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18वीं लोकसभा में प्रधानमंत्री व मन्त्रीपरिषद सूची

18वीं लोकसभा में प्रधानमंत्री व मन्त्रीपरिषद सूची


➡️ राष्ट्रपति भवन में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में 71 राजनेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली मंत्रिपरिषद में 30 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, 5 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्यमंत्री शामिल हैं।

आम चुनाव- 2024 के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण समारोह 9 जून, 2024 को निर्धारित है। इस अवसर पर भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के नेताओं को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है
1.)श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री रानिल विक्रमसिंघे,
2.)मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू,
3.)सेशेल्स के उपराष्ट्रपति श्री अहमद अफिफ,
4.)बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना,
5.)मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ,
6.)नेपाल के प्रधानमंत्री श्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और 7.)भूटान के प्रधानमंत्री श्री शेरिंग तोबगे ने उपस्थित होने का निमंत्रण स्वीकार किया है।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए नेताओं की यात्रा भारत की ओर से अपनी 'पड़ोसी पहले' नीति और 'सागर' दृष्टिकोण को प्रदान की गई सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुरूप है।


तीन बार शपथ लेने वाले पीएम

   ▪️ जवाहर लाल नेहरू

   ▪️  इंदिरा गांधी

   ▪️ अटल बिहारी वाजपेई

   ▪️ नरेंद्र दामोदरदास मोदी

मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या का क्या गणित?

संविधान के अनुसार, मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की कुल संख्या लोकसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं होनी चाहिए। यानी 81 से ज्यादा मंत्री नहीं हो सकते। 1998 की अटल सरकार में 86 मंत्री थे, उसी के बाद कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या सीमित की गई थी।91वां संशोधन- 91वें संशोधन अधिनियम 2003 के प्रावधानों के तहत प्रधानमंत्री सहित संपूर्ण मंत्रिपरिषद का आकार लोकसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं होगा। इसका मतलब यह है कि अधिकतम 81 मंत्री हो सकते हैं।

➡️ राजस्थान से 4 मंत्री बने हैं जिनमें से 2 केबिनेट मंत्री बने हैं :-👇
➡️ भूपेंद्र यादव, कैबिनेट मंत्री।
➡️ गजेंद्र सिंह, कैबिनेट मंत्री।
➡️ अर्जुन मेघवाल, स्वतंत्र प्रभार।
➡️ भागीरथ चौधरी, राज्य मंत्री।

➡️ जोधपुर के मूल निवासी अश्विनी वैष्णव एक बार फिर कैबिनेट मिनिस्टर बने हैं हालांकि वे ओडिशा से राज्यसभा सांसद है
अमित शाह- गृह मंत्री

राजनाथ सिंह- रक्षा मंत्री
नितिन गडकरी- सड़क परिवहन मंत्रालय
एस जयशंकर- विदेश मंत्रालय
निर्मला सीतारमन - वित्त मंत्रालय
मनोहरलाल खट्टर- ऊर्जा मंत्री एवं शहरी विकास मंत्री
अश्विनी वैष्णव- रेल और सूचना प्रसारण मंत्रालय
शिवराज सिंह चौहान - कृषि मंत्री
जेपी नड्डा- स्वास्थ्य मंत्रालय
पीयूष गोयल- वाणिज्य मंत्रालय
हरदीप सिंह पुरी - पेट्रोलियम मंत्रालय
भूपेंद्र यादव - पर्यावरण मंत्रालय
गजेंद्र सिंह शेखावत - संस्कृति एवं पर्यटन
धर्मेंद्र प्रधान - शिक्षा मंत्री
चिराग पासवान - खेल मंत्रीराम
मोहन नायडू - उड्डयन मंत्रालय

राजस्थान के लोकसभा परिणाम 2024

NDA - 14 (BJP)
INDIA - 11
जयपुर शहर - मंजु शर्मा BJP
अजमेर - भागीरथ चौधरी BJP
राजसमंद - महिमा कुमारी BJP
दौसा - मुरारीलाल मीणा INC
बीकानेर - अर्जुनराम मेघवाल BJP
झालावाड़ - दुष्यंत सिंह BJP
धौलपुर - भजनलाल जाटव INC
पाली - पीपी चौधरी BJP
भरतपुर - संजना जाटव INC
उदयपुर - मन्नालाल रावत BJP
चित्तौड़गढ़ - सीपी जोशी BJP
जालोर - लुंबाराम चौधरी BJP
श्रीगंगानगर - कुलदीप इंदौरा INC
जयपुर ग्रामीण - राव राजेन्द्र सिंह BJP
नागौर - हनुमान बेनीवाल RLP
भीलवाड़ा - दामोदर अग्रवाल BJP
चूरु - राहुल कस्वां INC
बाँसवाड़ा - राजकुमार रोत BAP
सीकर - अमराराम CPI(M)
झुँझुनू - बृजेंद्र ओला INC
जोधपुर - गजेन्द्र सिंह शेखावत BJP
अलवर - भूपेन्द्र यादव BJP
कोटा - ओम बिरला BJP
बाड़मेर - उम्मेदाराम बेनीवाल INC
टोंक - हरीशचंद्र मीना INC

इंदौर पहला लोकसभा क्षेत्र बना जहा नोटा पर 2 लाख 18 हजार से ज्यादा वोट पड़ें...

अठारहवीं लोकसभा चुनाव में राजस्थान से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य 


सबसे बड़ी जीत - राजसमंद से महिमा कुमारी 


सबसे छोटी जीत - जयपुर ग्रामीण से राव राजेंद्र सिंह 


सबसे युवा सांसद - संजना जाटव - भरतपुर 


सबसे वृद्ध - जयपुर ग्रामीण से राव राजेंद्र सिंह 


महिला सांसद - तीन ( मंजू शर्मा ,महिमा कुमारी और संजना जाटव )


मौजूदा विधायक जो सांसद बने - पांच 


झुंझुनूं-बृजेन्द्र ओला

खींवसर- हनुमान बेनीवाल

दौसा- मुरारी मीणा

चौरासी- राजकुमार रौत

देवली उणियारा-हरीश मीना

कांग्रेस को 10 साल बाद सदन में विपक्ष के नेता का संवैधानिक दर्जा वापस मिलने जा रहा है...लोकसभा के पहले स्पीकर जीवी मावलंकर के समय बनाए गए नियम के अनुसार विपक्ष के नेता का पद सदन में कुल सदस्यों की संख्या की 10% सीटें हासिल करने वाली पार्टी को मिल सकता था।हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी चाहे तो अपनी ओर से पेशकश करते हुए विपक्ष के नेता का ओहदा सबसे बड़ी पार्टी के नेता को दे सकती थी।जनता पार्टी सरकार ने 1977 में संसद में बिल लाकर इस पद को संवैधानिक दर्जा दिया। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है।कांग्रेस को 2014 में 44 और 2019 में 52 सीटें मिली थी, पार्टी ने 16वीं लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे को और 17वीं लोकसभा में अभीरंजन चौधरी को लोकसभा में अपना नेता बनाया लेकिन इन्हें विपक्ष का नेता का दर्जा प्राप्त नहीं था।खरगे वर्तमान में राज्यसभा में विपक्ष के नेता है, जबकि अभिरंजन चुनाव हार गए हैं। कांग्रेस की सरकार के जमाने में 1984 में ऐसी स्थिति बनी थी जब विपक्ष के नेता का पद खाली था ,क्योंकि किसी भी विरोधी दल को 54 सीटें नहीं मिली थी।@polity#pmmodi#modi         

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