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निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 प्रावधान एवं क्रियान्वयन


निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 प्रावधान एवं क्रियान्वयन


भारत में स्कूली शिक्षा को अनिवार्य किए जाने के लिए सर्वप्रथम गोपाल कृष्ण गोखले ने 18 मार्च 1910 को गोखले बिल में मांग की थी

वर्धा योजना 1937 में गांधी जी ने प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य किए जाने के साथ व्यवसायिक शिक्षा को भी प्राथमिकता दी इसे बुनियादी शिक्षा का नाम दिया गया

सार्जेंट प्रतिवेदन 1944 में 6 से 14 वर्ष के बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा देने की बात कही गई थी

मूल संविधान में शिक्षा को राज्य सूची के विषय में सम्मिलित किया गया था 42 वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा शिक्षा को राज्य सूची समवर्ती सूची में सम्मिलित कर लिया गया समवर्ती सूची के संबंध में शिक्षा संबंधी केंद्र व राज्य सरकार द्वारा बने कानूनों में कोई अंतर होने पर केंद्र सरकार के प्रावधान को वरीयता मिलेगी

86 संविधान संशोधन 2002 के तहत निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को 1 अप्रैल 2010 को संपूर्ण भारत में निशुल्क शिक्षा का अधिकार लागू कर दिया गया यहां यह तथ्य उल्लेखित करना प्रासंगिक होगा कि राजस्थान में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 1 अप्रैल 2011 से लागू हुआ

भारत निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू करने वाला विश्व का 135 वा देश बना 


निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 सविधान के निम्न तीन अनुच्छेद से प्रभावित है।

1.  भाग 3 के अनुच्छेद 21 क    जोड़कर यह प्रावधान किया गया कि राज्य 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराएगा  

2. भाग 4 के अनुच्छेद 45 में प्राथमिक शिक्षा संबंधी उपबंध का  प्रावधान किया गया कि राज्य 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की देखरेख तथा शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा

3.भाग 4 क अनुच्छेद 51 क के अंतर्गत 11 वा मूल कर्तव्य जोड़ा गया कि माता-पिता व सरक्षक का यह कर्तव्य है कि 6 से 14 आयु वर्ग के बालकों को शिक्षा का अवसर प्रदान करें

निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में कुल 7 अध्याय 38 धाराएं थी लेकिन वर्ष 2012 में आरटीई 2009 में संशोधन किया गया जिसे शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2012 (संशोधित) कहां गया जिसमें कुल 7 अध्याय व 39 धाराएं हैं

निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार विधेयक राज्यसभा में 20 जुलाई 2009 को पारित हुआ लोकसभा में यह विधेयक 4 अगस्त 2009 को पारित हुआ राष्ट्रपति महोदय द्वारा इस पर 26 अगस्त 2009 को हस्ताक्षर कर दिए गए


निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 प्रमुख धाराएं और उनके विषय

        


             अध्याय 1- धारा 1 व 2


धारा 1 -यह विषय से संबंधित है


धारा 2- इसमें अधिनियम का संक्षिप्त नाम उनका विस्तार और वह कब प्रारंभ होने की तिथि जो केंद्र सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियत करें वह होगी

             


                      अध्याय 2

निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार धारा 3 से 5


धारा 3- में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम की शब्दावली दी गई है

धारा 4- में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम ऐसे बालक जिसे प्रवेश नहीं दिया गया जिसे प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं की उनके विषय में विशेष उपबंध दिया गया है

धारा 5- एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण का अधिकार से संबंधित है
  
  
     

         भाग 3- धारा 6 से 11तक

 

धारा 6 -में समुचित सरकार और स्थानीय प्राधिकारी का विद्यालय स्थापित करने के कर्तव्य

धारा 7 -में वित्तीय एवं अन्य उत्तरदायित्व में केंद्रीय व राज्य सरकार का हिस्सा


धारा 8- में समुचित सरकार के कर्तव्य दिए गए


धारा 9- में स्थानीय प्राधिकारी के कर्तव्य दिए गए


धारा 10- में माता-पिता व संरक्षक के कर्तव्य हुए दिए गए


धारा 11-  सरकार द्वारा विद्यालय पूर्व शिक्षा जैसे बाल वाटिका आंगनबाड़ी केंद्र आदि के लिए व्यवस्था करना

          


             अध्याय 4 धारा 12 से 28


धारा 12 -निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के लिए विद्यालय के उत्तरदायित्व की सीमा निर्धारित की गई


धारा 13 -प्रवेश के लिए किसी प्रति व्यक्ति फीस और अनुवीक्षण प्रक्रिया का ना होना


धारा 14 -प्रवेश के लिए आयु का सबूत


धारा 15 -प्रवेश से किसी को इनकार नहीं किया जाना


धारा 16- रोकने और निष्कासन का प्रतिषेध किया गया


धारा 17- बालक के शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न का प्रतिषेध किया गया

धारा 18- मान्यता प्रमाण पत्र अभी प्राप्त किए बिना किसी विद्यालय का स्थापित न किया जाना

धारा 19- में विद्यालय के मान व मानकों से संबंधित है

धारा 20 -अनुसूची में संशोधन की शक्ति प्रदान करती है


धारा 21 -में विद्यालय प्रबंध समिति के बारे में बताया गया है
विद्यालय प्रबंध समिति में कुल 16 सदस्य होंगे इनकी बैठक प्रत्येक महीने होगी प्रत्येक महीने की अमावस्या को इनकी बैठक होगी अमावस्या के दिन छुट्टी होने पर अगले नियत तिथि को बैठक होगी


धारा 22- में विद्यालय विकास की योजना बनाने से संबंधित है इसके अंतर्गत विद्यालय प्रबंध समिति विद्यालय विकास योजना तैयार करेगी तैयार की गई  विद्यालय विकास योजना बनाई जाने वाली योजना और दिए जाने वाले अनुदान  का आधार होगी


धारा 23- शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम  सेवा निबंधन व शर्ते से संबंधित है जहां किसी राज्य में अध्यापक शिक्षा के पाठ्यक्रम या प्रशिक्षण प्रदान करने वाली पर्याप्त संस्थाएं नहीं है वहां पर केंद्र सरकार यदि आवश्यक समझे अधिसूचना द्वारा शिक्षक के रूप में नियुक्त अपेक्षित न्यूनतम अर्हता का 5 वर्ष की स्थिरता कर सकेगी निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार संशोधन 2017 के अंतर्गत यह अवधि 4 वर्ष और बढ़ाकर 31 मार्च 2019 तक कर दी गई


धारा 24 -शिक्षकों के कर्तव्य और शिकायतों को दूर करना

विद्यालय में उपस्थित होने की नियमितता व समय का पालन
29 की उप धारा 2 के  अनुसार पाठ्यक्रम संचालित करना उसे समय पर पूरा करना

प्रत्येक बालक की शिक्षा ग्रहण करने के सामर्थ्य का निर्धारण करना और अतिरिक्त शिक्षण यदि कोई हो तो जोड़ना

माता-पिता और संरक्षक के साथ नियमित बैठकर करना और बालक के बारे में उपस्थिति में अनियमितता शिक्षा ग्रहण करने का सामर्थ्य शिक्षा में की गई प्रगति किसी अन्य सुसंगत जानकारी के बारे में अवगत कराना


धारा 25- छात्र शिक्षक अनुपात


धारा 26 -शिक्षकों की रिक्तियों को भरा आ जाना


धारा 27- गैर शैक्षणिक परियोजनाओं के लिए शिक्षकों को अभियोजित किए जाने पर प्रतिबंध


धारा 28- कोई शिक्षक शिक्षिका प्राइवेट ट्यूशन या प्राइवेट शिक्षण का प्रतिषेध

     



  अध्याय 5 प्रारंभिक शिक्षा का पाठ्यक्रम व उसे पूरा करना -धारा 29 व 30



धारा 29 -प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम और उनकी मूल्यांकन प्रक्रिया समुचित सरकार द्वारा अधिसूचना किए जाने वाले शिक्षा पदाधिकारी द्वारा अधिकथित की जाएगी
शिक्षा का माध्यम जहां तक हो बालक की मातृभाषा हो

बालक के समझने की शक्ति और उसे उपयोग करने की योग्यता का व्यापक व सतत मूल्यांकन


धारा 30- किसी बालक से प्रारंभिक शिक्षा समाप्त होने तक कोई बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने की उपेक्षा नहीं की जाएगी

          




           अध्याय 6 धारा 31 से 34

धारा 31 -बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 3 के अधीन गठित राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग निम्नलिखित कृतियों का पालन करेगा निशुल्क अनिवार्य शिक्षा के बालक के अधिकार संबंधी परिवाद की जांच करना

धारा 32 -शिकायत प्राप्त होने के पश्चात स्थानीय प्राधिकार पक्षकार को सुने जाने की युक्ति युक्त अवसर प्रदान करके मामले का 3 माह मे निपटाएं


धारा 33- एक केंद्रीय सलाहकार परिषद का गठन किया जाएगा जिसमें 15 से अधिक सदस्य होंगे


धारा 34- राज्य सरकार भी एक अधिसूचना द्वारा एक राज्य सलाहकार परिषद का गठन करेगी जिसमें भी 15 से अधिक सदस्य प्राथमिक शिक्षा बाल विकास के क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव रखने वाले व्यक्ति  हो

               


              अध्याय 7 प्रकीर्ण

धारा 35 निर्देश जारी करने की शक्ति
केंद्रीय सरकार  समुचित सरकार या स्थानीय प्राधिकारी के लिए ऐसे मार्गदर्शक सिद्धांत जारी सकती है जो अधिनियम के उपबंध क्रियान्वित के लिए ठीक समझें



धारा 36-अभियोजन के लिए पूर्व मंजूरी

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धारा 37- सद्भावना  पूर्वक की गई कार्रवाई के लिए सरक्षण


धारा 38 -समुचित सरकार के नियम बनाने की शक्ति


धारा 39 -कठिनाइयों को दूर करने की केंद्र सरकार की शक्ति


6 वर्ष से 14 वर्ष की आयु के सभी बालकों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उसको बंद करने के लिए विधायक भारत के गणराज्य के साथ के वर्ष में संसद द्वारा अधिनियमित किया गया।

विद्यालय के लिए मान और मानक धारा 19 और धारा25


पहली से पांचवी कक्षा के लिए 60 बच्चों पर कम से कम 2 अध्यापक होंगे। 60 से 90 बच्चों पर 3 अध्यापक व 91से120 के मध्य बच्चों पर 4 अध्यापक 150 के ऊपर होने पर 5 अध्यापक प्रधानाध्यापक होगा। 200 बालकों के ऊपर होने पर छात्र शिक्षक अनुपात है वह 40 से अधिक नहीं होगा।

छठी कक्षा से आठवीं कक्षा के लिए छात्र शिक्षक अनुपात
कम से कम  एक शिक्षक इस प्रकार होगा विज्ञान गणित सामाजिक और भाषा जहां 35 बालकों के लिए कम से कम 1 शिक्षकों होगा 100 से ऊपर बालकों को प्रवेश दिया गया है वहां पर पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक होगा


छात्र शिक्षक अनुपात 35:1  होगा

शैक्षणिक वर्ष में कार्य दिवस

पहली से पांचवी कक्षा के लिए 200 कार्य दिवस व छठी से आठवीं कक्षा के लिए 220 कार्य दिवस निर्धारित किए गए

पहली कक्षा के पांचवी कक्षा के लिए प्रति शैक्षणिक वर्ष 800 घंटे निर्धारित किए गए हैं वह छठी कक्षा से आठवीं कक्षा के लिए प्रति शैक्षणिक वर्ष 1000 शैक्षणिक घंटे निर्धारित किए गए।

शिक्षण के लिए प्रति सप्ताह कार्य घंटों की न्यूनतम संख्या
शिक्षण के लिए 45 शिक्षण घंटे जिसके अंतर्गत तैयारी के घंटे भी  है निर्धारित किए गए।

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