विश्व आदिवासी दिवस व भारतीय जनसंख्या में प्रतिनिधित्व
▪️विश्व आदिवासी दिवस ✅
1. भारत सरकार के 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक, राजस्थान में आदिवासी वर्ग के लोगों की संख्या राजस्थान की कुल आबादी का 12.6 फीसदी (86 लाख) है
2. भारत के संविधान में आदिवासी वर्ग के लिए विशेष प्रावधान निर्धारित किया गया है, जहां इन्हें अनुसूचित जनजाति के श्रैणी में रखा गया है
3. भारत के प्रमुख आदिवासी समुदायों में बोडो, भील, खासी, जाट, गोंड, मुंडा, खड़िया, हो, मीणा, उरांव, परधान, बिरहोर, पारधी, सहरिया, संथाल, आंध, टोकरे, कोली, महादेव, कोली, कोली, मल्हार, टाकणकार आदि शामिल है
4. आदिवासी समाज के लोग अपने धार्मिक स्थलों पर एक विशेष प्रकार का झंडा लगाते है. ये झंडा किसी भी रंग का हो सकता है. वह लोग किसी विशेष प्रकार के रंग से नहीं बंधे होते हैं. इनके झंडे में सूर्य, चांद, तारे इत्यादि कुछ भी हो सकते हैं
5. आदिवासी शब्द दो शब्दों 'आदि' और 'वासी' से मिलकर बना होता है, जिसका अर्थ 'मूल निवासी' होता है
6. आदिवासी समाज किसी मूर्ति को नहीं पूजता है, और ना ही वह किसी खास धर्म को मानता है. उनके लिए प्रकृति ही भगवान होती है. वह प्रकृति में पाए जाने वाले सभी जीव-जंतु, पर्वत, नदियां, नाले, खेत इन सभी की पूजा करते हैं
7. 9 अगस्त 1982 के दिन संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) द्वारा आदिवासी समाज के हित के लिए, पहली बार बैठक आयोजन किया गया था, जिसके बाद से यूएनओ ने 9 अगस्त को 'विश्व आदिवासी दिवस' के रुप में घोषित कर दिया
8. भारत में सबसे ज्यादा आदिवासी वर्ग के
लोग मिजोरम में 94.04 फीसदी, नगालैंड 86.05 फीसदी और मेघालय में 86.01 फीसदी है
9. भारत में हुई 2011 की जनगणना के मुताबिक, कुल जनसंख्या का 8.6 फीसदी (करीब 10 करोड़) लोग आदिवासी हैं
1. भारत सरकार के 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक, राजस्थान में आदिवासी वर्ग के लोगों की संख्या राजस्थान की कुल आबादी का 12.6 फीसदी (86 लाख) है
2. भारत के संविधान में आदिवासी वर्ग के लिए विशेष प्रावधान निर्धारित किया गया है, जहां इन्हें अनुसूचित जनजाति के श्रैणी में रखा गया है
3. भारत के प्रमुख आदिवासी समुदायों में बोडो, भील, खासी, जाट, गोंड, मुंडा, खड़िया, हो, मीणा, उरांव, परधान, बिरहोर, पारधी, सहरिया, संथाल, आंध, टोकरे, कोली, महादेव, कोली, कोली, मल्हार, टाकणकार आदि शामिल है
4. आदिवासी समाज के लोग अपने धार्मिक स्थलों पर एक विशेष प्रकार का झंडा लगाते है. ये झंडा किसी भी रंग का हो सकता है. वह लोग किसी विशेष प्रकार के रंग से नहीं बंधे होते हैं. इनके झंडे में सूर्य, चांद, तारे इत्यादि कुछ भी हो सकते हैं
5. आदिवासी शब्द दो शब्दों 'आदि' और 'वासी' से मिलकर बना होता है, जिसका अर्थ 'मूल निवासी' होता है
6. आदिवासी समाज किसी मूर्ति को नहीं पूजता है, और ना ही वह किसी खास धर्म को मानता है. उनके लिए प्रकृति ही भगवान होती है. वह प्रकृति में पाए जाने वाले सभी जीव-जंतु, पर्वत, नदियां, नाले, खेत इन सभी की पूजा करते हैं
7. 9 अगस्त 1982 के दिन संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) द्वारा आदिवासी समाज के हित के लिए, पहली बार बैठक आयोजन किया गया था, जिसके बाद से यूएनओ ने 9 अगस्त को 'विश्व आदिवासी दिवस' के रुप में घोषित कर दिया
8. भारत में सबसे ज्यादा आदिवासी वर्ग के
लोग मिजोरम में 94.04 फीसदी, नगालैंड 86.05 फीसदी और मेघालय में 86.01 फीसदी है
9. भारत में हुई 2011 की जनगणना के मुताबिक, कुल जनसंख्या का 8.6 फीसदी (करीब 10 करोड़) लोग आदिवासी हैं
महत्वपूर्ण तथ्य✍
🔹 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या - 10.43 करोड़
(देश की कुल जनसंख्या का 8.6%)
🔹 सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या वाला राज्य - मध्य प्रदेश
🔹 सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या प्रतिशत वाला राज्य - मिजोरम (95%)
◾️ राजस्थान में
🔹 अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या - 92.39 लाख
🔹 राजस्थान की कुल जनसंख्या का प्रतिशत - 13.48%
🔹 अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या में राजस्थान का देश में स्थान - चौथा
🔹 सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या वाला जिला - उदयपुर
🔹 सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या प्रतिशत वाला जिला - बांसवाड़ा (74%)
🔹 राजस्थान में सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति - मीणा
🔹 राजस्थान की सबसे प्राचीन जनजाति - भील
🔹 राजस्थान की लोकसभा सीटों में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटें - 3
🔹 राजस्थान की विधानसभा में अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित सीटें - 25
🔹 लोकसभा की 543 सीटों में से अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित सीटें - 47
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