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उदारवाद(Liberalism) का अर्थ स्वरूप प्रकार और विशेषताएं




उदारवाद को अंग्रेजी भाषा में लिबरलिज्म(liberalism) कहते हैं इसकी उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के शब्द लिबर्टी (liberty)से हुई है यह लेटिन भाषा के लिबेरालिस(liberalis) से संबंधित है जिसका अर्थ है -स्वतंत्रता

#Liberalism




उदारवाद का जन्म यूरोप में हुआ उदारवाद का जन्म 16-17 वी शताब्दी में हुआ।

उस समय यूरोप का नैतिक पतन हो चुका था चारों तरफ धर्म का बोलबाला था राजा और पोप दोनों निरंकुश लोगों पर शासन करते थे व ईश्वर के नाम से लोगों को डराते थे।

पोप- व्यक्ति दुष्ट आत्मा है अपवित्र आत्मा है इसलिए उनके पापों को मिटाने के लिए पोप को ईश्वर ने धरती पर भेजा है

उसी समय यूरोप में जॉन लाॅक जैसे विद्वान का जन्म हुआ जिन्होंने यह कहकर पूरे यूरोप में हलचल मचा दी की सभी व्यक्ति पैदाइशी समान है।




जॉन लाॅक-सभी व्यक्तियों को ईश्वर ने धरती पर भेजा है केवल राजा या पोप को अकेले नहीं।

उदारवाद -व्यक्ति एक विवेकशील प्राणी है वह अपना अच्छा बुरा समय जानता है

जेम्स 1-अगर राजा बुरा है तो भी व्यक्ति को राजा की आज्ञा का पालन करना चाहिए क्योंकि उन्होंने पिछले जन्म में कोई बुरे कर्म किए होंगे इसलिए उनके लिए ईश्वर ने बुरा राजा भेजा।



जॉन लॉक ने कहा कि कोई भी व्यक्ति पैदाइशी अच्छा या बुरा नहीं होता सभी व्यक्ति समान है अतः हम पर शासन करने का अधिकार उसी को है जिसको हम सहमति दें।

बेन्थम-समाज व्यक्तियों का योगमात्र है और कुछ नहीं।
बेन्थम-राज्य का काम अधिकतम व्यक्तियों को अधिकतम सुखी प्रदान करना है।






उदारवाद की परिभाषा


लास्की- उदारवाद सिद्धांतों का समुच्चय नहीं मन की एक आदत है।



रिचर्ड बेंहम-व्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास ही उदारवाद है



हैंकर-उदारवाद राजनीति के शब्दकोश में एक प्रचलित शब्दावली है परंतु एक साहसी व्यक्ति ही इसकी स्पष्ट व  सुनिश्चित परिभाषा करने का प्रयास करेगा।




उदारवाद का जन्म यूरोप में होने के कारण-



यूरोप में सर्वप्रथम पुनर्जागरण आंदोलन और धर्म सुधार आंदोलन चले
16- 17 वी शताब्दी में यूरोप में वैज्ञानिक क्रांति हुई जिसके फलस्वरूप नए-नए आविष्कार हुए
यूरोप में उद्योग धंधों का विकास हुआ संचार के साधनों का विकास हुआ जिसके फलस्वरूप नगरीकरण हुआ
यूरोप में सर्वप्रथम वाणिकवाद के स्थान पर पूंजीवाद आया
यूरोप में सर्वप्रथम मध्यम वर्ग का उदय हुआ जिसके कारण उदारवाद का जन्म सर्वप्रथम यूरोप में हुआ।


इंग्लैंड को उदारवाद का घर कहा जाता है

जॉन लाक को उदारवाद का जनक कहा जाता है



 टू ट्रीटीज आॅन सिविल गवर्नमेंट उदारवाद की बाइबल पुस्तक कही जाती है।


जॉन लाक को उदारवाद का जनक कहने के कारण-



जॉन लॉक मानव को सद्गुणी मानता था


जॉन लॉक सहिष्णुता पर बल देता है।



वह निजी संपत्ति का समर्थन करता है



वह संसदीय शासन का समर्थन करता है



जॉन लॉक सरकार को जनता के प्रति उत्तरदाई ठहराता है।


जॉन लॉक जनता को क्रांति का अधिकार देता है


जॉन लॉक तीन प्रकार के प्राकृतिक अधिकार जीवन स्वतंत्रता व संपत्ति का विचार रखता है।

उदारवाद की विशेषताएं



बाॅरबाॅरा गुडविन के अनुसार उदारवाद की निम्नलिखित विशेषताएं हैं -

उदारवाद के अनुसार व्यक्ति स्वतंत्र तार्किक व स्वायत्त है।
सरकार व्यक्तियों की शांति और समझौते पर आधारित है


उदारवाद संवैधानिक और विधि के शासन में विश्वास रखता है।

उदारवाद चयन की स्वतंत्रता में विश्वास करता है जिसमें सरकार के चयन भी शामिल है।



उदारवाद अवसर की समानता ,सामाजिक न्याय व सहिष्णुता में विश्वास रखता है।



उदारवाद के प्रकार-




परंपरागत उदारवाद-


अन्य नाम-नकारात्मक उदारवाद /शास्त्रीय उदारवाद/ चिर सम्मत उदारवाद /उद्धात उदारवाद /मुक्त बाजार उदारवाद क/अहस्तक्षेप उदारवाद/ व्यक्तिवादी उदारवाद





नकारात्मक उदारवाद के समर्थक-
जॉन लॉक, एडम स्मिथ हरबर्ट स्पेंसर जेम्स मिल बेंथम थॉमस पेन जेफरसन।



नकारात्मक उदारवाद की विशेषताएं


इसके अनुसार व्यक्ति विवेकशील प्राणी है वह अपना अच्छा व बुरा स्वयं सोच सकता है।



लेसेफेयर के सिद्धांत का समर्थन करते हैं इनके अनुसार व्यक्ति को खुला छोड़ देना चाहिए।



योग्यता पर बल देते हैं और आरक्षण का विरोध करते हैं



यह राज्य का न्यूनतम कार्य क्षेत्र का समर्थन करते हैं


नकारात्मक उदारवादी राज्य को व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए



यह राज्य को एक आवश्यक बुराई मानते हैं आवश्यक इसलिए कि यह बाहरी आक्रमणों से रक्षा व आंतरिक शांति बनाए रखता है और बुराई इसलिए कि यह व्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाता है।


19वीं शताब्दी तक आते-आते नकारात्मक उदारवाद अपने चरम पर था लेकिन बाद में उनमें अनेक कमियां महसूस कर होने लगी लोगों में आर्थिक असमानता बढ़ने लगी समाज दो वर्गों में बट गया पूंजीवादी व गरीब नकारात्मक उदारवाद के विरोध में मार्क्सवाद आया उन्होंने अपने प्रचार से नकारात्मक उदारवाद को लोगों की नजरों से गिरा दिया मार्क्सवाद ने प्रसिद्ध नारा दिया कि दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ तुम्हारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है लेकिन पाने के लिए पूरा विश्व पड़ा है। तब इसमें परिवर्तन महसूस किया जाने लगा






सकारात्मक उदारवाद


अन्य नाम-आधुनिक उदारवाद/ सामाजिक उदारवाद /लोक कल्याणकारी उदारवाद /संशोधनवादी उदारवाद

समर्थक -जे एस मिल टीएच ग्रीन हाॅबहाउस लास्की मैकाइवर लिंडसे, बार्कर ,कोल



सकारात्मक उदारवाद की विशेषताएं


सकारात्मक उदारवाद योग्यता के साथ-साथ आरक्षण पर भी बल देता है


सकारात्मक उदारवाद लोक कल्याणकारी राज्य का समर्थन करता है
सकारात्मक उदारवाद के अनुसार राज्य व्यक्ति के जीवन में हस्तक्षेप कर सकता है



राज्य जनता की भलाई के लिए व्यापक कार्य कर सकता है
राज्य एक आवश्यक बुराई नहीं बल्कि कल्याणकारी संस्था है।




व्यक्तिवाद +लोकतंत्र =सकारात्मक उदारवाद



उदारवाद +समाजवाद= लोक कल्याणकारी राज्य


जे एस मिल पहले नकारात्मक उदारवादी था बाद में सकारात्मक उदारवाद को अपनाता है वह है गरीबों के लिए भूमि सुधार के लिए राज्य के हस्तक्षेप का समर्थन करता है इसलिए जे एस मिल को सकारात्मक उदारवाद का जनक कहा जाता है।

टी एच ग्रीन ने भी सभी क्षेत्रों में राज्य के हस्तक्षेप का समर्थन किया इन्होंने 3 सामाजिक बुराइयों के लिए राज्य के हस्तक्षेप का समर्थन किया 1-अज्ञानता 2-दरिद्रता 3-नशाखोरी

इस प्रकार उदारवाद ने व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से जीना सिखाया व्यक्तियों की तार्किकता का समर्थन किया और सभी व्यक्तियों को समान माना।








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