्यक्रम किया जाएगा जो कि खेल आधारित होगा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों के लिए विद्यालय के बस्ते का वजन बच्चे के वजन का 10% होना चाहिए
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार संस्था प्रधानों व शिक्षकों को प्रतिवर्ष 50 घंटे का सतत व्यवसायिक विकास प्रशिक्षण करना अनिवार्य है
कक्षा 6 के स्तर को कोडिंग को बढ़ावा दिया जाएगा
विद्यार्थियों के समग्र विकास हेतु 360-degree का होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड प्रदान किया जाएगा
कक्षा 6 से 8 तक के लिए वर्ष में 10 दिन बस्ता रहित रहेंगे
शैक्षणिक दृष्टि से वंचित क्षेत्रों में स्पेशल एजुकेशन जोन चिन्हित किए जाएंगे
स्कूल स्थापना दिवस का आयोजन किया जाएगा
राज्य स्तर पर राजस्थान विद्यालय मानक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा
निपुण भारत मिशन
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बेहतर समझ एवं संख्या ज्ञान के साथ पढ़ाई में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल निपुण भारत मिशन की शुरुआत 5 जुलाई 2021 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा की गई स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा निपुण भारत मिशन को क्रियान्वयन किया जाएगा इसका उद्देश्य 3 से 9 वर्ष की आयु के बच्चों की सीखने की आवश्यकता को पूरा करना है अर्थात आधारभूत साक्षरता व संख्यात्मकता के सार्वभौमिक अधिग्रहण को सुनिश्चित करने और एक सक्षम वातावरण बनाना ताकि कक्षा 3 तक प्रत्येक बच्चा वर्ष 2026 -27 तक पढ़ने लिखने गणित में सीखने की क्षमता प्राप्त कर सके
निपुण भारत मिशन के तहत मूलभूत साक्षरता अभियान कार्यक्रम चलाया जाएगा
राजस्थान राज्य शिक्षा नीति हेतु गठित राज्य स्तरीय समिति
राजस्थान राज्य की शिक्षा नीति तैयार करने तथा वर्ष 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप का अध्ययन करने के लिए राज्य सरकार ने ओंकार सिंह की अध्यक्षता में 3 सदस्य समिति का गठन किया गया है जिसमें पूर्व संयुक्त निदेशक ओमप्रकाश सारस्वत ,पूर्व प्रधानाचार्य हरि कृष्ण आर्य को सदस्य मनोनीत किया गया।
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