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बारां जिले का परिचय महत्वपूर्ण स्थान

बारां जिले का परिचय महत्वपूर्ण स्थान

बांरा - बारां जिले को मसाला नगरी तथा वराह नगरी के नाम से जाना जाता है यह जिला 10 अप्रैल 1991 को कोटा से अलग करके बनाया गया था 
राजस्थान में सर्वाधिक मसाले तथा धनिये का उत्पादन बांरा जिले मेंहोता है

सौरसेन - यहां पर ब्राह्मणी माता का मंदिर है यह एकमात्र देवी है जिसकी पीठ की पूजा की जाती है यहां पर गधों का मेला भी लगता है

शाहबाद - राजस्थान में सर्वाधिक सहरिया जनजाति ही निवास करती है यहीं पर शाहबाद का किला भी है 
शाहबाद में तपसी बावड़ी भी है

सीताबाड़ी- यह मेला सहरिया जनजाति का कुंभ कहा जाता है
 
धारी संस्कार का संबंध सहरिया जनजाति से है

सहरिया जनजाति राजस्थान में सर्वाधिक बांरा जिले में रहती है
भारत सरकार के द्वारा 1977 -78 में सहरिया विकास कार्यक्रम चलाया गया था

ज्येष्ठ मास की अमावस्या में सीताबाड़ी में सहरिया जनजाति का विशाल मेला लगता है जिसे सहरिया जनजाति का कुंभ कहते हैं

छबड़ा - छपरा सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट वर्तमान में 2320 मेगावाट विद्युत उत्पादन कर रहा है 

1977 में मुख्यमंत्री बनते समय भैरो सिंह शेखावत राज्यसभा के सांसद थे बाद में इन्होंने छबडा़ सीट से उपचुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्यता हासिल की थी

अटरू - यहां गडगच्च देवालय तथा मामा भांजा का मंदिर भी है

अंता - अंता गैस थर्मल पावर प्लांट NTPC द्वारा संचालित है

शेरगढ़ - शेरगढ़ दुर्ग बांरा में परवन नदी के किनारे स्थित है इस दुर्ग को कोषवर्द्धन दुर्ग भी कहा जाता है शेरशाह सूरी ने जब मालवा अभियान किया था तब इस दुर्ग का नामकरण शेरगढ़ कर दिया

शाहबाद दुर्ग - इस दुर्ग का निर्माण मणिमुकुट देव नामक शासक ने मुकुंदरा पहाड़ी पर करवाया था इस दुर्ग में नवल बाण तोप रखी गई है इस दुर्ग को सलेमाबाद दुर्गा भी कहा जाता है

जामा मस्जिद - औरंगजेब की काल में निर्मित यह राजस्थान की सबसे बड़ी मस्जिद मानी जाती है

रामगढ़ - रामगढ़ क्रेटर राजस्थान का नया ईको पर्यटन स्थल है 

धरातलीय क्षेत्रों में दिखने वाले निम्न गर्त क्रेटर कहलाते हैं यह ज्वालामुखी क्रिया से भी बन सकते हैं,उल्कापिंड के गिरने से भी बन सकते हैं फिर जब इनमे जल भर जाता हैं तो यह क्रेटर झील कहलाती हैं। 

राजस्थान के प्रथम भारत के तीसरे और दुनियाँ के 191वें क्रेटर के रूप में रामगढ़ क्रेटर, तहसील-मांगरोल,जिला- बारां,राजस्थान को अर्थ इंपैक्ट डेटाबेस सोसायटी ऑफ कनाडा की ओर से 2020 में मान्यता मिल गई थी।

रामगढ़ क्रेटर की खोज पहली बार भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण (जीएसआई) के जियोलॉजिस्ट फ्रैडरिक रिचर्ड मैलेट ने 1869 में की थी..तथा 1960 में इसे लंदन के जियोलॉजिकल सर्वे ने मान्यता दी..इस क्रेटर की परिधि 3.2 किमी है

छीपाबड़ौद - यह लहसून मंडी के लिए प्रसिद्ध है

भंडदेवरा - यह प्राचीन शिव मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है जिसका निर्माण बारहवीं शताब्दी में खजुराहो शैली में हुआ था इसे राजस्थान का लघु खजुराहो अथवा हाडोती का खजुराहो कहा जाता है

कपिलधारा - यहां कार्तिक मास की पूर्णिमा को मेला लगता है जो एक पर्यटक स्थल भी है

काकूनी- यह अपने शिल्प कला के लिए विख्यात स्थल है

रेलावन, दुगेरी - बांरा जिले के यह स्थल हड़प्पा कालीन पुरातत्व स्थल है

शेरगढ़ अभयारण्य - यह बांरा जिले में है जिसे 1983 में वन्य जीव अभ्यारण घोषित किया गया था

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