संविधान सभा के महत्वपूर्ण तथ्य गठनConstitution
सविंधान सभा का गठन
कैबिनेट मिशन योजना के आधार पर संविधान सभा का गठन किया गया था कैबिनेट मिशन ने संविधान सभा में कुल 389 सदस्यों का निर्धारण किया था कैबिनेट मिशन योजना के आधार पर ब्रिटिश प्रांतों में जुलाई-अगस्त 1946 में सविधान सभा हेतु निर्वाचन हुए थे!
संविधान सभा में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पहले बंगाल से और फिर मुंबई से निर्वाचित हुए !
एकमात्र साम्यवादी सोमनाथ लाहिडी संविधान सभा में निर्वाचित होने वाले एकमात्र साम्यवादी थे जो केवल तीन अधिवेशन ओ तक इस संविधान सभा के सदस्य रहे
9 दिसंबर 1946 को आचार्य जेबी कृपलानी ने डॉक्टर सिन्हा से संविधान सभा की कार्रवाई में आसन ग्रहण करने का अनुरोध किया
संविधान सभा में बोलने वाले पहले वक्ता जेबी कृपलानी थे
उपाध्यक्ष
डॉ सच्चिदानंद सिन्हा के आग्रह पर फ्रैंक एंथोनी को उपसभापति मनोनीत किया बाद में 16 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने उपाध्यक्ष एच जी मुखर्जी व वीटी कृष्णामाचारी का निर्वाचन किया यहां यह तथ्य उल्लेख करना आवश्यक है कि संविधान सभा की प्रथम सत्र में 211 सदस्य उपस्थित हुए
संविधान सभा की तीसरी बैठक 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का निर्विरोध सभापति चुन लिया
सचिव - संविधान सभा के सचिव एच.वी.आर.आयंगर थे जो भारत के राष्टृपति के निर्वाचन में निर्वाचन अधिकारी थे
सविधान सभा का अस्तित्व सविधान सभा के कुल अधिवेशन 12 हुए जो 167 दिन चले संविधान सभा 9 दिसंबर 1946 से 24 जनवरी 1950 तक 3 वर्ष 1 माह और 16 दिन अस्तित्व में रही
कुल खर्च यहां यह तथ्य को उल्लेखित करना आवश्यक है कि 22 नवंबर 1949 तक संविधान सभा ने 63,96,729 रुपये खर्च कर दिए
संविधान सभा के अधिवेशनो के कुल 167 दिनों में से 141 दिन प्रारूप सविधान पर विचार करने में लग गए
यहां यह तथ्य को उल्लेखित करना आवश्यक है कि कुछ व्यक्ति जो संविधान सभा के सदस्य नहीं होते भी उनकी समितियों के सभापति थे जिनमें एस वरदाचारी, नलिनी रंजन सरकार ,एस के दर और बी एन राव है यहा यह तथ्य उल्लेखित करना आवश्यक है कि जनता ने संविधान सभा की कार्रवाई में सक्रिय रुचि ली और दर्शक दीर्घा में 53000 दर्शकों को प्रवेश मिला था
लंबा अधिवेशन सविधान सभा का सबसे लंबा अधिवेशन 9 वाँ 38 दिन चला वह सबसे कम दिन वाला अधिवेशन 6 वाँ व 12वाँ था जो 1 दिन चला! संविधान सभा का 14 जुलाई 1947 को चौथा अधिवेशन से भारतीय डोमिनियन के मुस्लिम लीग सदस्य व कश्मीर व हैदराबाद के अलावा सभी रियासतों के प्रतिनिधि शामिल हुए
डोमिनियन विधानसभा यहां यह तथ्य को उल्लेखित करना आवश्यक है कि संविधान सभा डोमिनियन विधानसभा के रूप में लगभग 2 वर्ष 1 महीने तक अस्तित्व में रही उसकी पहली बैठक 17 नवंबर 1947 को और अंतिम 24 दिसंबर 1949 को हुई विधानसभा का दूसरा सत्र सबसे लंबा 73 दिन चला व पांचवां सत्र सबसे छोटा सिर्फ 2 दिन चला !
डोमिनियन विधानमंडल की पहली बैठक की अध्यक्षता डॉ राजेंद्र प्रसाद ने की किंतु उसी दिन जी .वी. मावलंकर को विधिवत स्पीकर निर्वाचित घोषित किया गया!
संविधान सभा में कुल 17 समितियां थी प्रारूप समिति में अध्यक्ष सहित सात सदस्य थे संविधान सभा में राजस्थान के कुल 12 सदस्य थे सविधान सभा में 12 अधिवेशन और तीन वाचन हुए । महिला समूह की अध्यक्षता श्रीमती हंसा मेहता कर रही थी संविधान पर 24 जनवरी 1950 में हस्ताक्षर 299 सदस्यों में से 284 ने किया सविधान सभा में प्रथम वक्ता जे बी कृपलानी था
15 अनुच्छेद 26 नवंबर 1949 को लागू हो गये ! मूल संविधान में प्रस्तावना में 85 शब्द थे▪️संविधान सभा में कितनी महिलायें थी ?
➡️संविधान सभा में कुल 15 महिलाओं ने भाग लिया।
➡️प्रथम बैठक में महिलाओं की कुल संख्या – 10
➡️अंतिम बैठक में महिलाओं की कुल संख्या – 08
➡️ 8 महिलाओं ने संविधान पर हस्ताक्षर किए थे।
➡️संविधान सभा की महिलायों में अम्मू स्वामीनाथन,एनी मास्किरिन, बागेम एजाज रसूल, जी दुर्गाबाई, दक्षयानी वेलायुधन, हंसा मेहता,कमला चौधरी, लीला रे, मालती चौधरी, पूर्णिमा बनर्जी, राजकुमारी अमृत कौर, रेनुका रे, सरोजनी नायडू, सुचेता कृपलानी और विजयलक्ष्मी पंडित आदि शामिल थी।
➡️संविधान सभा के सदस्यों में बेगम एजाज रसूल एक मात्र मुस्लिम महिला थी. वह मुस्लिम लीग की सदस्य थी, बाद में जब मुस्लिम लीग भंग हुई तो वह कांग्रेस में शामिल हो गई
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➡️UP से 5 महिलाऐं-
कमला चौधरी, सुचेता कृपलानी, विजयलक्ष्मी पंडित, पूर्णिमा बनर्जी, बेगम रसूल।
➡️देशी रियासत में एक मात्र महिला एनी मस्करीनी (त्रावन कौर)
➡️एक मात्र SC महिला दक्षावनी वेलायुदन (मद्रास)
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