राजस्थान के प्रमुख प्रजामंडल की स्थापना,आन्दोलन व प्रमुख नेता
जयपुर प्रजामंडल से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
19 जून 1938 को प्रजा मंडल ने सीकर दिवस मनाया
इस आंदोलन से जुड़े जमुनालाल बजाज ने 1921 में वर्धा में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की तथा 1925 में अजमेर में चरखा संघ की स्थापना की बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने इनकी बीकानेर आगमन पर रोक लगा दी थी और जब ब्रिटिश सरकार ने इनको रायबहादुर की उपाधि से सम्मानित किया इन्होंने असहयोग आंदोलन के दौरान इस उपाधि को वापस कर दिया
जेन्टलीमेन्स एग्रिमेटं
यह समझौता 1942 मे जयपुर प्रजामंडल के नेता हीरालाल शास्त्री और जयपुर के प्रधानमंत्री मिर्जा इस्माइल के बीच हुआ था जिसके तहत प्रजामंडल ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने से इंकार कर दिया लेकिन शासक के द्वारा यानी मानसिंह के द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि राज्य में उत्तरदाई शासन की स्थापना का प्रयास किया जाएगा इसी विरोध में बाबा हरिश्चंद्र ने आजाद मोर्चा का गठन किया आजाद मोर्चा के प्रमुख नेताओं में दौलत मल भंडारी , गुलाबचंद कासलीवाल तथा रामकरण जोशी थे बाद में आजाद मोर्चा ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया
यहां इस तथ्य को भी उल्लेखित करना प्रासंगिक होगा कि जयपुर प्रजामंडल की स्थापना 1931 में कर्पूर चंद्र पाटनी के द्वारा की गई थी जिसका पुनर्गठन 1938 में जब लाल बजाज और हीरालाल शास्त्री के द्वारा किया गया चिरंजीलाल मिश्रा तथा देवी शंकर तिवाडी़ दौलतमल भंडारी ,रामकरण जोशी इसके अन्य प्रमुख सदस्य थे
मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना 24 अप्रैल 1938 को हुई थी इसका प्रथम सभापति बलवंत सिंह मेहता को तथा मंत्री माणिक्य लाल वर्मा को बनाया गया लेकिन 24 सितंबर 1938 को मेवाड़ सरकार ने प्रजामंडल को गैरकानूनी घोषित कर दिया विजयादशमी के दिन रमेश चंद्र व्यास इस प्रजामंडल से संबंधित पहले सत्याग्रही बनकर गिरफ्तार हुए 1939 में माणिक्य लाल वर्मा की पत्नी नारायणी देवी वर्मा उनकी पुत्री स्नेह लता तथा भगवती देवी को प्रजामंडल आंदोलन में भाग लेने के कारण राज्य से निष्कासित कर दिया 1941 में मेवाड़ प्रजामंडल का प्रथम अधिवेशन माणिक्य लाल वर्मा की अध्यक्षता में उदयपुर में हुआ जिसका उद्घाटन आचार्य जेबी कृपलानी ने किया इसी क्रम में 31 दिसंबर 1945 को उदयपुर में अखिल भारतीय देसी राज्य लोक परिषद का 7 वां अधिवेशन उदयपुर में ही संपन्न हुआ जिसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा की गई
वीर भारत समाज की स्थापना विजय सिंह पथिक के द्वारा किया गया था वही वीर भारत सभा की स्थापना अभिनव भारती तर्ज पर केसरी सिंह भारत के द्वारा 1910 में की गई, केसरी सिंह बारहठ ने जोधपुर के संत प्यारेलाल को घोटाला कर धन पाने के लिए हत्या कर दी जिसमें सोमदत्त लहरी रामकरण तथा हीरालाल जालोरी प्रमुख थे
रमा देवी सावित्री देवी भाटी ,कृष्णा कुमारी ,दयावती का संबंध किस प्रजामंडल से है
उतर- जोधपुर प्रजामंडल
नोट- जोधपुर प्रजामंडल की स्थापना 1934 में भंवरलाल सर्राफ की अध्यक्षता में की गई थी, 1936 में सिविल लिबर्टीज यूनियन की स्थापना हुई, जोधपुर प्रजामंडल में 1936 में कृष्णा दिवस मनाया गया
यहां इस तथ्य को लेकर करना प्रासंगिक होगा कि लक्ष्मी देवी आचार्य का संबंध बीकानेर प्रजामंडल से तथा कुमारी कुसुम गुप्ता का संबंध कोटा प्रजामंडल से है
बीकानेर प्रजामंडल की स्थापना 1936 में मघाराम वैध के द्वारा की गई थी
हाडोती प्रजामंडल की स्थापना 1934 में नयनू राम शर्मा के द्वारा की गई थी
अलवर प्रजामंडल की स्थापना 1938 मे कुंज बिहारी लाल मोदी तथा हरिनारायण शर्मा ने की थी
सिरोही प्रजामंडल की स्थापना 1939 में गोकुलभाई भट्ट ने की थी
डूंगरपुर प्रजामंडल की स्थापना 1944 में भोगीलाल पांडया ने की थी
करौली प्रजामंडल की स्थापना 1938 में त्रिलोक चंद माथुर के द्वारा की गई थी
भरतपुर प्रजामंडल की स्थापना 1938 में किशन लाल जोशी के द्वारा की गई थी
सन 1937 ईस्वी में पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रयासों से भरतपुर में कांग्रेस मंडल की स्थापना हुई प्रजामंडल की स्थापना 1938 में हरीपुरा कांग्रेस अधिवेशन के उपरांत किशन लाल जोशी ने मार्च 1938 में रेवाड़ी में भरतपुर प्रजामंडल की स्थापना जुगल किशोर चतुर्वेदी के घर पर की इनका प्रथम अध्यक्ष गोपी लाल यादव तथा ठाकुर देशराज व रेवती शरण उपाध्याय को उपाध्यक्ष तथा मास्टर आदित्यनाथ को कोषाध्यक्ष बनाया गया सरकार ने प्रजामंडल को अवैध घोषित कर दिया
झालावाड़ प्रजामंडल की स्थापना 1946 में मांगीलाल भव्य के द्वारा की गई थी
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